उमरिया। प्रदेश सरकार ने 'एक जिला एक उत्पाद' योजना में चिन्हित कर वैल्यू एडिशन मार्केटिंग और स्थानीय लोगों को रोजगार से जोड़ने के निर्देश दिए हैं. उमरिया जिले में महुआ के बहुतायत उत्पादन को देखते हुए महुआ उत्पाद को 'एक जिला एक उत्पाद' के रूप में चिन्हित किया गया है. महुआ उत्पाद का वैल्यू एडिशन करने हेतु महुए की चिक्की, जैली, शिरफ, बिस्किट और लडडू आदि जैसे प्रोडक्ट ग्रामीण आजीविका मिशन के चिन्हित स्व-सहायता समूहों के माध्यम से तैयार किए जाएंगे.
- 'एक जिला एक उत्पाद' योजना
इन स्व-सहायता समूहों को स्वयं सेवी संस्था सपूत केके मेमोरियल समिति शाहपुर जिला उमरिया के विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इसके पश्चात अन्य वनोपज जो उमरिया जिले में पाए जाते हैं. उनके वैल्यू एडिशन का कार्य किया जाएगा. इस आशय के विचार कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने कलेक्ट्रेट सभागार में 'एक जिला एक उत्पाद' योजना के तहत महुआ उत्पाद पर आधारित एक दिवसीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए व्यक्त किए.
- कार्यशाला में ये रहे उपस्थित
कार्यशाला में सीईओ जिला पंचायत अंशुल गुप्ता, एसडीएम बांधवगढ नीरज खरे, महाप्रबंधक उद्योग विजय शुक्ला, उप संचालक कृषि खेलावन डेहरिया, जिला परियोजना प्रबंधक आजीविका परियोजना नीरज परमार, अनुविभागीय अधिकारी वन आरएन द्विवेदी, सपूत केके मेमोरियल एनजीओ से संतोष द्विवेदी, एमपी मिश्रा, केपी महिंद्रा, सुशील पाण्डेय, रविकांत द्विवेदी, नीलम कुमारी, संजीव कुमार सहित स्व सहायता समूहों की महिलाएं, वन समितियों के सदस्य उपस्थित रहे.