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खुद बीमार है विदिशा जिला अस्पताल, मरीजों को कैसे मिलेगा इलाज

विदिशा जिला अस्पताल में सुविधाओं का इस कदर अकाल पड़ा है कि एक ही बेड पर 3 से 4 मरीजों को इलाज कराना पड़ रहा है, तो कुछ मरीज जमीन पर लेटने को मजबूर हैं.

जिला अस्पताल विदिशा
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Published : Jul 24, 2019, 3:30 PM IST

विदिशा। एक तरफ गंदगी के अंबार के बीच मवेशियों का जमावड़ा तो दूसरी तरफ एक बेड पर 3 से 4 महिलाएं, एक बार तो यकीन ही नहीं होगा कि यह नजारा किसी अस्पताल का हो सकता है, लेकिन यह अस्पताल ही है और वो भी जिला अस्पताल, जो सिर्फ हॉस्पिटल की स्थिति की नहीं, बल्कि अपने बीमार सिस्टम की सच्चाई को उजागर कर रहा है.

जिला अस्पताल विदिशा की बदहाल स्थिति


बीमारू सिस्टम की यह तस्वीर मध्यप्रदेश के विदिशा जिला अस्पताल की है, जहां सुविधाओं का इस कदर अकाल पड़ा है कि एक ही बेड पर 3 से 4 मरीजों को इलाज कराना पड़ रहा है, तो कुछ मरीज जमीन पर लेटने को मजबूर हैं. 35 वर्षीय कैलाशी बाई 20 किलोमीटर दूर से अपनी मां का इलाज कराने आई है. उन्हें लगा कि जिला अस्पताल में उन्हें अच्छा इलाज मिलेगा, लेकिन यहां तो उन्हें ऐसा बेड दिया गया, जिसमें पहले से तीन मरीजों का इलाज चल रहा था.

वहीं अस्पताल के हाल बेहाल होने की बात जब मुख्य चिकित्सा अधिकारी केके नागवंशी से की गई, तो पहले तो उन्होंने इसे छोटी समस्या करार दिया, फिर सफाई के सवाल पर नगर पालिका पर अपना ठीकरा फोड़ते नजर आए. फिलहाल जिम्मेदार तो अपना-अपना पल्ला झाड़ने में लगे हैं, तो वहीं बारिश के मौसम में अस्पताल के पास लगा गंदगी का अंबार मरीजों को ठीक होने के बजाय और ज्यादा बीमार कर रहा है, हालांकि अस्पताल के हालात कब तक सुधरेंगे यह तो वक्त ही बताएगा.

विदिशा। एक तरफ गंदगी के अंबार के बीच मवेशियों का जमावड़ा तो दूसरी तरफ एक बेड पर 3 से 4 महिलाएं, एक बार तो यकीन ही नहीं होगा कि यह नजारा किसी अस्पताल का हो सकता है, लेकिन यह अस्पताल ही है और वो भी जिला अस्पताल, जो सिर्फ हॉस्पिटल की स्थिति की नहीं, बल्कि अपने बीमार सिस्टम की सच्चाई को उजागर कर रहा है.

जिला अस्पताल विदिशा की बदहाल स्थिति


बीमारू सिस्टम की यह तस्वीर मध्यप्रदेश के विदिशा जिला अस्पताल की है, जहां सुविधाओं का इस कदर अकाल पड़ा है कि एक ही बेड पर 3 से 4 मरीजों को इलाज कराना पड़ रहा है, तो कुछ मरीज जमीन पर लेटने को मजबूर हैं. 35 वर्षीय कैलाशी बाई 20 किलोमीटर दूर से अपनी मां का इलाज कराने आई है. उन्हें लगा कि जिला अस्पताल में उन्हें अच्छा इलाज मिलेगा, लेकिन यहां तो उन्हें ऐसा बेड दिया गया, जिसमें पहले से तीन मरीजों का इलाज चल रहा था.

वहीं अस्पताल के हाल बेहाल होने की बात जब मुख्य चिकित्सा अधिकारी केके नागवंशी से की गई, तो पहले तो उन्होंने इसे छोटी समस्या करार दिया, फिर सफाई के सवाल पर नगर पालिका पर अपना ठीकरा फोड़ते नजर आए. फिलहाल जिम्मेदार तो अपना-अपना पल्ला झाड़ने में लगे हैं, तो वहीं बारिश के मौसम में अस्पताल के पास लगा गंदगी का अंबार मरीजों को ठीक होने के बजाय और ज्यादा बीमार कर रहा है, हालांकि अस्पताल के हालात कब तक सुधरेंगे यह तो वक्त ही बताएगा.

Intro:विदिशा जिला अस्पताल के हाल जब जानने etv भारत पहुंचा तो अस्पताल में हड़कंप मच गया जिला अस्पताल में गंदगी अव्यवस्थाएं के बीच जिला मुख्यालय के अस्पताल को पाया बारिश के मौषम में भी मरीजो को नीचे फर्श पर भर्ती किया जा रहा है आज भी हालात जो कई महीनों पहले थे आज भी वही हालात नज़र आये एक पलंग पर चार से पांच मरीजो को भर्ती कराया जा रहा है मरीजो को आज भी पलंग नही मिल पा रहे इन सबके बाद भी गरीब आदमी इलाज कराने को मजबूर है पर अस्पताल प्रबंधक को अस्पताल में कोई खामियां नज़र नही आती बल्कि मरीज बढ़ने का हवाला देते नजर आते हैं ।

Body:विदिशा का जिला अस्पताल जहां आज भी एक पलंग पर चार से पांच मरीज भर्ती होते है कुछ मरीज बारिश के दिनों में भी नीचे फर्श पर भर्ती होने को मजबूर है 35 वर्षीय कैलाशी बाई 20 किलोमीटर दूरी से अपनी मां का इपाज कराने आई बड़ी उम्मीदों से जिला अस्पताल में आईं जिला अस्पताल में अच्छे से इलाज हो सकेगा पर अस्पताल में भर्ती कराया उनके पलंग पर तीन मरीज पहले से ही भर्ती थे मजबूरन उन्हें इसी पलंग पर भर्ती होना पड़ा ।

Conclusion:महिला वार्ड का हाल बेहाल है आने वाले मरीज अस्पताल में गंदगी पर कहते हैं अस्पताल में जो गंदगी जमा है उससे मरीज खुद बीमार हो रहे हैं इन सबके बाद मुख्य चिकित्सा अधिकारी के के नागवंशी को यह समस्या महज छोटी समस्या नज़र आती है गन्दगीबके सवाल पर नगर पालिका पर अपना ठीकरा फोड़ते नजर आए ।
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