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आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार करते युवा, Social Media को बनाया हथियार

गंजबासौदा के युवाओं ने महामारी को अवसर बनाने का काम किया. शहर के युवा घर से ही अपने हाथों से बनाई चीजों को प्रदेश के साथ पूरे देश में बेच रहे हैं. सोशल मी़डिया के इस्तेमाल से यह युवा आत्मनिर्भर भारत का संदेश तो दे ही रहे है बल्कि अपने परिवार को फाइनेंशियल हेल्प भी कर रहें हैं.

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आत्मनिर्भर भारत का सपन साकार करते युवा
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Published : Jun 1, 2021, 8:39 PM IST

विदिशा। कहते हैं जहां चाह वहां राह. इसी बात को सच कर दिखाया है गंजबासौदा के युवाओं ने जिन्होंने कोरोनाकाल में लगे लॉकडाउन में हार नहीं मानी बल्कि खुद के दम पर ये युवा अपना बिजनेस चला रहे हैं. अपने हुनर के दम पर यह युवा सिर्फ कारोबार ही नहीं कर रहे बल्कि उनके कारोबार को अच्छा रिस्पांस भी मिल रहा हैं .युवाओं के बनाए हुए केक,चॉकेलट प्रदेश के साथ देश में भी मशहूर हो रहे हैं.

गंजबासौदा के काबिल युवाओं की कहानी

लॉकडाउन के दौरान आया खुद का बिजनेस करने का आइडिया

लॉकडाउन में जहां देश और दुनिया के बड़े से लेकर छोटे धंधे ठप्प है. तो वहीं दूसरी ओर विदिशा जिले के गंजबासौदा के युवाओं ने सोशल मीडिया का इस्तेमाल करके कुछ ऐसा कर दिखाया है, जिससे आज वह पूरे देश में अपने हाथों से बनाए गए चीजों को बेचकर अच्छी खासी कमाई कर रहे हैं.

सीएम शिवराज ने मंत्रियों को वैक्सीनेशन में तेजी लाने के दिए निर्देश

प्रधानमंत्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने की ओर एक कदम

लॉकडाउन के दौरान व्यापारी आर्थिक मंदी से जूझ रहे हैं. दुकानें बंद होने की वजह से अपने व्यापार को सुचारू रुप से नहीं चला पा रहे. वहीं शहर के यह होनहार युवा बगैर किसी दुकान के और बिना किसी रोक-टोक के बिजनेस कर रहे हैं. इनकी कमाई की वजह से इनके परिवार को आर्थिक मदद मिल रही है. 19 वर्षीय समर्थ ताम्रकार बताते है कि वह इंदौर में बीसीए की पढ़ाई कर रहे थे .लेकिन लॉकडाउन लग जाने की वजह से उन्हें अपने घर वापस आना पड़ा. पिता का काम भी कोरोना के कारण पूरे तरीके से ठप्प हो गया .ऐसे में परिवार को आर्थिक तंगी बचाने के लिए मम्मी पापा को आईडिया दिया कि मैं एक घर से बिजनेस करना चाहता हूं. परिवार ने समर्थ का साथ दिया और सोशल मीडिया के जरिए सर्मथ ने बेकरी की शुरुआत की. सिर्फ 2 महीने में लगभग एक हजार पिज्जा और कुकीज़ के आर्डर वह दे चुके हैं.

youth making gifts
गिफ्ट बनाते युवा

सेजल अग्रवाल ने बताया कैसे किया घर से बिजनेस शुरु

सेजल अग्रवाल बताती है कि उनके हाथों से बनी होममेड चॉकलेट आज देश के कोने कोने में पहुंचा रही है. सेजल ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान उन्होंने केवल टाइम पास करने के लिए इंस्टाग्राम पर अकाउंट बनाकर अपनी चॉकलेट की फोटो अपलोड करना शुरू किया. जिसके बाद से उन्हें इन चॉकलेट के आर्डर महाराष्ट्र ,दिल्ली, हरियाणा और पंजाब से मिलने लगे .उन्होंने अपने परिवार के सपोर्ट से चॉकलेट सप्लाई शुरू कर दिया. आज केवल सोशल मीडिया के माध्यम से वह अच्छी खासी कमाई कर रहे हैं.

देशभर में पहचान बन रहे इनके प्रोडक्ट

कुछ इसी प्रकार का काम 22 साल की दामिनी गुप्ता ने कहा कि उन्होंने लॉकडाउन में ही इंस्टाग्राम पर अपना एक पेज बनाया और होम मेड गिफ्ट और हैंड मेड क्राफ्ट अपने पेज पर अपलोड करना शुरू कर दिया. दामिनी का कहना है कि इन गिफ्ट को खरीदने के लिए ऑर्डर मिलने लगे और आज गंजबासौदा जैसे छोटे से शहर में बैठकर पूरे देश में अपने हैंड मेड गिफ्ट भेज रहीं हैं. दामिनी ने बताया कि वो इस कमाई से अपने परिवार को भी सपोर्ट कर रहीं हैं. गंजबासौदा जैसे छोटे शहर में रहकर आज यह युवा पूरे देश में पहचाने जा रहे हैं. तो केवल अपने काम के बलबूते पर. इन युवाओं ने प्रधानमंत्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपने को भी पंख देने का काम किया है.

विदिशा। कहते हैं जहां चाह वहां राह. इसी बात को सच कर दिखाया है गंजबासौदा के युवाओं ने जिन्होंने कोरोनाकाल में लगे लॉकडाउन में हार नहीं मानी बल्कि खुद के दम पर ये युवा अपना बिजनेस चला रहे हैं. अपने हुनर के दम पर यह युवा सिर्फ कारोबार ही नहीं कर रहे बल्कि उनके कारोबार को अच्छा रिस्पांस भी मिल रहा हैं .युवाओं के बनाए हुए केक,चॉकेलट प्रदेश के साथ देश में भी मशहूर हो रहे हैं.

गंजबासौदा के काबिल युवाओं की कहानी

लॉकडाउन के दौरान आया खुद का बिजनेस करने का आइडिया

लॉकडाउन में जहां देश और दुनिया के बड़े से लेकर छोटे धंधे ठप्प है. तो वहीं दूसरी ओर विदिशा जिले के गंजबासौदा के युवाओं ने सोशल मीडिया का इस्तेमाल करके कुछ ऐसा कर दिखाया है, जिससे आज वह पूरे देश में अपने हाथों से बनाए गए चीजों को बेचकर अच्छी खासी कमाई कर रहे हैं.

सीएम शिवराज ने मंत्रियों को वैक्सीनेशन में तेजी लाने के दिए निर्देश

प्रधानमंत्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने की ओर एक कदम

लॉकडाउन के दौरान व्यापारी आर्थिक मंदी से जूझ रहे हैं. दुकानें बंद होने की वजह से अपने व्यापार को सुचारू रुप से नहीं चला पा रहे. वहीं शहर के यह होनहार युवा बगैर किसी दुकान के और बिना किसी रोक-टोक के बिजनेस कर रहे हैं. इनकी कमाई की वजह से इनके परिवार को आर्थिक मदद मिल रही है. 19 वर्षीय समर्थ ताम्रकार बताते है कि वह इंदौर में बीसीए की पढ़ाई कर रहे थे .लेकिन लॉकडाउन लग जाने की वजह से उन्हें अपने घर वापस आना पड़ा. पिता का काम भी कोरोना के कारण पूरे तरीके से ठप्प हो गया .ऐसे में परिवार को आर्थिक तंगी बचाने के लिए मम्मी पापा को आईडिया दिया कि मैं एक घर से बिजनेस करना चाहता हूं. परिवार ने समर्थ का साथ दिया और सोशल मीडिया के जरिए सर्मथ ने बेकरी की शुरुआत की. सिर्फ 2 महीने में लगभग एक हजार पिज्जा और कुकीज़ के आर्डर वह दे चुके हैं.

youth making gifts
गिफ्ट बनाते युवा

सेजल अग्रवाल ने बताया कैसे किया घर से बिजनेस शुरु

सेजल अग्रवाल बताती है कि उनके हाथों से बनी होममेड चॉकलेट आज देश के कोने कोने में पहुंचा रही है. सेजल ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान उन्होंने केवल टाइम पास करने के लिए इंस्टाग्राम पर अकाउंट बनाकर अपनी चॉकलेट की फोटो अपलोड करना शुरू किया. जिसके बाद से उन्हें इन चॉकलेट के आर्डर महाराष्ट्र ,दिल्ली, हरियाणा और पंजाब से मिलने लगे .उन्होंने अपने परिवार के सपोर्ट से चॉकलेट सप्लाई शुरू कर दिया. आज केवल सोशल मीडिया के माध्यम से वह अच्छी खासी कमाई कर रहे हैं.

देशभर में पहचान बन रहे इनके प्रोडक्ट

कुछ इसी प्रकार का काम 22 साल की दामिनी गुप्ता ने कहा कि उन्होंने लॉकडाउन में ही इंस्टाग्राम पर अपना एक पेज बनाया और होम मेड गिफ्ट और हैंड मेड क्राफ्ट अपने पेज पर अपलोड करना शुरू कर दिया. दामिनी का कहना है कि इन गिफ्ट को खरीदने के लिए ऑर्डर मिलने लगे और आज गंजबासौदा जैसे छोटे से शहर में बैठकर पूरे देश में अपने हैंड मेड गिफ्ट भेज रहीं हैं. दामिनी ने बताया कि वो इस कमाई से अपने परिवार को भी सपोर्ट कर रहीं हैं. गंजबासौदा जैसे छोटे शहर में रहकर आज यह युवा पूरे देश में पहचाने जा रहे हैं. तो केवल अपने काम के बलबूते पर. इन युवाओं ने प्रधानमंत्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपने को भी पंख देने का काम किया है.

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