विदिशा। भले ही देश में राष्ट्रवाद कितना भी हावी क्यों न हो गया हो, लेकिन प्रशासन की लापरवाही के कारण देश के लिए लड़ने वालों के सपने अभी भी अधूरे हैं. ऐसा ही एक मामला है विदिशा में जहां स्वतंत्रता सेनानी रघुवीर चरण शर्मा शहर के चौराहों पर महापुरुषों की मूर्ति लगवाना चाहते हैं, लेकिन उनका ये सपना प्रशासन की अनदेखी के कारण अब भी पूरा नहीं हो पा रहा है.
97 साल के स्वतंत्रता सेनानी रघुवीर चरण शर्मा ने शहर को लाखों रुपये की महापुरुषों की मूर्ति तो दे दी पर शासन-प्रशासन सालों बीत जाने के बाद भी मूर्तियों के लिए जगह चिन्हित नहीं कर पा रहा है. चार बड़ी मूर्ति रघुवीर ने इस शहर को दी. जिसमे से तीन मूर्ति लग पाई, लेकिन रानी लक्ष्मी बाई की मूर्ति आज भी तालों में कैद है. हालांकि अब नगर पालिका प्रशासन इसे जल्द लगाने की बात कर रही है.
रघुवीर अपनी याद ताजा करते हुए बताते हैं कि जब देश की स्वतंत्रता की लड़ाई का हिस्सा लिया तो उन्हें ग्वालियर जेल में पहुंचा दिया गया. कई महीने ग्वालियर जेल में बन्द होने के बाद रघुवीर को 6 महीने मुंगावली जेल में रखा गया. रघुवीर ने देश की आजादी के लिए कई लड़ाई लड़ी. रघुवीर ने बताया कि उम्र के साथ उनकी याददाश्त भी कमजोर हो गई. उन्होंने जयपुर से लाखों रूपये की मूर्ति मंगवाई लेकिन प्रशासन उन्हें जगह नहीं दे पाया.
रघुवीर चरण शर्मा ने विदिशा में सुभाष चंद्र बोस, स्वामी विवेकानंद, चंद्र शेखर आजाद और रानी लक्ष्मी बाई की मूर्ति दी. नगर पालिका अधिकारी भी मानते हैं कि मूर्ति लगने में काफी विलंब हुआ, लेकिन यह पुराने अधिकारियों के कार्यकाल की बात है. लेकिन अब एक जगह चिन्हित कर जल्द ही मूर्ति लगाई जाएगी. अब देखना होना स्वतंत्रता सेनानी के सपनों को जगह मिल पाती है या फिर उनकी बूढ़ी आंखों को और इतजार करना पड़ेगा.