विदिशा। जिला चिकित्सालय में मरीज 15 वर्षीय राज रैकवार को AB+ प्लस रक्त की सख्त आवश्यकता थी, मरीज के परिजनों की कोई जान पहचान न होने और खून के लिए रात भर परेशान होने से मां ने खुद ब्लड देने की पेशकश की, तो उनका हीमोग्लोबिन कम होने से डॉक्टरों ने उनका खून लेने से मना कर दिया, वहीं मां भी खून देने पर अड़ गई और,गिड़गिड़ाकर रोने लगी. तभी किसी ने रक्त सेवा समिति के संस्थापक सिद्धि कुशवाह को फोन कर उनसे मदद मांगी. जिस पर उन्होंने अपने रक्तदाता दीपेंद्र परिहार से बात की और ब्लड बैंक पहुंचकर रक्तदान संपन्न कराया.
आर्थिक रूप से कमजोर है बच्चे का परिवार
दरअसल, इस कोरोना काल में लोग डरे हुए हैं और यही वजह है कि अस्पताल में रक्त का अभाव है. वहीं मरीजों को रक्त की अति आवश्यकता पड़ रही है, तो ऐसे में कुछ लोग आगे भी आ रहे हैं और रक्तदान कर रहे हैं. साथ ही कुछ ऐसे भी लोग हैं जो रक्तदान के लिए प्रेरित कर रहे हैं. ब्लड बैंक में सिद्धि कुशवाहा द्वारा रक्तदान कराया जा रहा है. अभी तक 400 से अधिक लोगों का रक्तदान करा चुके हैं. ऐसे पीड़ित लोगों की मदद के लिए आगे आए कुशवाहा बताते हैं कि यह मां जबरन अपना ब्लड देने के लिए इच्छुक थी. पर हीमोग्लोबिन कम होने की वजह से उनका ब्लड नहीं लिया जा सकता था. जैसे ही हमारी जानकारी में आया तो हमने इन्हें ब्लड उपलब्ध कराया. उन्होंने कहा कि आगे भी किसी को जरूरत होगी उसके लिए हम मदद करेंगे.
बच्चे की मां ने कही ये बात
मां ने बताया कि मेरे बच्चे की तबीयत बहुत खराब थी. ब्लड की आवश्यकता थी और कल रात से परेशान हो रहे थे. मां ने कुशवाह का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने हमें ब्लड की व्यवस्था कराई है. साथ ही बताया कि बच्चे को ब्लड मिल गया तो, उन्हें बहुत अच्छा लग रहा है. वहीं रक्त सेवा समिति के संस्थापक और सिद्धि कुशवाहा ने बताया कि पठारी क्षेत्र के रहने वाले एक बच्चे को ब्लड की आवश्यकता थी. जिसके बाद बच्चे को रक्त उपलब्ध कराया गया.
रक्त सेवा समिति आई आगे
डॉक्टर धर्मेंद्र रघुवंशी ने बताया कि हमारे यहां एक बच्चे को AB+ रक्त की आवश्यकता थी. बच्चे के मां-बाप मजदूर हैं और शरीर से भी कमजोर हैं. जिस कारण उनसे ब्लड नहीं लिया गया. ऐसे में ब्लड की आवश्यकता पड़ी, तो ब्लड के लिए रक्त सेवा समिति जोकि सिद्धि कुशवाहा चलाते हैं उनसे संपर्क किया गया. कुशवाह तुरंत अपने किसी डोनर को लेकर आए और इस बच्चे की मदद की.