ETV Bharat / state

मत्स्य विभाग को चूना लगा रहे स्थानीय, रासायनिक पदार्थों का उपयोग कर पकड़ रहे मछलियां

संजय गांधी ताप विद्युत परियोजना के जोहिला डैम में प्रतिबन्ध के बावजूद मछलियां पकड़ने के लिए रासायनिक पदार्थों का उपयोग किया जा रहा है, जिसमें विभागीय अधिकारियों के मिलीभगत की भी खूब चर्चा है.

author img

By

Published : Jul 22, 2019, 3:42 PM IST

रासायनिक पदार्थों का उपयोग कर पकड़ रहे मछलियां

उमरिया। संजय गांधी ताप विद्युत परियोजना के जोहिला डैम में मछलियों का शिकार करने के लिए रासायनिक पदार्थों का उपयोग किया जाने लगा है. बरसात नहीं होने से मछलियां जल्दी जाल में नहीं फंसती, जिसके चलते रासायनिक पदार्थों का इस्तेमाल किया जा रहा है. जिससे छोटी व बड़ी मछलियां बड़ी संख्या में मारी जा रही हैं.

रासायनिक पदार्थों का उपयोग कर पकड़ रहे मछलियां

डैम से लगे क्षेत्रों में मछली का खूब व्यवसाय हो रहा है, जिसमें मत्स्य पालन विभाग व पुलिस प्रशासन का सहयोग होने की भी खूब चर्चा है. बताया गया है कि रात्रि में डैम पर लगाये गए जाल अल सुबह निकाल लिए जाते हैं, जिनमें फंसी मछलियों को अलग-अलग स्थानों पर 70 से 150 रुपये प्रति किलो की दर से बेचा जाता है.
बीते दिनों मत्स्य पालन समिति के पदाधिकारी देवलाल इंद्रपाल सिंह आदि ने मछली मारने वालों को मछली सहित पकड़ा था, जिसमें विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में दिखावे की कार्रवाई भी की गई थी. भले ही शासन ने 15 अगस्त तक मछली शिकार पर रोक लगाई हो, लेकिन उसका पालन नहीं हो रहा, बल्कि कुछ जिम्मेदारों का जेब जरूर गर्म हो रहा है.

उमरिया। संजय गांधी ताप विद्युत परियोजना के जोहिला डैम में मछलियों का शिकार करने के लिए रासायनिक पदार्थों का उपयोग किया जाने लगा है. बरसात नहीं होने से मछलियां जल्दी जाल में नहीं फंसती, जिसके चलते रासायनिक पदार्थों का इस्तेमाल किया जा रहा है. जिससे छोटी व बड़ी मछलियां बड़ी संख्या में मारी जा रही हैं.

रासायनिक पदार्थों का उपयोग कर पकड़ रहे मछलियां

डैम से लगे क्षेत्रों में मछली का खूब व्यवसाय हो रहा है, जिसमें मत्स्य पालन विभाग व पुलिस प्रशासन का सहयोग होने की भी खूब चर्चा है. बताया गया है कि रात्रि में डैम पर लगाये गए जाल अल सुबह निकाल लिए जाते हैं, जिनमें फंसी मछलियों को अलग-अलग स्थानों पर 70 से 150 रुपये प्रति किलो की दर से बेचा जाता है.
बीते दिनों मत्स्य पालन समिति के पदाधिकारी देवलाल इंद्रपाल सिंह आदि ने मछली मारने वालों को मछली सहित पकड़ा था, जिसमें विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में दिखावे की कार्रवाई भी की गई थी. भले ही शासन ने 15 अगस्त तक मछली शिकार पर रोक लगाई हो, लेकिन उसका पालन नहीं हो रहा, बल्कि कुछ जिम्मेदारों का जेब जरूर गर्म हो रहा है.

Intro:डेम में रसायनिक पदार्थो से मछलियों का शिकार
*प्रतिबन्ध के बावजूद मत्स्याखेट जारी*Body:
बिरसिंहपुर पाली-- संजय गांधी ताप विधुत परियोजना के जोहिला डेम में प्रतिबन्ध के बावजूद मछलियों का शिकार जारी है जहाँ दिन रात स्थानीय कुछ लोगो के सह पर बाहरी बड़े व्यवसायी मत्स्याखेट करा रहे है। गौरतलब है कि जोहिला डेम के अघोषित घाट में जाल लगाकर मछली मारी जाती है जिसे स्कूली वेन लिखे वाहनों से छोटी तूम्मी मार्ग होकर शहडोल घुनघुटी व पाली सहित अन्य क्षेत्र में व्यवसाय के लिए ले जाया जाता है। बताया गया है कि डेम से जुड़ने वाली सुन्दरदादर के समीप नदियों में भी बहुतायत मात्रा में मछली का शिकार बेरोकटोक किया जाता है। बीते दिनों से यह बात भी सामने आ रही है कि बरसात न होने से मछली जल्द जाल में नही फंसती इसलिए अब रसायनिक पदार्थो का प्रयोग भी किया जाने लगा है जिससे छोटी व बड़ी मछली भारी तादात में मारे जा रहे है। डेम से लगे क्षेत्र अमवारी मंठार बन्धवाटोला कलदा मछेहा टकटई आदि क्षेत्र से भी मछली व्यवसायी शिकार कर आसपास के क्षेत्र में मछली का बेधड़क व्यवसाय कर रहे है जिसमे मत्स्य पालन विभाग व पुलिस प्रशासन का भरपूर सहयोग होने की चर्चा सर्वआम है। क्षेत्र के एक युवक ने नाम प्रकाशित न करने की बात कहते हुए बताया कि बीते दिन मंठार से लगे कुरकुचा गांव के घाट में देर रात्रि करीब 11 बजे बड़े मछली व्यवसायी बोलेरो गाड़ी से भारी तादात में मछली का परिवहन करने ही वाले थे कि अचानक किसी ने पुलिस को फोन कर दिया जहाँ सभी वाहन पुलिस ने पकड़ लिए जिन्हें मौके पर ही कुछ समय उपरांत लेनदेन कर छोड़ दिया गया। बताया गया है कि रात्रि में डेम पर लगाये गए जाल सुबह भोर में निकाल लिए जाते है जिनमे फंसी मछलियों को ठीहे में 70 रुपये प्रतिकिलो की दर से व्यवसायी खरीद कर विभिन्न व्यवसाय स्थलों में 150 रुपये प्रतिकिलो की दर से बेचते है। विदित होवे की बीते दिन मत्स्य पालन समिति के पदाधिकारी देवलाल इंद्रपाल सिंह आदि ने मछली मारने वालों को मछली सहित पकड़ा था जिसमे विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में दिखावी कार्यवाही भी की गई थी। बहरहाल भले ही शासन ने 15 अगस्त तक मछली शिकार करने में रोक लगाई हो लेकिन उसका कोई पालन नही होता बल्कि कुछ जिम्मेदारों का जेब जरूर गर्म हो रहा है।Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.