उज्जैन। 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकालेश्वर मंदिर अनूठा उमासांझी महोत्सव मनाया जा रहा है. 2 से 7 अक्टूबर तक मनाए जाने वाले महोत्सव के दूसरे दिन सभामंडप में रखे प्राचीन पत्थर पर पुजारी के द्वारा संझा की रंगोली में रंग महल का सुन्दर निर्माण किया गया. दूसरे दिन उमा-महेश और चन्द्रमौलीश्वर की मनमोहक झांकी सजाई गई.
क्या है उमासांझी महोत्सव?
बाबा महाकाल को उज्जैन का राजा माना जाता है. सावन और भादौ में भगवन शिव प्रजा का हाल जानने निकलते हैं. वैसे माता पार्वती को उज्जैन की रानी माना जाता है. और मां पार्वती भी राजा की तरह पालकी में अपनी प्रजा का हाल जानने निकलती है. इसे उमासांझी महोत्सव कहा जाता है. इस दौरान महाकालेश्वर मंदिर में पांच दिनों तक रंगोली बनाई जाती है और झांकिया सजाई जाती है.
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मंदिर में सजाई गई आकर्षक झांकी
इस उत्सव के दूसरे दिन महाकाल मंदिर में विशेष साज सज्जा की गई. रविवार को मंदिर में उमा महेश और चंद्रमौलीश्वर की मनमोहक झांकी सजाई गई. मंदिर परिसर में सभामंडप के पास कोटितीर्थ कुंड में नौका विहार करते हुए जटाशंकर की झांकी सजाई गयी.
कोरोना के कारण इस बार उमा सांझी महोत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं किए जा रहे हैं हर साल महाकाल मंदिर में सांस्कृतिक कार्यक्रम में श्रद्धालु इकट्ठा होते थे.