उमरिया। विश्वप्रसिद्ध बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान में पिछले 2 वर्षों से झारखंड और उड़ीसा के जंगलों से आए हुए हाथियों ने आतंक मचा रखा है. कभी किसान की खड़ी फसल को बर्बाद कर देते है, तो कभी ग्रामीणों को पैरों तले रौंद कर मौत के घाट उतार देते हैं. अपने पति के साथ झाड़ू बनाने के लिए घास लेने पहुंची महिला को हाथियों ने पैरों तले रौंद दिया.
6 फरवरी को बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान के पनपथा परिक्षेत्र अंतर्गत हरदी बीट के कम्पार्टमेंट-352 में 50 वर्षीय मिताली केवट अपने पति के साथ काम पर गई हुई थी. लौटते समय अचानक वह दो झाड़ियों के बीच छिपे जंगली हाथियों की जद में आ गई. मिताली का पति अपनी जान बचाकर वहां से भाग निकला, पर हाथियों ने मिताली को पैरों तले रौंद दिया.
मृतिका के पति की सूचना मिलते ही वन विभाग का अमला मौका स्थल पर पहुंचा, जहां रविवार की सुबह वन अमले ने शव को मानपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया. सहायक संचालक अनिल शुक्ला ने बताया कि परिजनों को सहायता राशि उपलब्ध करा दी गई है. वही जनहानि प्रकरण पर मृतिका के परिजनों को 4 लाख रुपए की अनुग्रह राशि भी दी जाएगी.