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26-30 अप्रैल तक बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान बंद, इन लोगों की बड़ी मुश्किलें - कैसे पले परिवार

उमरिया में विश्व प्रसिद्ध बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान इन दिनों पर्यटकों की कमी से जूझ रहा है. कोरोना महामारी के कारण इसे फिर से 30 अप्रैल तक बंद कर दिया गया है.

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26-30 अप्रैल तक बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान बंद, इन लोगों की बड़ी मुश्किलें
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Published : Apr 26, 2021, 6:58 AM IST

उमरिया। वैश्विक महामारी कोरोना ने पूरे देश मे कोहराम मचा रखा है. यह बीमारी बेकसूरों की जान तो ले ही रही है, उनसे रोजगार भी छीन रही है. इस तरह से जनता को कई मोर्चों पर जूझना पड़ रहा है. विकराल रूप ले रहे संक्रमण को देखते हुए जिला प्रशासन ने अब बांधवगढ़ नेशनल पार्क में पर्यटन 26 से 30 अप्रैल तक बंद करने का निर्णय लिया है. सूत्रों के मुताबिक 30 अप्रैल को कोरोना कर्फ्यू की स्थिति को देखते हुए इस विषय मे आगे कोई निर्णय लिया जाएगा.

26-30 अप्रैल तक बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान बंद, इन लोगों की बड़ी मुश्किलें
  • कैसे पले परिवार

महामारी ने बांधवगढ़ मे पर्यटन और इस पर आश्रित सैकड़ों परिवारों पर करारा प्रहार किया है. पिछले वर्ष कोरोना की वजह से पार्क में पर्यटन पूरे 15 जून तक ठप्प रहा. इस साल फिर वैसी ही स्थिति बन होती दिख रही है. दरअसल क्षेत्र के कई युवा बांधवगढ़ में पर्यटकों के लिए जिप्सी संचालित करते हैं कई वाहन चालक, गाइड और वहां की होटलों में नौकरी जैसे कार्यों के जरिये अपना जीवन यापन कर रहे हैं. बहुत सारे लोगों के अपने भोजनालय हैं जबकि होटल, रिसोर्ट आदि मे दूध सप्लाई भी यहीं के ग्रामीणों द्वारा होता है. अब इन सब परिवारों पर बेरोजगार होने का संकट मंडरा रहा है. उनका मानना है कि बीते डेढ़ वर्ष से कोरोना ने वैसे भी सैलानियों का आना-जाना ना के बराबर कर दिया है. जैसे ही मामला पटरी पर आता दिखा, बीमारी फिर से धमक पड़ी, उन्हें चिंता है कि यदि यह बंदी लंबा खिंची तो उनके सामने परिवार का पेट पालना मुश्किल हो जाएगा. पार्क पर आश्रित लोगों की मांग है कि इस विकट स्थिति को देखते हुए सरकार बांधवगढ़ के लिए राहत पैकेज की घोषणा करे अन्यथा इससे पार पाना सम्भव नहीं है.

टाइगर ने मुड़कर अचानक देखा, पर्यटकों के उड़े होश

  • सरकारी रुख पर निर्भर पर्यटन

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक विसेंट रहीम ने बताया है कि कोरोना के चलते प्रदेश के पेंच, कान्हा आदि टाइगर रिजर्व पहले ही बंद कर दिए गए थे. लिहाजा पर्यटकों की सुविधाएं पार्क और यहां के स्टाफ और स्थानीय नागरिकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है. बांधवगढ़ में पर्यटन शुरू होने के विषय पर उन्होंने कहा कि यह आगामी 30 अप्रैल को सरकार के रुख पर निर्भर करेगा.

  • 10 प्रतिशत आ रहे थे सैलानी

पार्क के पर्यटन वैसे भी मात्र 10 प्रतिशत रह गया था. एक समय मे 45 जिप्सियों के प्रवेश की अनुमति होने के बावजूद तीनों टाइम में कुल 15 या 17 वाहन ही जा रहे हैं. ताला भ्रमण पर आए और आगामी दिनों आने वाले सैलानियों को समय पर सूचना मिले, यह ध्यान में रखते हुए 26 अप्रैल से पर्यटन बंद करने का निर्णय लिया गया है.

उमरिया। वैश्विक महामारी कोरोना ने पूरे देश मे कोहराम मचा रखा है. यह बीमारी बेकसूरों की जान तो ले ही रही है, उनसे रोजगार भी छीन रही है. इस तरह से जनता को कई मोर्चों पर जूझना पड़ रहा है. विकराल रूप ले रहे संक्रमण को देखते हुए जिला प्रशासन ने अब बांधवगढ़ नेशनल पार्क में पर्यटन 26 से 30 अप्रैल तक बंद करने का निर्णय लिया है. सूत्रों के मुताबिक 30 अप्रैल को कोरोना कर्फ्यू की स्थिति को देखते हुए इस विषय मे आगे कोई निर्णय लिया जाएगा.

26-30 अप्रैल तक बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान बंद, इन लोगों की बड़ी मुश्किलें
  • कैसे पले परिवार

महामारी ने बांधवगढ़ मे पर्यटन और इस पर आश्रित सैकड़ों परिवारों पर करारा प्रहार किया है. पिछले वर्ष कोरोना की वजह से पार्क में पर्यटन पूरे 15 जून तक ठप्प रहा. इस साल फिर वैसी ही स्थिति बन होती दिख रही है. दरअसल क्षेत्र के कई युवा बांधवगढ़ में पर्यटकों के लिए जिप्सी संचालित करते हैं कई वाहन चालक, गाइड और वहां की होटलों में नौकरी जैसे कार्यों के जरिये अपना जीवन यापन कर रहे हैं. बहुत सारे लोगों के अपने भोजनालय हैं जबकि होटल, रिसोर्ट आदि मे दूध सप्लाई भी यहीं के ग्रामीणों द्वारा होता है. अब इन सब परिवारों पर बेरोजगार होने का संकट मंडरा रहा है. उनका मानना है कि बीते डेढ़ वर्ष से कोरोना ने वैसे भी सैलानियों का आना-जाना ना के बराबर कर दिया है. जैसे ही मामला पटरी पर आता दिखा, बीमारी फिर से धमक पड़ी, उन्हें चिंता है कि यदि यह बंदी लंबा खिंची तो उनके सामने परिवार का पेट पालना मुश्किल हो जाएगा. पार्क पर आश्रित लोगों की मांग है कि इस विकट स्थिति को देखते हुए सरकार बांधवगढ़ के लिए राहत पैकेज की घोषणा करे अन्यथा इससे पार पाना सम्भव नहीं है.

टाइगर ने मुड़कर अचानक देखा, पर्यटकों के उड़े होश

  • सरकारी रुख पर निर्भर पर्यटन

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक विसेंट रहीम ने बताया है कि कोरोना के चलते प्रदेश के पेंच, कान्हा आदि टाइगर रिजर्व पहले ही बंद कर दिए गए थे. लिहाजा पर्यटकों की सुविधाएं पार्क और यहां के स्टाफ और स्थानीय नागरिकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है. बांधवगढ़ में पर्यटन शुरू होने के विषय पर उन्होंने कहा कि यह आगामी 30 अप्रैल को सरकार के रुख पर निर्भर करेगा.

  • 10 प्रतिशत आ रहे थे सैलानी

पार्क के पर्यटन वैसे भी मात्र 10 प्रतिशत रह गया था. एक समय मे 45 जिप्सियों के प्रवेश की अनुमति होने के बावजूद तीनों टाइम में कुल 15 या 17 वाहन ही जा रहे हैं. ताला भ्रमण पर आए और आगामी दिनों आने वाले सैलानियों को समय पर सूचना मिले, यह ध्यान में रखते हुए 26 अप्रैल से पर्यटन बंद करने का निर्णय लिया गया है.

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