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चीनी ऐप्स को खदेड़ने के लिए देसी 'Replace It' ऐप, जानें क्या है इसकी खासियत

देश भर में हो रहे चीनी सामानों के बहिष्कार के बीच विदिशा में एक युवक ने अलग तरीका खोजा है, जिससे अब मोबाइल से चीनी ऐप का बहिष्कार करना आसान हो जाएगा.

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Published : Jun 29, 2020, 1:13 PM IST

Updated : Jun 29, 2020, 1:27 PM IST

Desi 'Replace It' App
देसी 'Replace It' ऐप

विदिशा। भारत-चीन के बीच बढ़ते तनाव के बाद देशभर में चीन के खिलाफ लोगों का गुस्सा फूट रहा है. देश में आम जन चीनी वस्तुओं का अपने-अपने तरीके से विरोध जता रही है. लोगों में गुस्सा इतना है कि, कुछ लोगों ने तो अपने घरों की चीनी कंपनियों द्वारा बनाई गई टीवी भी सड़कों पर लाकर तोड़ दिया. देश भर में उठी चीन में बनी वस्तुओं के बहिष्कार की मांग के बीच विदिशा के युवा अंकित अग्रवाल ने मोबाइल में डाउनलोड चीनी ऐप हटाने के लिए अनोखा ऐप तैयार किया है. इस 'रिप्लेस इट ऐप' के जरिए न केवल चाइनीज ऐप हटाए जा सकता है, बल्कि यूजर को भारतीय ऐप के बारे में विकल्प भी मिलते हैं.

देसी 'Replace It' ऐप

ये ऐप विदिशा जिले के नंदवाना क्षेत्र निवासी अंकित ने बनाया है. उन्होंने बताया कि, चार दिन में इस ऐप को तैयार किया गया है. इस ऐप में पांच फीचर हैं.

  • मोबाइल में डाउनलोड चीनी ऐप के बारे में जानकारी प्रदर्शित होगी.
  • भारतीय ऐप के विकल्प दिखेंगे. उदाहरण के तौर पर टिक टॉक ऐप चीनी है. इसके विकल्प के तौर पर भारतीय ऐप हैं, जैसे बोलो इंडिया, मित्रों, रोपसो आदि उसमें दिखेंगे.
  • बारकोडिंग के जरिए उत्पादों के निर्माता देश की जानकारी मिल सकेगी.
  • पांचवें फीचर में कोविड-19 की देश में स्थिति की जानकारी मिलेगी.

इस एप के लांच होने के हफ्तेभर में ही हजारों लोगों ने इसे डाउनलोड किया है. गूगल प्ले स्टोर पर इस एप की रेटिंग 4.9 दर्ज हो चुकी है.

अंकित रक्तदाताओं के लिए बना चुके हैं ऐप और बेवसाइट

17 जून को यह एप गूगल प्ले स्टोर पर रिलीज किया गया था. मूलरूप से मुलताई (बैतूल) निवासी 30 वर्षीय अंकित भोपाल के निजी कॉलेज में इंजीनियरिंग की आइटी ब्रांच में दाखिला लिया और एक साल बाद ही पढ़ाई छोड़ दी. इसके बाद सॉफ्टवेयर बनाने लगे. इससे पहले वे रक्तदाताओं के लिए ऐप और वेबसाइट बना चुके हैं. अंकित को एप बनाने की प्रेरणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आत्मनिर्भर होने संबंधी आह्वान करने से मिली थी.

15 दिन बाद गूगल ने जारी किया एप

अंकित ने बताया कि, गूगल ने अपने प्लेटफॉर्म पर 15 दिन में यह एप जारी किया. इसके लिए उन्होंने कई बार गूगल से संपर्क करने की कोशिश की. इसके लिए उन्होंने गूगल की शर्तों के अनुसार इस एप में कुछ बदलाव किए. जिसमें इस शर्त को शामिल किया गया कि, चीनी एप हटाने की जिम्मेदारी मोबाइल धारक की है. इन शर्तों के साथ गूगल ने इसे प्ले स्टोर पर शामिल किया है. अंकित का कहना है कि, इस एप के जरिए न केवल चीनी एप का बहिष्कार कर सकते हैं, बल्कि भारतीय एप का समर्थन भी किया जा सकता है. जब अंकित के इस एप के बारे में विदिशा के लोगों को पता चला, तो हर कोई अब इस एप को डाउनलोड कर रहा है.

15 जून 2020 को लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के जवानों के बीच हिंसक झड़प हुई थी. जहां चीनी सैनिकों के हमले से भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे. शहीद सैनिकों की मौत के कारण देशभर के लोगों में आक्रोश है, लोग जगह-जगह लोग चीन के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं और अलग-अलग तरीके से विरोध दर्ज कर रहे हैं.

विदिशा। भारत-चीन के बीच बढ़ते तनाव के बाद देशभर में चीन के खिलाफ लोगों का गुस्सा फूट रहा है. देश में आम जन चीनी वस्तुओं का अपने-अपने तरीके से विरोध जता रही है. लोगों में गुस्सा इतना है कि, कुछ लोगों ने तो अपने घरों की चीनी कंपनियों द्वारा बनाई गई टीवी भी सड़कों पर लाकर तोड़ दिया. देश भर में उठी चीन में बनी वस्तुओं के बहिष्कार की मांग के बीच विदिशा के युवा अंकित अग्रवाल ने मोबाइल में डाउनलोड चीनी ऐप हटाने के लिए अनोखा ऐप तैयार किया है. इस 'रिप्लेस इट ऐप' के जरिए न केवल चाइनीज ऐप हटाए जा सकता है, बल्कि यूजर को भारतीय ऐप के बारे में विकल्प भी मिलते हैं.

देसी 'Replace It' ऐप

ये ऐप विदिशा जिले के नंदवाना क्षेत्र निवासी अंकित ने बनाया है. उन्होंने बताया कि, चार दिन में इस ऐप को तैयार किया गया है. इस ऐप में पांच फीचर हैं.

  • मोबाइल में डाउनलोड चीनी ऐप के बारे में जानकारी प्रदर्शित होगी.
  • भारतीय ऐप के विकल्प दिखेंगे. उदाहरण के तौर पर टिक टॉक ऐप चीनी है. इसके विकल्प के तौर पर भारतीय ऐप हैं, जैसे बोलो इंडिया, मित्रों, रोपसो आदि उसमें दिखेंगे.
  • बारकोडिंग के जरिए उत्पादों के निर्माता देश की जानकारी मिल सकेगी.
  • पांचवें फीचर में कोविड-19 की देश में स्थिति की जानकारी मिलेगी.

इस एप के लांच होने के हफ्तेभर में ही हजारों लोगों ने इसे डाउनलोड किया है. गूगल प्ले स्टोर पर इस एप की रेटिंग 4.9 दर्ज हो चुकी है.

अंकित रक्तदाताओं के लिए बना चुके हैं ऐप और बेवसाइट

17 जून को यह एप गूगल प्ले स्टोर पर रिलीज किया गया था. मूलरूप से मुलताई (बैतूल) निवासी 30 वर्षीय अंकित भोपाल के निजी कॉलेज में इंजीनियरिंग की आइटी ब्रांच में दाखिला लिया और एक साल बाद ही पढ़ाई छोड़ दी. इसके बाद सॉफ्टवेयर बनाने लगे. इससे पहले वे रक्तदाताओं के लिए ऐप और वेबसाइट बना चुके हैं. अंकित को एप बनाने की प्रेरणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आत्मनिर्भर होने संबंधी आह्वान करने से मिली थी.

15 दिन बाद गूगल ने जारी किया एप

अंकित ने बताया कि, गूगल ने अपने प्लेटफॉर्म पर 15 दिन में यह एप जारी किया. इसके लिए उन्होंने कई बार गूगल से संपर्क करने की कोशिश की. इसके लिए उन्होंने गूगल की शर्तों के अनुसार इस एप में कुछ बदलाव किए. जिसमें इस शर्त को शामिल किया गया कि, चीनी एप हटाने की जिम्मेदारी मोबाइल धारक की है. इन शर्तों के साथ गूगल ने इसे प्ले स्टोर पर शामिल किया है. अंकित का कहना है कि, इस एप के जरिए न केवल चीनी एप का बहिष्कार कर सकते हैं, बल्कि भारतीय एप का समर्थन भी किया जा सकता है. जब अंकित के इस एप के बारे में विदिशा के लोगों को पता चला, तो हर कोई अब इस एप को डाउनलोड कर रहा है.

15 जून 2020 को लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के जवानों के बीच हिंसक झड़प हुई थी. जहां चीनी सैनिकों के हमले से भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे. शहीद सैनिकों की मौत के कारण देशभर के लोगों में आक्रोश है, लोग जगह-जगह लोग चीन के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं और अलग-अलग तरीके से विरोध दर्ज कर रहे हैं.

Last Updated : Jun 29, 2020, 1:27 PM IST
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