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ओडिशा: स्कूल में कुप्रबंधन के खिलाफ छात्राओं का 'हल्लाबोल'! 18 किमी पैदल चलकर कलेक्टर से की शिकायत - School mismanagement in Odisha

School mismanagement in Odisha: कालाहांडी की बहादुर छात्राएं 18 किलोमीटर पैदल चलकर जिला कलेक्टर से मिलने पहुंची. उनकी शिकायत है कि, उन्हें स्कूल हॉस्टल में अच्छा भोजन नहीं मिलता है. इतना ही नहीं उन्हें आवश्यकतानुसार समय पर नैपकिन भी उपलब्ध नहीं कराए जाते.

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कालाहांडी की आदिवासी छात्रााएं कलेक्टर से मिलने पहुंचीं... (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 2, 2024, 10:52 PM IST

कालाहांडी: ओडिशा के कालाहांडी में आदिवासी छात्राओं ने स्कूल में कुप्रबंधन के खिलाफ कलेक्टर से शिकायत करने के लिए 25 किलोमीटर पैदल यात्रा करने की ठानी. मामला थुआमुल रामपुर ब्लॉक में स्थित कियापदार गांव में स्थित कस्तूरबा आवासीय विद्यालय की है.

यहां के स्कूल में पढ़ने वाली छात्राओं ने आरोप लगाया है कि, हॉस्टल में सुविधाओं की बेहद कमी है. उनका कहना है कि, छात्रावास में रहने वाले छात्रों को खराब गुणवत्ता वाला भोजन दिया जाता है. साथ ही हॉस्टल में स्वच्छता और रोशनी का अभाव है. हॉस्टल में छात्राओं को हो रही परेशानियों के समाधान और अपनी शिकायतों को लेकर कालाहांडी जिले के आदिवासी छात्र जिला कलेक्टर से मिलने के लिए भवानीपटना तक 18 किलोमीटर पैदल यात्रा की.

छात्राओं का कहना है कि, उन्होंने स्कूल की प्रिंसिपल से इसकी शिकायत की, लेकिन उन्होंने इसे अनसुना कर दिया. आखिरकार मजबूर होकर छात्राओं ने 18 किलोमीटर पैदल चलकर इसकी शिकायत जिला कलेक्टर से करने का फैसला किया. हालांकि 18 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद, रास्ते में कई छात्राएं बीमार भी पड़ गईं. जिसके बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने दो बसों की व्यवस्था की. बस में बैठकर सभी छात्राएं जिला कलेक्टर के कार्यालय पहुंचीं.

यहां छात्राओं ने कलेक्टर से मुलाकात कर उन्हें हॉस्टल की समस्याओं के बारे में जानकारी दी. वहीं जिला कलेक्टर से आश्वासन मिलने के बाद सभी छात्र वापस लौट आए. इस विषय पर 10वीं की छात्रा समिता गोडे ने कहा कि, स्कूल के हॉस्टल में उन्हें अच्छा भोजन नहीं दिया जाता है. लड़कियों ने बताया कि, छात्रावास के बाथरूम में दरवाजे नहीं है. यहां छात्राओं को आवश्यकतानुसार समय पर नैपकिन भी उपलब्ध नहीं कराए जाते. आखिरकार उन्हें मजबूर होकर इसकी शिकायत जिला कलेक्टर से करनी पड़ी.

छात्रा ने कहा कि, जिला कलेक्टर ने उनकी शिकायतें सुनी और वे अगले दिन स्कूल का दौरा करने का उनसे वादा किया है. वहीं इस विषय पर जिला कलेक्टर पवार सचिन प्रकाश ने कहा कि, छात्राओं की शिकायतें सुनने के बाद वे स्कूल विजिट करने का फैसला किया है.

ये भी पढ़ें: समंदर पर बना देश का पहला 'वर्टिकल लिफ्ट ब्रिज', नए पंबन रेलवे पुल की खासियत जानें

कालाहांडी: ओडिशा के कालाहांडी में आदिवासी छात्राओं ने स्कूल में कुप्रबंधन के खिलाफ कलेक्टर से शिकायत करने के लिए 25 किलोमीटर पैदल यात्रा करने की ठानी. मामला थुआमुल रामपुर ब्लॉक में स्थित कियापदार गांव में स्थित कस्तूरबा आवासीय विद्यालय की है.

यहां के स्कूल में पढ़ने वाली छात्राओं ने आरोप लगाया है कि, हॉस्टल में सुविधाओं की बेहद कमी है. उनका कहना है कि, छात्रावास में रहने वाले छात्रों को खराब गुणवत्ता वाला भोजन दिया जाता है. साथ ही हॉस्टल में स्वच्छता और रोशनी का अभाव है. हॉस्टल में छात्राओं को हो रही परेशानियों के समाधान और अपनी शिकायतों को लेकर कालाहांडी जिले के आदिवासी छात्र जिला कलेक्टर से मिलने के लिए भवानीपटना तक 18 किलोमीटर पैदल यात्रा की.

छात्राओं का कहना है कि, उन्होंने स्कूल की प्रिंसिपल से इसकी शिकायत की, लेकिन उन्होंने इसे अनसुना कर दिया. आखिरकार मजबूर होकर छात्राओं ने 18 किलोमीटर पैदल चलकर इसकी शिकायत जिला कलेक्टर से करने का फैसला किया. हालांकि 18 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद, रास्ते में कई छात्राएं बीमार भी पड़ गईं. जिसके बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने दो बसों की व्यवस्था की. बस में बैठकर सभी छात्राएं जिला कलेक्टर के कार्यालय पहुंचीं.

यहां छात्राओं ने कलेक्टर से मुलाकात कर उन्हें हॉस्टल की समस्याओं के बारे में जानकारी दी. वहीं जिला कलेक्टर से आश्वासन मिलने के बाद सभी छात्र वापस लौट आए. इस विषय पर 10वीं की छात्रा समिता गोडे ने कहा कि, स्कूल के हॉस्टल में उन्हें अच्छा भोजन नहीं दिया जाता है. लड़कियों ने बताया कि, छात्रावास के बाथरूम में दरवाजे नहीं है. यहां छात्राओं को आवश्यकतानुसार समय पर नैपकिन भी उपलब्ध नहीं कराए जाते. आखिरकार उन्हें मजबूर होकर इसकी शिकायत जिला कलेक्टर से करनी पड़ी.

छात्रा ने कहा कि, जिला कलेक्टर ने उनकी शिकायतें सुनी और वे अगले दिन स्कूल का दौरा करने का उनसे वादा किया है. वहीं इस विषय पर जिला कलेक्टर पवार सचिन प्रकाश ने कहा कि, छात्राओं की शिकायतें सुनने के बाद वे स्कूल विजिट करने का फैसला किया है.

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