उमरिया। अपनी कला और चित्रकारी से जोधईया बाई ने जिले और प्रदेश का नाम अंतरराष्ट्रीय पटल पर पहुंचाया है. सरकार ने भी कला और चित्रकारी की कद्र करते हुए उनकी मेहनत और लगन के लिए पहले नारी शक्ति के राष्ट्रीय सम्मान से नवाजा. उसके बाद अब पद्मश्री सम्मान के लिए चयनित किया गया है. लेकिन सबसे खास बात यह है कि इस सबसे पहले जोधईया बाई को मकान चाहिए. पद्मश्री के लिए चयनित और नारी शक्ति सम्मान प्राप्त आदिवासी बैगा चित्रकार जोधईया बाई आज भी लोढा स्थित अपने पुराने टूटे-फूटे झोपड़ीनुमा घर में निवास करती हैं.
अभी तक नहीं मिला पीएम आवास : पद्मश्री विजेता इस महिला द्वारा अनेक बार कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचकर पीएम आवास के तहत मकान दिलाए जाने की गुहार लगाई जा चुकी है. लेकिन प्रशासन के नुमाइंदे जोधईया बाई को आज भी आवास का लाभ नहीं दे सके. जबकि उनके द्वारा जिले के कलेक्टर से भी कई बार मुलाकात कर मकान के लिए निवेदन किया गया. हर बार मकान दिए जाने का आश्वासन जरूर मिला, लेकिन आश्वासन पूरा ना हो सका. बीते वर्ष 2022 में जब जोधईया बाई को नारी शक्ति सम्मान के लिए दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन बुलाया गया था, तब भी जोधईया ने नारी शक्ति सम्मान लेते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मकान दिलाए जाने की बात कही थी.
पीएम, राष्ट्रपति से कर चुकी हैं मांग : इसके अलावा उसी दौरान जब उनकी मुलाकात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हुई, तब भी सिर्फ एक ही बात उनसे कही थी कि मैं झोपड़ी में रहती हूं. गांव में कई लोगों के पक्के मकान पीएम आवास से बन गए हैं. मुझे भी इस योजना का लाभ दिया जाए. उस दौरान राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा यह बात कही गई थी कि आपको पीएम आवास जरूर दिलााया जाएगा. उस समय ट्राइबल आर्टिस्ट जोधईया बाई द्वारा राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से कही हुई बात की खबर जैसे ही आम हुई यहां के तत्कालीन कलेक्टर और प्रशासनिक अमला जोधईया को पीएम आवास देने प्रक्रिया में जुट गया और उनके द्वारा बयान भी जारी कर दिया गया कि जल्द ही जोधईया बाई को पीएम आवास के तहत मकान बनवाया जाएगा.
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जिला प्रशासन फिर सक्रिय : लेकिन खास बात यह है कि समय गुजरता गया और फिर प्रशासनिक अमला यह बात भूल गया. अब जब जोधईया बाई का नाम पद्मश्री अवार्ड के लिए चयनित हो गया तो उन्होंने फिर से मकान की मांग दोहराई है. उन्होंने मीडिया के माध्यम से ये मांग उठाई है. अब फिर एक बार प्रशासनिक अमला सक्रिय होकर जोधईया को मकान दिलाने के लिए जद्दोजहद में जुटा हुआ है. देखना होगा कि जोधईया बाई का मकान का सपना प्रशासन पूरा करता है, या फिर पहले की ही भांति उनके साथ वादाखिलाफी की जाती है.