मंदसौर : कूनो के बाद गांधी सागर अभ्यारण्य को चीता सेंचुरी बनाने की तैयारी जोरों पर चल रही है. मंदसौर और कान्हा नेशनल पार्क का वन अमला इस पर तेजी से काम कर रहा है. यहां पिछले डेढ़ साल से चीतों को बसाने की कवायद के चलते अभ्यारण्य क्षेत्र में एक बाड़ा बनाया गया है, जो आधुनिक शैली और प्राकृतिक माहौल से भरपूर है. इस बाड़े में चीतों के रहने और खान-पान के अलावा पर्यावरण को भी अनुकूल करने की तैयारी चल रही है. वन अमले ने यहां चीतों के भोजन के लिए चीतलों यानी स्पॉटेड डीयर को बसाने का काम भी शुरू कर दिया है.
चीतों से पहले चीतलों को बसाया
चीतों के लिए अनुकूल प्राकृतिक माहौल बन सके, इसके लिए पहले हिरण यहां छोड़े गए थे, जो स्वस्थ हैं. ये देखते हुए अब यहां कान्हा से फिर 19 चीतल हिरण लाए गए. डीएफओ संजय राय खेरे ने बताया कि इसी साल दिसंबर महीने में चीतों को लाने की तैयारी की जा रही है, और इसी के चलते यहां कान्हा और देश के अन्य वन्य अभ्यारण्य से करीब 500 चीतल (स्पॉटेड डीयर) बसाए जाएंगे. अभी तक गांधी सागर अभ्यारण्य के चीते वाले बाड़े में 140 चीतलों को छोड़ दिया गया है, और जल्द ही नई खेप यहां पहुंचने वाली है.''
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सर्वे के बाद फिर छोड़े जाएंगे चीते
डीएफओ ने आगे कहा, '' इन चीतलों के आने के बाद एक बार फिर पूरे बाड़े का सर्वे होगा. इसके बाद कूनो और कान्हा नेशनल पार्क की टीम की निगरानी में चीते छोड़ने की तैयारी होगी. एशिया की सबसे बड़ी मानव निर्मित झील गांधी सागर के दोनों और स्थित अभ्यारण्य क्षेत्र को अब पर्यटन केंद्र से जोड़ने के लिए विकसित किया जा रहा है. इसी के चलते अब यहां चीता सेंचुरी का निर्माण हो रहा है. इससे विदेश पर्यटरक भी आकर्षित होंगे.''