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विदिशा: जान जोखिम में डालकर जर्जर इमारतों में पढ़ने को मजबूर हैं छात्रा, प्रशासन नहीं ले रहा सुध

विदिशा से 100 किलोमीटर दूर स्थित सिरोंज के प्राथमिक स्कूल शुरुआती बारिश के दिनों में ही तालाब में तब्दील हो गया है. बच्चे पानी में पढ़ने को मजबूर हैं. क्लास रूम में बाढ़ जैसे हालात नजर आ रहे हैं.

विदिशा में शिक्षा का हाल बेहाल
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Published : Jul 9, 2019, 9:27 PM IST

विदिशा। मध्यप्रदेश सरकार शिक्षा को लेकर लाख दावे करे, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही कहानी बयां करती है. आलम ये हैं कि लाख योजनाओं और अभियानों के बाद भी प्रदेश से दूरदराज के ग्रामीण अंचल के नौनिहाल कैसे पढ़े और कैसे आगे बढ़े के सवाल हुक्मरानों से पूछ रहे हैं. ऐसा ही शिक्षा का कुछ हाल विदिशा में देखने को मिला. जहां कहीं बच्चों को पढ़ने के लिए स्कूल बिल्डिंग नहीं है और कहीं ऐसी हालत में भवन है कि बच्चे जान जोखिम में डालकर शिक्षा लेने को मजबूर है.

विदिशा से 100 किलोमीटर दूर स्थित सिरोंज के प्राथमिक स्कूल शुरुआती बारिश के दिनों में ही तालाब में तब्दील हो गया है. बच्चे पानी में पढ़ने को मजबूर हैं. क्लास रूम में बाढ़ जैसे हालात नजर आ रहे हैं. अध्यापकों का कहना है कि वे बिल्डिंग बनाने की कई बार मांग कर चुके हैं. लेकिन प्रशासन सुनने को तैयार ही नहीं है. उनका कहना है कि स्कूल भवन ना होने से एक नहीं बल्कि कई तरह की मुसीबतों का समाना करना पड़ रहा है.

विदिशा में शिक्षा का हाल बेहाल


कुरवाई तहसील के स्कूल की बिल्डिंग गिरने की कगार पर है. विदिशा का माधवगंज स्कूल में बच्चे गंदगी में तालीम ले रहे हैं. बता दें चार साल पहले जो भवन बन रहे थे, वे अभी भी पूरे नहीं हुए हैं. यह आलम किसी एक क्षेत्र में नहीं, बल्कि पूरे जिले की शिक्षा का हाल बेहाल है. तहसील सिरोंज, गंजबासौदा, नटेरन, कुरवाई के कई सरकारी स्कूल गिरने की कगार पर हैं.

विदिशा। मध्यप्रदेश सरकार शिक्षा को लेकर लाख दावे करे, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही कहानी बयां करती है. आलम ये हैं कि लाख योजनाओं और अभियानों के बाद भी प्रदेश से दूरदराज के ग्रामीण अंचल के नौनिहाल कैसे पढ़े और कैसे आगे बढ़े के सवाल हुक्मरानों से पूछ रहे हैं. ऐसा ही शिक्षा का कुछ हाल विदिशा में देखने को मिला. जहां कहीं बच्चों को पढ़ने के लिए स्कूल बिल्डिंग नहीं है और कहीं ऐसी हालत में भवन है कि बच्चे जान जोखिम में डालकर शिक्षा लेने को मजबूर है.

विदिशा से 100 किलोमीटर दूर स्थित सिरोंज के प्राथमिक स्कूल शुरुआती बारिश के दिनों में ही तालाब में तब्दील हो गया है. बच्चे पानी में पढ़ने को मजबूर हैं. क्लास रूम में बाढ़ जैसे हालात नजर आ रहे हैं. अध्यापकों का कहना है कि वे बिल्डिंग बनाने की कई बार मांग कर चुके हैं. लेकिन प्रशासन सुनने को तैयार ही नहीं है. उनका कहना है कि स्कूल भवन ना होने से एक नहीं बल्कि कई तरह की मुसीबतों का समाना करना पड़ रहा है.

विदिशा में शिक्षा का हाल बेहाल


कुरवाई तहसील के स्कूल की बिल्डिंग गिरने की कगार पर है. विदिशा का माधवगंज स्कूल में बच्चे गंदगी में तालीम ले रहे हैं. बता दें चार साल पहले जो भवन बन रहे थे, वे अभी भी पूरे नहीं हुए हैं. यह आलम किसी एक क्षेत्र में नहीं, बल्कि पूरे जिले की शिक्षा का हाल बेहाल है. तहसील सिरोंज, गंजबासौदा, नटेरन, कुरवाई के कई सरकारी स्कूल गिरने की कगार पर हैं.

Intro:स्पेशल स्टोरी , विदिशा
वक़्त बदला सिस्टम बदले नही बदले तो प्रदेश के सरकारी स्कूलों के हालात
मध्य प्रदेश सरकार स्कूल चले हम के लाख दाबे बादे करे पर जमीनी हक़ीक़ते कुछ और ही बया करती हैं आज भी प्रदेश से दूरदराज के ग्रामीण अंचल के नोनीहाल हुक्मरानों से पूछ रहे है कैंसे पड़े कैंसे बड़े हम
विदिशा जिले भर की शिक्षा का हाल बेहाल है कही स्कूल भबन ही नही तो कहीं गिरने की कगार पर है बच्चे जान जोखिम में डाल कर तालीम हासिल करने को मजबूर है
Body:विदिशा से 100 किलोमीटर दूरी पर बसा सिरोंज के प्रथमिक शाला का स्कूल शुरुआती बारिश के दिनों में तालाब में तब्दील हो चुका है बच्चे पानी मे पड़ने को मजबूर है क्लास रूम में बाढ़ जेंसे हालात नज़र आ रहे है स्कूल के शिक्षक बताते है प्रशासन से नए भबन बनाने की कई बार मांग कर चुके है पर प्रशासन के पास आज तक कोई सुनबाई नही हो रही स्कूल भबन नही होने से एक नही बल्कि कई परेशानियों का समाना करना पड़ रहा है बच्चो के दिलो में स्कूल गिरने का खोफ हमेशा रहता है इस डर से कई बच्चे स्कूल नही आते है ।

कुरवाई तहसील का भबन गिरने की कगार पर है विदिशा का माधवगंज स्कूल में बच्चे गंदगी में पड़ने को मजबूर है
इन हालातों में प्रशासन हर साल की तरह इस साल भी नए स्कूल भबन की बात कह रहा है हम आपको बता है चार साल पहले के जो अधूरे भबन थे आज तक पूरे नही हो सके ।

Conclusion:यह हाल किसी एक जगह का नही बल्कि जिले भर की शिक्षा के हाल बेहाल है तहसील सिरोंज , गंजबासौदा ,नटेरन , कुरवाई के कई सरकारी प्राथमिक शालाएं गिरने की कगार पर है पठारी के खजुरिया प्राथमिक शाला के प्रचार्य आज से नही बल्कि सालों से चलित शाला लगा रहे है क्योंकि प्रचार्य को हमेशा एक बड़ा हादसे का डर सताता रहता है राजेश कुर्मी बताते है शाला गिरने की कगार पर है इसकी जानकारी में ऊपरी अधिकारियों को बता चुका हूं आज तक हल नही हो सका ।
वहीं स्थानीय ग्रामीण राजेश दांगी ने मीडिया से बातचीत में बताया जर्जर भबन का हाल बीते चार साल से पड़ा है हर साल नए भबन का आश्वासन मिलता है जमीन पर हल आज तक नही हो सका ।
हर बार की तरह इस बार भी प्रशासन नए भबन बनने की बात कह रहा है जिले के अपर कलेक्टर मयंक अग्रवाल अब 193 अधूरे भबनो से बसूली की बात कह रहे है वहीं बजट देखकर नए भबन निर्माण की बात कह रहे हैं



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