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ग्रामीणों का आरोप वन विभाग के कर्मचारी करते हैं सागौन की लकड़ी की तस्करी - लकड़ी की तस्करी न्यूज

विदिशा के श्मशाबाद में ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि वन विभाग की मिली भगत से सागौन लकड़ी की तस्करी करते हैं. जिस पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.

खुले आम अवैध सागौन की तस्करी
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Published : Nov 10, 2019, 12:58 PM IST

विदिशा। केंद्र से लेकर राज्य सरकार जल, जंगल, जमीन पर जोर देकर जंगल बसाने और अधिक से अधिक पेड़ लगाने के दावे कर रही है. वहीं जिले में शमशाबाद के जंगलों में खुले आम हरे भरे पेड़ों को चंद पैसों की लालच में उजाड़ा जा रहा है. ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि सागौन लकड़ी की तस्करी वन के प्रहरी ही कर रहे हैं. इसमें कोई और शामिल नहीं है.

सागौन की लकड़ी का अवैध कारोबार
ग्रामीण दिनेश कुमार बताते है कि खुले आम सागौन की लकड़ी की तस्करी की जा रही है. जिले में ही नहीं बल्कि जिले के बाहर भी लकड़ी की खुले आम तस्करी की जा रही है. खुले आम जंगल को काटा जा रहा है. आरोप लगाते हुए जंगल को काटने का काम वन विभाग की मिली भगत से किया जा रहा है. जंगल के बीचों बीच वन विभाग की एक चौकी है जिसमें वन रक्षक महीनों नहीं आते हैं.

विदिशा। केंद्र से लेकर राज्य सरकार जल, जंगल, जमीन पर जोर देकर जंगल बसाने और अधिक से अधिक पेड़ लगाने के दावे कर रही है. वहीं जिले में शमशाबाद के जंगलों में खुले आम हरे भरे पेड़ों को चंद पैसों की लालच में उजाड़ा जा रहा है. ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि सागौन लकड़ी की तस्करी वन के प्रहरी ही कर रहे हैं. इसमें कोई और शामिल नहीं है.

सागौन की लकड़ी का अवैध कारोबार
ग्रामीण दिनेश कुमार बताते है कि खुले आम सागौन की लकड़ी की तस्करी की जा रही है. जिले में ही नहीं बल्कि जिले के बाहर भी लकड़ी की खुले आम तस्करी की जा रही है. खुले आम जंगल को काटा जा रहा है. आरोप लगाते हुए जंगल को काटने का काम वन विभाग की मिली भगत से किया जा रहा है. जंगल के बीचों बीच वन विभाग की एक चौकी है जिसमें वन रक्षक महीनों नहीं आते हैं.
Intro:विदिशा :- केंद्र से लेकर राज्य सरकार जल , जंगल ,जमीन पर जोर देकर जंगल बसाने अधिक से अधिक पेड़ लगाने के दाबे बादे कर रही है क्या बाकी दूरदराज के ग्रामीण अंचलों में यह मुहिम पहुंच पा रही है या केवल महज मंच ,कागजो तक ही सिमट का रह गई है
Body:जंगल बचाने पर कितना जोर दिया जा रहा है इसका जीता जागता नमूना विदिशा तहसील के शमसाबाद के जंगलों में देखने मिला जहां खुले आम हरे भरे पेड़ो को जमीदोष क्या जा रहा है चंद पेसो की लालच में जंगल को उजाड़ा जा रहा है सबसे हैरानी की बात तो यह है सागौन लकड़ी की तस्करी के लिए इसमें कोई और शामिल नही बल्कि वन के प्रहरी ही है ऐंसा आरोप ग्राम बासियों ने लगाया । Conclusion:ग्राम बासी दिनेश कुमार बताते है खुले आम सागौन की लकड़ी की तस्करी की जा रही है जिले में ही नही बल्कि जिले के बाहर भी लकड़ी की खुले आम तस्करी की जा रही है खुले आम जंगल को काटा जा रहा है ग्राम बासी ने आरोप लगाते हुए जंगल को काटने का काम वन विभाग की मिली भगत से क्या जा रहा है जंगल के बीचों बीच वन विभाग की एक चौकी है जिसमे वन रक्षक महीनों नही आते ।
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