गुना। ग्राम पंचायत उमरी में 39 बेघरों को एक जगह बसाने के लिए जिला पंचायत सीईओ ने राज्य सरकार और केंद्र सरकार की मदद से गरीबों की बसाहट के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट तैयार किया था, जिसमें न सिर्फ गरीबों के लिए घर बनाए गए थे, बल्कि स्विमिंग पूल भी बनाए गए थे. इन सब में करीब 1 लाख का खर्चा किया गया था. लॉटरी के माध्यम से 39 लोगों का चयन किया गया था. प्रत्येक परिवार के खाते में 1,39,000 रुपए की राशि पहुंची थी. कुल 54 लाख रुपए का बजट जारी हुआ था. पूरा काम प्रशासनिक निगरानी में किया गया था.
ग्रामीण यहां रहने में लगता है डर
पूर्व पंचायत सचिव जगदीश रघुवंशी ने बताया कि ग्रामीण यहां रहने से डरते हैं. वह अकेले नहीं रहना चाहते. उन्होंने 2019 में कोशिश भी की थी, कुछ लोग आए भी थे, लेकिन डर की वजह से चले गए. वर्तमान सरपंच मनोज शर्मा ने बताया की बस्ती खाली है, हम लोगों को फिर से यहां रहने के लिए प्रेरित करेंगे. भूमि को लेकर एक परिवार से विवाद था, लेकिन ग्राम पंचायत कोर्ट केस जीत चुकी है. अब हम जल्द ही इस बस्ती को दोबारा से बसाएंगे.
योजना में 18 बस्तियों को किया गया शामिल
गुना में जिला पंचायत सीईओ कैलाश वानखेड़े ने शासकीय भूमि पर बस्ती बनाने की योजना बनाई थी, जिसके लिए 18 बस्ती योजना में शामिल की गई थी. इसमें गुना जनपद की ग्राम पंचायत उमरी भी शामिल थी. यहां पर 2 हेक्टेयर भूमि में से एक हेक्टेयर को 30 मई 2017 को आबादी घोषित किया गया था. यह भूमि पहले से ही गांव में रहने वाले अशोक प्रजापति के कब्जे में थी. कोर्ट में संबंधित व्यक्ति का दावा खारिज हो गया. इसके बाद यहां कॉलोनी बसाने की शुरुआत की गई थी, नाम दिया गया था आदर्श कॉलोनी.
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लोगों को रहने के लिए किया जाएगा प्रेरित
जनपद पंचायत के सीईओ राकेश शर्मा ने बताया कि लोग अपने पुराने घरों को नहीं छोड़ना चाहते हैं, फिर भी हम उन्हें प्रेरित करेंगे. अगर किसी तरह का डर हैं तो हम सुरक्षा देंगे. ग्राम सभा बुलाई जा रही है. इसमें पुलिस भी रहेगी, हितग्राहियों को भी बुलाया जाएगा. ताकि उनकी समस्या को दूर किया जा सके. लोग आ जाएंगे तो बिजली और पानी का इंतजाम किया जाएगा.