ETV Bharat / state

मध्यप्रदेश में है देश का सबसे VVIP पेड़, सुरक्षा पर हर साल खर्च होते हैं लाखों रुपए - सांची

यह बोधिवृक्ष 21 सितंबर 2012 को तत्कालीन श्रीलंकाई राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने खुद रोपित किया था. इस पेड़ को रोपने के लिए राजपक्षे उस पेड़ की शाखा लाए थे, जो बोध गया के बोधिवृक्ष की शाखा से लंका में रोपा गया था. यही वजह है कि ये पेड़ देश के सबसे वीआईपी पेड़ों में शुमार हो गया और इसकी सुरक्षा के निगाहबान खुद रायसेन के कलेक्टर हैं.

वीआईपी पेड़ सांची
author img

By

Published : Mar 21, 2019, 5:40 AM IST

Updated : Oct 19, 2021, 12:44 PM IST

विदिशा/रायसेन। सीमेंटेड बाउंड्री से घिरे मिट्टी के चबूतरे पर पसरी नन्हीं घास की चादर को नज़रअंदाज कर बीचों-बीच शान से लहरा रहे इस पेड़ के इतराने की वजह केवल इसका ऊंचा कद ही नहीं है, बल्कि वो सुविधाएं हैं जो इंसानों को भी नसीब नहीं होतीं.

इन सुविधाओं की नुमाइश देखनी है तो पेड़ को साधने वाले इस चबूतरे के चारों ओर खड़े इस लोहे के जाल और इस जाल के बाहर खड़े सुरक्षाकर्मी को देखिए. इस पेड़ की सुरक्षा में हर साल करीब 12 से 15 लाख का खर्चा आता है. इसकी सुरक्षा में 24 घंटे गार्ड तैनात रहते हैं. पेड़ को पानी देने के लिये विशेष तौर पर स्थानीय प्रशासन का टैंकर आता है. पेड़ किसी तरह की बीमारी का शिकार न हो जाए इसके लिए वक्त-वक्त पर कृषि अधिकारी भी यहां का दौरा करते रहते हैं.

वीडियो

आप सोच रहे होंगे कि पीपल के इस पेड़ में ऐसी क्या बात है जो इसके लिए इतने खास इंतजाम किये गये हैं. दरअसल ये साधारण पीपल नहीं बल्कि उस बोधि वृक्ष के परिवार का हिस्सा है जिसके नीचे बैठकर महात्मा बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त किया था. यह बोधिवृक्ष 21 सितंबर 2012 को तत्कालीन श्रीलंकाई राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने खुद रोपित किया था. इस पेड़ को रोपने के लिए राजपक्षे उस पेड़ की शाखा लाए थे, जो बोध गया के बोधिवृक्ष की शाखा से लंका में रोपा गया था. यही वजह है कि ये पेड़ देश के सबसे वीआईपी पेड़ों में शुमार हो गया और इसकी सुरक्षा के निगाहबान खुद रायसेन के कलेक्टर हैं.

विदिशा/रायसेन। सीमेंटेड बाउंड्री से घिरे मिट्टी के चबूतरे पर पसरी नन्हीं घास की चादर को नज़रअंदाज कर बीचों-बीच शान से लहरा रहे इस पेड़ के इतराने की वजह केवल इसका ऊंचा कद ही नहीं है, बल्कि वो सुविधाएं हैं जो इंसानों को भी नसीब नहीं होतीं.

इन सुविधाओं की नुमाइश देखनी है तो पेड़ को साधने वाले इस चबूतरे के चारों ओर खड़े इस लोहे के जाल और इस जाल के बाहर खड़े सुरक्षाकर्मी को देखिए. इस पेड़ की सुरक्षा में हर साल करीब 12 से 15 लाख का खर्चा आता है. इसकी सुरक्षा में 24 घंटे गार्ड तैनात रहते हैं. पेड़ को पानी देने के लिये विशेष तौर पर स्थानीय प्रशासन का टैंकर आता है. पेड़ किसी तरह की बीमारी का शिकार न हो जाए इसके लिए वक्त-वक्त पर कृषि अधिकारी भी यहां का दौरा करते रहते हैं.

वीडियो

आप सोच रहे होंगे कि पीपल के इस पेड़ में ऐसी क्या बात है जो इसके लिए इतने खास इंतजाम किये गये हैं. दरअसल ये साधारण पीपल नहीं बल्कि उस बोधि वृक्ष के परिवार का हिस्सा है जिसके नीचे बैठकर महात्मा बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त किया था. यह बोधिवृक्ष 21 सितंबर 2012 को तत्कालीन श्रीलंकाई राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने खुद रोपित किया था. इस पेड़ को रोपने के लिए राजपक्षे उस पेड़ की शाखा लाए थे, जो बोध गया के बोधिवृक्ष की शाखा से लंका में रोपा गया था. यही वजह है कि ये पेड़ देश के सबसे वीआईपी पेड़ों में शुमार हो गया और इसकी सुरक्षा के निगाहबान खुद रायसेन के कलेक्टर हैं.

Last Updated : Oct 19, 2021, 12:44 PM IST

For All Latest Updates

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.