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RTPCR टेस्ट के बाद मरीज को रहना होगा आइसोलेट, विदिशा कलेक्टर ने दिया आदेश

विदिशा में लगातार गलत पता लिखवाकर RTPCR टेस्ट कराने की शिकायत मिलने के बाद कलेक्टर ने नई व्यवस्था शुरू की है, जिसके तहत अब मरीज को RTPCR टेस्ट के बाद 24 घंटे के लिए मेडिकल कॉलेज में ही आइसोलेट रहना होगा.

After RTPCR test patient will have to remain isolated in vidisha
विदिशा जिला अस्पताल
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Published : Nov 26, 2020, 4:24 PM IST

विदिशा। कोरोना महामारी से निपटने को लेकर विदिशा कलेक्टर ने नई व्यवस्था की शुरुआत करने के आदेश दिए हैं, जिसके तहत किसी मरीज का RTPCR टेस्ट होता है, तो उस मरीज को 24 घंटे तक आइसोलेट रहना होगा. टेस्ट के बाद मरीज को किसी भी सार्वजनिक स्थान या खुले आम घूमने की अनुमति नहीं होगी. इसके लिए मेडिकल कालेज में आइसोलेशन वार्ड भी तैयार किया गया है. मरीज का टेस्ट कराकर आइसोलेट कर दिया जाएगा.

क्यों लाई गई नई व्यवस्था ?

विदिशा जिले में अब तक फीवर क्लीनिक पर कोरोना की जांच के लिए रेपिड एंटीजन टेस्ट के अलावा RTPCR टेस्ट भी किए जाते थे, लेकिन पिछले कुछ दिनों में लगातार ये शिकायतें मिल रही थीं, कि RTPCR टेस्ट कराने के बाद गलत नाम- पता एवं मोबाइल नंबर लिखवाया जाता था, जिसकी वजह से रिपोर्ट आने के बाद मरीज ढूंढने पर स्वास्थ विभाग की टीम को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था.

स्वास्थ विभाग की माने तो, जिले में कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है, उसका कारण ये भी है कि, आरटीपीसीआर टेस्ट रिपोर्ट आने में 24 घंटे का समय लगता है. इस दौरान पूर्व में लोग टेस्ट कराने के बाद सामान्य व्यक्ति किस तरह घूमते रहते हैं. पॉजिटिव रिपोर्ट आने तक कई लोगों को संक्रमित कर चुके होते हैं. इसी को देखते हुए व्यवस्था शुरू की गई है.

कार्यक्रमों पर भी रोक

हालांकि जिले को कोरोना से बचाने के लिए प्रशासन द्वारा अनेक प्रकार के जतन किए जा रहे हैं. बिना मास्क घूमने वालों को खिलाफ जुर्माना लगाने का कार्रवाई की जा रही है. तो रात 8 बजे से सुबह 6 बजे तक शहर में कर्फ्यू लगाया जा रहा है. रात में किसी भी तरह की घूमने की अनुमति नहीं दी जा रही है, वहीं सार्वजनिक स्थलों पर चाहे वो धार्मिक हो या सामाजिक. ऐसे कार्यक्रमों से जिनसे कोरोना का खतरा है, उन पर रोक लगा दी गई है.

विदिशा। कोरोना महामारी से निपटने को लेकर विदिशा कलेक्टर ने नई व्यवस्था की शुरुआत करने के आदेश दिए हैं, जिसके तहत किसी मरीज का RTPCR टेस्ट होता है, तो उस मरीज को 24 घंटे तक आइसोलेट रहना होगा. टेस्ट के बाद मरीज को किसी भी सार्वजनिक स्थान या खुले आम घूमने की अनुमति नहीं होगी. इसके लिए मेडिकल कालेज में आइसोलेशन वार्ड भी तैयार किया गया है. मरीज का टेस्ट कराकर आइसोलेट कर दिया जाएगा.

क्यों लाई गई नई व्यवस्था ?

विदिशा जिले में अब तक फीवर क्लीनिक पर कोरोना की जांच के लिए रेपिड एंटीजन टेस्ट के अलावा RTPCR टेस्ट भी किए जाते थे, लेकिन पिछले कुछ दिनों में लगातार ये शिकायतें मिल रही थीं, कि RTPCR टेस्ट कराने के बाद गलत नाम- पता एवं मोबाइल नंबर लिखवाया जाता था, जिसकी वजह से रिपोर्ट आने के बाद मरीज ढूंढने पर स्वास्थ विभाग की टीम को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था.

स्वास्थ विभाग की माने तो, जिले में कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है, उसका कारण ये भी है कि, आरटीपीसीआर टेस्ट रिपोर्ट आने में 24 घंटे का समय लगता है. इस दौरान पूर्व में लोग टेस्ट कराने के बाद सामान्य व्यक्ति किस तरह घूमते रहते हैं. पॉजिटिव रिपोर्ट आने तक कई लोगों को संक्रमित कर चुके होते हैं. इसी को देखते हुए व्यवस्था शुरू की गई है.

कार्यक्रमों पर भी रोक

हालांकि जिले को कोरोना से बचाने के लिए प्रशासन द्वारा अनेक प्रकार के जतन किए जा रहे हैं. बिना मास्क घूमने वालों को खिलाफ जुर्माना लगाने का कार्रवाई की जा रही है. तो रात 8 बजे से सुबह 6 बजे तक शहर में कर्फ्यू लगाया जा रहा है. रात में किसी भी तरह की घूमने की अनुमति नहीं दी जा रही है, वहीं सार्वजनिक स्थलों पर चाहे वो धार्मिक हो या सामाजिक. ऐसे कार्यक्रमों से जिनसे कोरोना का खतरा है, उन पर रोक लगा दी गई है.

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