विदिशा। जिले के त्योंदा सरकारी अस्पताल में नसबंदी के बाद महिलाओं को जमीन पर लेटाने का मामला सामने आया है. दरअसल अस्पताल में नसबंदी शिविर का आयोजन (Sterilization Camp Organized) किया गया. इस दौरान नसबंदी के बाद महिलाओं को जमीन पर लेटा दिया गया. अस्पताल प्रबंधन ने शिविर शुरू होने से पहले व्यवस्थाएं नहीं की थी. ऑपरेशन के बाद इंफेक्शन फैलने का खतरा और अधिक बढ़ जाता है, फिर भी प्रबंधन ने महिलाओं को जमीन पर लेटा दिया. शासन के नियम अनुसार एक दिन में केवल 30 महिलाओं का ही ऑपरेशन होना था. लेकिन अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही देखिए, शासन के नियमों को ताक पर रखकर एख ही दिन में 54 महिलाओं का ऑपरेशन कर दिया.
महिलाओं की है गलती- मेडिकल ऑफिसर
मेडिकल ऑफिसर विपिन का कहना है कि, इसमें ना तो गलती प्रशासन की है और ना गलती डॉक्टर्स की है. इसमें गलती सिर्फ और सिर्फ वह महिलाओं और उनके परिजन की है. नियमानुसार सोमवार और बुधवार को 30 ऑपरेशन किए जाने हैं, लेकिन पब्लिक प्रेशर की वजह से अधिक ऑपरेशन करना पड़ते हैं. ऐसा नहीं है कि जमीन पर लेटाने से महिलाओं को दिक्कत है. बल्कि ये सब न्यूज फैलाना के लिए दिखावा कर रही हैं.
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हमने एक दो साल पहले हमने ही 65-65 ऑपरेशन किए हैं. जब जनसंख्या रोकना है तो ढंग से रोकना चाहिए. यह 30-30 की चक्कर में महिलाएं दूर से आती है और वापस लौटा देते हैं. वह फिर लौट कर नहीं आती. पलंगों की व्यवस्था सिर्फ भी 30 से 35 की है. रही बात उन महिलाओं को जमीन पर लेटाने की तो उसको रजाई-गद्दा पर लेटाते हैं. इसका पैसा भी शासन देती है. इतने ऑपरेशंस को 3 डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ करता है.
अस्पताल में मौजूद है सिर्फ 20 पलंग
सीएमएचओ अखंड प्रताप सिंह का कहना है कि, अस्पताल में 20 पलंग है. कई पलंग खराब भी है. उनको जल्दी चेंज कराया जाएगा. मैंने निर्देश दिए हैं, व्यवस्थाएं बहुत जल्दी ठीक हो जाएंगी. यह ऑपरेशन मार्च तक चलना है. अब मैं खुद भी निगाह रख लूंगा.
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