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राष्ट्रीय बाल आयोग के हस्तक्षेप पर टीबी से ग्रसित बच्ची को अस्पताल में कराया गया भर्ती, हालत गंभीर

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Published : Oct 22, 2020, 9:24 AM IST

Updated : Oct 22, 2020, 11:02 AM IST

गंजबासौदा में राष्ट्रीय बाल आयोग से शिकायत के बाद टीबी जैसी गंभीर बीमारी से प्रभावित 15 साल की बच्ची को पुलिस प्रशासन ने अस्पताल में भर्ती कराया.

Rajiv Gandhi Public Hospital
राजीव गांधी जन चिकित्सालय

विदिशा। गंजबासौदा में एक बड़ा मामला सामने आया है. राष्ट्रीय बाल आयोग से शिकायत के बाद टीबी जैसी गंभीर बीमारी से ग्रसित 15 साल की बच्ची को पुलिस प्रशासन ने अस्पताल में भर्ती कराया है. खराब हालत के चलते, उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया है,

टीबी से ग्रसित बच्ची को अस्पताल कराया भर्ती

गंजबासौदा में एक गरीब परिवार की बेटी, टीबी जैसी गंभीर बीमारी से ग्रसित हो गई, जानकारी के अभाव और आर्थिक संकट के चलते परिवार अपनी 15 साल की बच्ची का उचित इलाज नहीं करा पा रहा था,जागरूक नागरिकों ने बाल आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो को इस बारे में जानकारी दी. मामले को गंभीरता से लेते हुए बाल आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने स्थानीय प्रशासन को अवगत कराया. जिसके बाद पुलिस प्रशासन ने बीमार बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराया. बच्ची की हालत गंभीर होने के कारण स्थानीय शासकीय जन चिकित्सालय में प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल रेफर किया गया है.

वहीं कबाड़ बेचने वाली लड़की के पिता जितेंद्र विश्कर्मा का कहना है कि घर की माली हालत बहुत खराब है, अगर इलाज के लिए नगर से बाहर गए तो घर में रह रहे चार छोटे-छोटे बच्चे भूखों मरने की कगार पर आ जाएंगे. इस मामले की पूरी जानकारी नगर के सामाजिक संगठन को लगी, तो इलाज के दौरान निराश्रित परिवार के भरण पोषण का जिम्मा मां अन्नपूर्णा सेवा समिति ने उठाया, और यथासंभव मदद करने का भरोसा भी दिलाया है.

विदिशा। गंजबासौदा में एक बड़ा मामला सामने आया है. राष्ट्रीय बाल आयोग से शिकायत के बाद टीबी जैसी गंभीर बीमारी से ग्रसित 15 साल की बच्ची को पुलिस प्रशासन ने अस्पताल में भर्ती कराया है. खराब हालत के चलते, उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया है,

टीबी से ग्रसित बच्ची को अस्पताल कराया भर्ती

गंजबासौदा में एक गरीब परिवार की बेटी, टीबी जैसी गंभीर बीमारी से ग्रसित हो गई, जानकारी के अभाव और आर्थिक संकट के चलते परिवार अपनी 15 साल की बच्ची का उचित इलाज नहीं करा पा रहा था,जागरूक नागरिकों ने बाल आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो को इस बारे में जानकारी दी. मामले को गंभीरता से लेते हुए बाल आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने स्थानीय प्रशासन को अवगत कराया. जिसके बाद पुलिस प्रशासन ने बीमार बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराया. बच्ची की हालत गंभीर होने के कारण स्थानीय शासकीय जन चिकित्सालय में प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल रेफर किया गया है.

वहीं कबाड़ बेचने वाली लड़की के पिता जितेंद्र विश्कर्मा का कहना है कि घर की माली हालत बहुत खराब है, अगर इलाज के लिए नगर से बाहर गए तो घर में रह रहे चार छोटे-छोटे बच्चे भूखों मरने की कगार पर आ जाएंगे. इस मामले की पूरी जानकारी नगर के सामाजिक संगठन को लगी, तो इलाज के दौरान निराश्रित परिवार के भरण पोषण का जिम्मा मां अन्नपूर्णा सेवा समिति ने उठाया, और यथासंभव मदद करने का भरोसा भी दिलाया है.

Last Updated : Oct 22, 2020, 11:02 AM IST
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