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Vidisha MP : चारपाई पर मरीज को लेकर घुटनों तक कीचड़ पार करते हैं यहां के ग्रामीण

सरकारें विकास कार्यों का कितना भी दम भर लें लेकिन कई गांव आज भी मूलभूत सुविधाएं के लिए तरस रहे हैं. विदिशा जिले का पूरा गोसाई गांव सड़क के लिए तरस रहा है. गांव में कीचड़ ही कीचड़ है. मरीजों को अस्पताल ले जाने के लिए चारपाई का सहारा लेना पड़ता है. (Many Villages has no road) (Villages of Vidisha district MP) (Villages Only mud in rain)

Many Villages has no road
घुटनों तक कीचड़ को पार करते हैं ग्रामीण
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Published : Aug 8, 2022, 2:25 PM IST

विदिशा। विदिशा जिला मुख्यालय से 35 किलोमीटर दूर ग्राम पूरा गोसाई में न सड़क है और न नालियां. गांव में लगभग 2 किलोमीटर क्षेत्र में कीचड़ ही कीचड़ है. गांव के लोग परेशान हैं. इनका कहना है कि यदि कोई व्यक्ति बीमार हो जाता है तो लोग उसे खटिया पर लेकर जाते हैं. खटिया उठाने वाले कीचड़ में से निकलते हैं. वहीं, घुटने तक कीचड़ से निकलकर बच्चे स्कूल जाते हैं. कुछ बच्चों ने तो कीचड़ के कारण स्कूल जाना बंद कर दिया है.

घुटनों तक कीचड़ को पार करते हैं ग्रामीण

घायल हो रहे हैं ग्रामीण : गांव की महिलाओं ने बताया कि प्रतिदिन हमें हैंडपंपों से पानी लेने इसी कीचड़ में से निकलकर आना- जाना पड़ता है. कभी-कभी पैर फिसल जाता है तो गंभीर चोट आ जाती है. एक महिला ने बताया कि पानी लाते समय कीचड़ में पैर फिसल कर गिरने से आंख के बगल में गंभीर चोट आई थी. गांव के लोगों का कहना है कि सड़क की मांग हम क्षेत्र के विधायक, सांसद और गांव के सरपंच से कई बार कर चुके हैं. लेकिन सुनवाई नहीं होती. बारिश में हर साल यही स्थिति बनती है.

Betul MP News : कीचड़ से सराबोर होकर, खतरनाक नाले पार कर… आओ स्कूल चलें हम

बारिश में घर से निकलना मुश्किल : बरसात आते ही गांव के लोगों की परेशानियां बहुत बढ़ जाती हैं. दिन में तो जैसे तैसे चले भी जाते हैं परंतु शाम होते ही घरों से निकलना दूभर हो जाता है. सोचिए, इतने कीचड़ में से मरीज को कैसे गांव से अस्पताल तक ले जाते होंगे हम लोग. ग्राणीण दातार सिंह बताते हैं कि इस गांव की सुध कोई नेता या अफसर नहीं लेता.

विदिशा। विदिशा जिला मुख्यालय से 35 किलोमीटर दूर ग्राम पूरा गोसाई में न सड़क है और न नालियां. गांव में लगभग 2 किलोमीटर क्षेत्र में कीचड़ ही कीचड़ है. गांव के लोग परेशान हैं. इनका कहना है कि यदि कोई व्यक्ति बीमार हो जाता है तो लोग उसे खटिया पर लेकर जाते हैं. खटिया उठाने वाले कीचड़ में से निकलते हैं. वहीं, घुटने तक कीचड़ से निकलकर बच्चे स्कूल जाते हैं. कुछ बच्चों ने तो कीचड़ के कारण स्कूल जाना बंद कर दिया है.

घुटनों तक कीचड़ को पार करते हैं ग्रामीण

घायल हो रहे हैं ग्रामीण : गांव की महिलाओं ने बताया कि प्रतिदिन हमें हैंडपंपों से पानी लेने इसी कीचड़ में से निकलकर आना- जाना पड़ता है. कभी-कभी पैर फिसल जाता है तो गंभीर चोट आ जाती है. एक महिला ने बताया कि पानी लाते समय कीचड़ में पैर फिसल कर गिरने से आंख के बगल में गंभीर चोट आई थी. गांव के लोगों का कहना है कि सड़क की मांग हम क्षेत्र के विधायक, सांसद और गांव के सरपंच से कई बार कर चुके हैं. लेकिन सुनवाई नहीं होती. बारिश में हर साल यही स्थिति बनती है.

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बारिश में घर से निकलना मुश्किल : बरसात आते ही गांव के लोगों की परेशानियां बहुत बढ़ जाती हैं. दिन में तो जैसे तैसे चले भी जाते हैं परंतु शाम होते ही घरों से निकलना दूभर हो जाता है. सोचिए, इतने कीचड़ में से मरीज को कैसे गांव से अस्पताल तक ले जाते होंगे हम लोग. ग्राणीण दातार सिंह बताते हैं कि इस गांव की सुध कोई नेता या अफसर नहीं लेता.

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