उज्जैन। डॉ. बालकृष्ण शर्मा को विक्रम विश्वविद्यालय का नया कुलपति बनाया गया है. कुलपति ने शुक्रवार को पदभार ग्रहण कर लिया है. बता दें कि डॉ. बालकृष्ण शर्मा पूर्व कुलपति प्रो. एसएस पाण्डे के इस्तीफा देने के बाद प्रभारी कुलपति बनाए गए.
उच्च शिक्षा विभाग ने कुलपति पद के लिए तीन नाम का पैनल भेजा था. राजभवन ने उक्त पैनल के स्थान पर चार नाम विभाग को सहमति के लिए भेज था. लेकिन सरकार ने अध्यादेश और नियम बताकर फाइल लौटा दी थी. जिसके बाद प्रकरण अटका रहा, इसी बीच बुधवार को राजभवन ने अहम बैठक हुई और डॉ. बालकृष्ण के नाम पर मुहर लग गई.
विक्रम विश्वविद्यालय में धारा 52 के तहत कुलपति पद पर डॉ. बालकृष्ण शर्मा के आदेश ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. इसके जवाब में राजभवन उलझ सकता है. आदेश में लिखा है कि डॉ. बालकृष्ण शर्मा की नियुक्ति राज्य सरकार के परामर्श के साथ हुई है जबकि सरकार के पैनल में उनका नाम नहीं था.
आदेश में डॉ. बालकृष्ण शर्मा का नाम संस्कृत विषय के प्रोफेसर दर्शाया गया है, जबकि वह सिर्फ सिंधिया प्राच्य संस्थान के निदेशक है. बालकृष्ण ने विश्वविद्यालय के विकास की बात कही. साथ ही उन्होंने विश्वविद्यालय की व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए प्रयास करने का आश्वासन दिया.