उमरिया : जिला मुख्यालय से सटे क्षेत्र में गायों की पूंछ, चमड़ी और शरीर के दूसरे अंग पाए गए हैं. गुरूवार की शाम को ही लोगों ने गायों के शिकार की जानकारी प्राप्त कर ली थी. लेकिन ज्यादा शाम हो जाने के कारण लोग घटना स्थल के निकट नहीं पहुंच पाए थे. शुक्रवार की सुबह किसान जब अपने खेतों पर पहुंचे तो उन्हें कुछ दूरी पर तीन मवेशियों का शिकार हुआ था.
तीन मवेशियों का शिकार
वहीं चारों तरफ बाघ के पद चिन्ह भी दिखाई दिए. घटना स्थल पर कई जगह गाय के शरीर पर बाघ ने हमला किया था. लोगों को यह समझते देर नहीं लगी कि यहां आसपास बाघ है और उसी ने यह शिकार किया है. घटना स्थल देखने के बाद यह पूरी तरह से साफ हो गया था कि बाघ ने एक साथ तीन गाय का शिकार किया था और उन्हें वहीं आसपास रह कर खाया भी था.
वन अमला हुआ सक्रिय
घटना की जानकारी लगने के बाद वन अमला सक्रिय हो गया और बाघ की तलाश शुरू कर दी गई. इस बारे में जानकारी देते हुए एसडीओ आरएन द्विवेदी ने बताया कि वन अमला पिछले तीन दिनों से अपने स्तर पर पूरे क्षेत्र में नजर बनाए हुए हैं और लोगों की सुरक्षा पर पूरा ध्यान दिया जा रहा है. हालांकि उन्होंने यह आशंका भी व्यक्त की है कि खेतों में जहां बाघ के होने की आशंका व्यक्त की जा रही है. वहां बाघ नहीं बल्कि तेंदुआ हो सकता है. पद चिन्ह की लंबाई को देखते हुए यही माना जा रहा है कि जो चिन्ह बने हैं वह बाघ के जैसे नहीं बल्कि तेंदुए के जैसे हैं.
यहां दिखे थे बाघ के पद चिन्ह
शहर से लगे जमुनिहा नाले के किनारे के खेतों में बाघ के पद चिन्ह देखने को मिले थे. तीन दिन पहले भी एक दिसम्बर की सुबह जब किसान खेतों पर पहुंचे तो देखा कि गीली मिट्टी में गहरे धंसे पद चिन्ह बने हुए थे. पहले तो लोगों ने ध्यान नहीं दिया. लेकिन जब कुछ बुजुर्ग लोगों की नजर इन पद चिन्हों पर पड़ी तो उनके होश उड़ गए. उन्होंने बताया कि यह पद चिन्ह बाघ के हैं. खेत की मिट्टी ज्यादा गीली होने के कारण सभी जगह तो स्पष्ट चिन्ह नजर नहीं आ रहे थे. लेकिन कुछ ऐसे स्थान भी थे जहां साफ-साफ चिन्हों को देखा जा सकता था. कई स्थानों पर लोगों ने इन चिन्हों को देखा और मोबाइल से इनका फोटो भी लिया.
दहशत में किसान
जिन किसानों के खेत और खेत के आसपास बाघ के पद चिन्हों को देखा गया है. उनमें खासी दहशत बनी हुई है. किसानों का कहना है कि बाघ अभी भी आसपास कहीं हो सकता है. यही कारण है कि शुक्रवार को किसान कुछ ज्यादा ही अलर्ट रहे. किसानों ने तय कर लिया है कि वे रात को ज्यादा देर तक खेत पर नहीं रहेंगे और अगर रहने की आवश्यकता हुई तो वे समूह में रहेंगे. किसान यह मानकर चल रहे हैं कि बाघ आसपास कहीं जंगल में ही छिपा हुआ होगा और वह रात को शिकार के लिए निकल सकता है. किसानों को यह आशंका भी है कि बाघ दोबारा उसी रास्ते से गुजरेगा जहां से वह पिछली रात गुजरा होगा.
लगा हुआ है जंगल
शहर से दो से तीन किलोमीटर की दूरी से जंगल लगा हुआ है. जहां खेत हैं वहां से जंगल की दूरी आधा किलोमीटर भी नहीं है. इस क्षेत्र में हर तरफ घने वृक्ष लगे हुए हैं. जिससे होकर जंगल के रास्ते गुजरते हैं. आसपास के जंगलों में जंगली जानवरों की भरमार है और यह जानवर अक्सर खेतों तक पहुंच जाते हैं. हालांकि बाघ जैसा बड़ा जंगली जानवर काफी अर्से से इस तरफ नहीं आया था. इस मामले में वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बाघ को अभी देखा नहीं गया है. इस मामले में और जानकारी ली जा रही है इसके बाद ही कुछ साफ तौर से कहा जा सकेगा.
पिछले महीने हाथियों ने मचाई थी दहशत
पिछले महीने बांधवगढ़ में सक्रिय जंगली हाथियों का एक झुंड भी यहां पहुंच गया था. हाथियों ने पूरे एक सप्ताह तक इस क्षेत्र में जमकर आतंक मचाया और फसलों को बर्बाद कर दिया था. अभी हाथियों की दहशत समाप्त नहीं हुई थी कि बाघ की दहशत शुरू हो गई है.