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बांधवगढ़ नेशनल पार्क में बाघिन टी- 42 और शावक की मौत, अलर्ट जारी

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Published : Oct 29, 2020, 8:26 PM IST

बांधवगढ़ नेशनल पार्क में बाघिन टी- 42 और उसके एक शावक की मौत के बाद अलर्ट घोषित कर दिया गया है. जंगल की सुरक्षा के लिए भारी संख्या में गश्ती दल तैनात कर दिए गए हैं और पार्क की सभी संवेदनशील सीमाओं पर स्थायी निगरानी की व्यवस्था की गई है.

Alert declared in Bandhavgarh National Park
बांधवगढ़ नेशनल पार्क में अलर्ट घोषित

उमरिया। बांधवगढ़ नेशनल पार्क में बाघिन टी- 42 और उसके एक शावक की मौत के बाद पार्क में अलर्ट घोषित कर दिया गया है. जंगल की सुरक्षा के लिए भारी संख्या में गश्ती दल तैनात कर दिए गए हैं और पार्क की सभी संवेदनशील सीमाओं पर स्थायी निगरानी की व्यवस्था की गई है. एसडीओ फॉरेस्ट अनिल शुक्ला ने बताया कि ठंड के दिनों में मौसम का फायदा उठाकर शिकारी पार्क में घुसने का प्रयास करते हैं. जिस पर रोक लगाने के लिए अलर्ट घोषित किया जाता है. पार्क खुलने के बाद यूं तो सुरक्षा बढ़ा दी गई थी, लेकिन अब इस सुरक्षा को और पुख्ता बनाया जा रहा है.

पार्क डायरेक्टर ने विगत दिनों उन सभी क्षेत्रों का निरीक्षण किया, जहां पर खासतौर से निगरानी की आवश्यकता महसूस की जा रही है. इसके बाद उन्होंने अधिकारियों से चर्चा की और बेहतर व्यवस्था बनाने के लिए आवश्यक निर्देश जारी किए. सभी छह एसडीओ और नौ रेंजरों को मानसून के दौरान एलर्ट रहने के लिए कहा गया है. साथ ही सभी को जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं. पार्क के चारों तरफ विभिन्न गांवों में रहने वाले लोग और यहां डेरा डालने वाले बहेलिए बारिश के दौरान सक्रिय हो जाते हैं. खासतौर से बहेलियों के कैंप पर नजर रखने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं. पार्क से जुड़े हुए कुछ गांवों में पन्ना, छतरपुर की तरफ से आने वाले पारदी और बहेलिया अपना कैंप लगा लेते हैं और यहीं पर निवास करने लगते हैं.

व्यवस्था चाकचौबंद

जानकारी के अनुसार वन्य प्राणियों की सुरक्षा के लिए 150 बीटगार्ड अपने-अपने बीटों में मानसून के दौरान तैनात रहेंगे. 95 पेट्रोलिंग कैंप में 200 श्रमिक हर समय तैनात रहेंगे. बफर जोन में 300 श्रमिक गश्ती करेंगे और सीमा पर नजर रखेंगे. हर रेंज में लगभग 70 कर्मचारी गश्त पर रहकर निगरानी करेंगे. पार्क के सभी छह वयस्क हाथी मैदान में सक्रिय रहेंगे और नजर रखेंगे. छह एसडीओ के वाहन और नौ रेंजरों के वाहन से भी पेट्रोलिंग होगी. इसके अलावा आवश्यकता महसूस होने पर और व्यवस्थाएं की जा सकती हैं.

नदी-नालों और पोखरों पर रहेगी खास नजर

पार्क में जानवरों की सुरक्षा के लिए गश्ती दल की तैनाती के साथ ही पार्क के नदी-नालों पर भी विशेष नजर रखी जाने लगी है. छोटे सूखे पोखरों में पानी भरने से पहले ही साफ-सुथरा कर दिया गया है और जहां आवश्यक था वहां दवाईयां भी डाली जा रही हैं. इसके अलावा जो पार्क के बड़े नाले हैं और झील हैं उसके आसपास भी तैनाती के लिए प्वाइंट बनाए गए हैं. खासतौर से चरणगंगा नदी और भद्रशिला झील के आसपास निगरानी रहेगी. इसके अलावा अंधियारी झिरिया सहित कई जगह नजर रखी जा रही है. आसपास के गांव के लोग अक्सर इन नालों तक पहुंच जाते हैं और इनकी वजह से बड़ी घटनाएं हो जाती हैं.

उमरिया। बांधवगढ़ नेशनल पार्क में बाघिन टी- 42 और उसके एक शावक की मौत के बाद पार्क में अलर्ट घोषित कर दिया गया है. जंगल की सुरक्षा के लिए भारी संख्या में गश्ती दल तैनात कर दिए गए हैं और पार्क की सभी संवेदनशील सीमाओं पर स्थायी निगरानी की व्यवस्था की गई है. एसडीओ फॉरेस्ट अनिल शुक्ला ने बताया कि ठंड के दिनों में मौसम का फायदा उठाकर शिकारी पार्क में घुसने का प्रयास करते हैं. जिस पर रोक लगाने के लिए अलर्ट घोषित किया जाता है. पार्क खुलने के बाद यूं तो सुरक्षा बढ़ा दी गई थी, लेकिन अब इस सुरक्षा को और पुख्ता बनाया जा रहा है.

पार्क डायरेक्टर ने विगत दिनों उन सभी क्षेत्रों का निरीक्षण किया, जहां पर खासतौर से निगरानी की आवश्यकता महसूस की जा रही है. इसके बाद उन्होंने अधिकारियों से चर्चा की और बेहतर व्यवस्था बनाने के लिए आवश्यक निर्देश जारी किए. सभी छह एसडीओ और नौ रेंजरों को मानसून के दौरान एलर्ट रहने के लिए कहा गया है. साथ ही सभी को जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं. पार्क के चारों तरफ विभिन्न गांवों में रहने वाले लोग और यहां डेरा डालने वाले बहेलिए बारिश के दौरान सक्रिय हो जाते हैं. खासतौर से बहेलियों के कैंप पर नजर रखने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं. पार्क से जुड़े हुए कुछ गांवों में पन्ना, छतरपुर की तरफ से आने वाले पारदी और बहेलिया अपना कैंप लगा लेते हैं और यहीं पर निवास करने लगते हैं.

व्यवस्था चाकचौबंद

जानकारी के अनुसार वन्य प्राणियों की सुरक्षा के लिए 150 बीटगार्ड अपने-अपने बीटों में मानसून के दौरान तैनात रहेंगे. 95 पेट्रोलिंग कैंप में 200 श्रमिक हर समय तैनात रहेंगे. बफर जोन में 300 श्रमिक गश्ती करेंगे और सीमा पर नजर रखेंगे. हर रेंज में लगभग 70 कर्मचारी गश्त पर रहकर निगरानी करेंगे. पार्क के सभी छह वयस्क हाथी मैदान में सक्रिय रहेंगे और नजर रखेंगे. छह एसडीओ के वाहन और नौ रेंजरों के वाहन से भी पेट्रोलिंग होगी. इसके अलावा आवश्यकता महसूस होने पर और व्यवस्थाएं की जा सकती हैं.

नदी-नालों और पोखरों पर रहेगी खास नजर

पार्क में जानवरों की सुरक्षा के लिए गश्ती दल की तैनाती के साथ ही पार्क के नदी-नालों पर भी विशेष नजर रखी जाने लगी है. छोटे सूखे पोखरों में पानी भरने से पहले ही साफ-सुथरा कर दिया गया है और जहां आवश्यक था वहां दवाईयां भी डाली जा रही हैं. इसके अलावा जो पार्क के बड़े नाले हैं और झील हैं उसके आसपास भी तैनाती के लिए प्वाइंट बनाए गए हैं. खासतौर से चरणगंगा नदी और भद्रशिला झील के आसपास निगरानी रहेगी. इसके अलावा अंधियारी झिरिया सहित कई जगह नजर रखी जा रही है. आसपास के गांव के लोग अक्सर इन नालों तक पहुंच जाते हैं और इनकी वजह से बड़ी घटनाएं हो जाती हैं.

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