उमरिया। जिले के एक गांव में मासूम बच्चे और उसकी मां पर हमला करने के बाद बाघ उसी गांव के खेतों में डेरा डाले रहा. बीते 4 सितंबर को जंगल से रोहनिया गांव के नजदीकी खेतो में आये बाघ ने वहां काम कर रही अर्चना चौधरी नामक महिला के 15 माह के मासूम बच्चे राजवीर को शिकार बनाने की कोशिश की थी.
बाघ ने किया मासूम पर हमला : अपने बच्चे की जान खतरे में देखकर मां बाघ के सामने कूद गई थी. हालांकि इस संघर्ष में मां और बेटे दोनों गंभीर रूप से घायल हो गये. उन्हें इलाज के लिए पहले मानपुर स्वास्थ्य केंद्र, फिर उमरिया जिला अस्पताल और अब मेडिकल कॉलेज जबलपुर में भर्ती कराया गया है, जहां इलाज जारी है.
वन विभाग ने की लगातार निगरानी : एक मां के हौसले के आगे समर्पण करने वाले बांधवगढ़ के बादशाह को आखिरकार तीसरे दिन रेस्क्यू टीम की जिद में जंगल लौटना पड़ा. मां- व बेटे पर हमला करने के बाद बाघ वहीं डेरा जमाये बैठा था. हाथियों के दल के साथ वन विभाग की रेस्क्यू टीम की लगातार कोशिश के बाद भी बाघ टस से मस नहीं हुआ. वह रिहायशी इलाके की तरफ जाने के प्रयास में था, जिससे ग्रामीणों में दहशत थी. लेकिन वनकर्मियों ने भी हार नहीं मानी और लगातार निगरानी रखते हुए बाघ को वहां से हटाने की कोशिश में जुटे रहे. नतीजा सामने है कि वनराज को आखिरकार जिद छोड़कर जंगल जाना पड़ा. Tiger return forest, Tiger Attack Mother Son, Tiger attacked woman Umaria, Mother fight bravely Tiger