विदिशा। विदिशा सांसद रहते हुए देश की पूर्व नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज ने इस इलाके को अनेक सौगाते दी हैं. इसमें मेडिकल कालेज, गुलाबगंज होते हुए विदिशा से गंजबासौदा रोड और ऑडिटोरियम प्रमुख हैं. 2 साल पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उनकी मूर्ति विदिशा के ऑडिटोरियम में लगाने की घोषणा की थी, लेकिन यह भी महज घोषणा ही साबित हुई. सुषमा स्वराज का सपना था कि विदिशा में एक भव्य ऑडिटोरियम बने, जिसमें विदिशा की प्रतिभाएं अपनी प्रतिभा देश के सामने ला सकें. लेकिन 5 साल होने को आए इस ऑडिटोरियम में राजनैतिक दलों के सम्मेलन, सरकारी कार्यक्रम ही हुए हैं. अब कोई सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं हुआ.
ऑडिटोरियम के आगे अतिक्रमण : ऑडिटोरियम भी बदहाली की हालत में है. चारों तरफ मधुमक्खी के छत्ते इसकी कहानी खुद बयां कर रहे हैं. ऑडिटोरियम के आगे अतिक्रमण की भरमार है. जिस कारण सड़क से भवन को खोजना भी मुश्किल हो जाता है. विदित हो कि सुषमा स्वराज ने स्वास्थ्य कारणों की वजह से 2019 में लोकसभा चुनाव लड़ने से मना कर दिया था. इसके बाद 6 अगस्त 2019 को दिल का दौरा पढ़ने से उनका निधन हो गया था. भारतीय जनता पार्टी के पूर्व अध्यक्ष युवा मोर्चा दीपक तिवारी ने इस बात पर अफसोस जाहिर किया कि अब तक मूर्ति नहीं लग सकी.
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मूर्ति लगाने के प्रयास जारी : दीपक तिवारी का कहना है कि सुषमा स्वराज की मूर्ति लगाने का प्रयास जारी है. मुख्यमंत्री जब अगली बार विदिशा आएंगे तो मूर्ति का अनावरण होगा. इसके बाद ब्रिज का लोकार्पण होगा. मूर्ति बनकर तैयार है. वह ऑडिटोरियम में रखी हुई है. उसको भी बने हुए लगभग 1 साल का समय हो गया है लेकिन जल्दी ही इस महीने मूर्ति का अनावरण होना निश्चित है. ऑडिटोरियम में कोई भी सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं हुआ. यहां अतिक्रमण बहुत है. जिस हिसाब से यह बना हुआ था, हिसाब से नहीं हो पाया है.