मुरैना : मुरैना जिले में बढ़ती सर्दी को देखते हुए कलेक्टर अंकित अस्थाना शुक्रवार आधी रात को सड़कों पर उतरे. कलेक्टर ने शहर में संचालित सभी रैनबसेरों से लेकर अलाव जलाने वाले सार्वजनिक स्थानों का निरिक्षण किया. इस दौरान कई जगह अलाव जलते नहीं पाए गए तो वही रैनबसेरों में भी साफ-सफाई की शिकायतें मिली. ये देखकर कलेक्टर ने नगर निगम अफसरों को फटकार लगाई. कलेक्टर ने रैनबसेरों में साफ-सफाई से लेकर समय पर अलाव जलाने के निर्देश दिए. साथ ही रैनबसेरे के प्रभारी को नोटिस जारी करने को कहा.
शिकायतें मिलने के बाद कलेक्टर निकले शहर के भ्रमण पर
बता दें कि मुरैना शहर में कड़ाके की सर्दी में अलाव नहीं जलाने और रैनबसेरों में साफ-सफाई नहीं होने की शिकायतें कलेक्टर को मिली थीं. इसके बाद कलेक्टर शुक्रवार देर रात जायजा लेने निकले. सबसे पहले उन्होंने बेरियल चौराहे का जायजा लिया. यहां पर अलाव नहीं जल रहा था. इसके बाद बस स्टैंड में भी अलाव के कोई बंदोबस्त नहीं दिखे. कलेक्टर ने अलाव प्रभारी और नगर निगम कमिश्नर की फटकार लगाई. इसके बाद कलेक्टर रेलवे स्टेशन पर पहुंचे, जहां रैनबसेरे की स्थिति देखी.
जिला अस्पताल में मरीजों के परिजनों से मिले कलेक्टर
रेलवे स्टेशन के रैनबसेरे में मुसाफिर ठहर तो थे, लेकिन यहां बहुत कम लोग पहुंच रहे हैं. इसका कारण कलेक्टर ने जाना तो पता चला कि ठीक से साफसफाई की व्यवस्था नहीं है. इसिलए लोग यहां कम आ रहे हैं. इसके बाद जिला कलेक्टर जिला अस्पताल में पहुंचे. पहले डॉक्टर का चार्ट देखा और उसके बाद इमरजेंसी में तैनात डॉक्टर से जानकारी ली. कलेक्टर ने मरीजों के वार्ड में जाकर भी जायजा लिया. मरीजों के अटेंडर से चर्चा की और खाने-पीने से लेकर के डॉक्टर के रवैया के बारे में बातचीत की.
मुरैना जिले में कोहरे की चादर
वहीं, मुरैना में कोहरा भी जमकर पड़ रहा है. शनिवार सुबह 10 फीट दूर का नजारा भी साफ दिखाई नहीं दे रहा था. रात 8 बजे से कोहरे की चादर में शहर लिपट जाता है. कोहरे के साथ चली बर्फीली हवाओं ने लोगों को घरों में कैद होने को मजबूर कर दिया. रात और सुबह के समय शहर की अधिकतर सड़कों पर ठंड का कर्फ्यू लगने जैसा मंजर दिखाई दे रहा है. नेशनल हाइवे -44 पर वाहन धीमी गति से चलते नजर आये. घने कोहरे का असर सड़क यातायात के साथ ही रेल यातायात पर भी पड़ रहा है. दिल्ली से भोपाल की ओर जाने वाली कई ट्रेनें विलंब से चल रही हैं.
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गेहूं की फसल के लिए ठंड फायदेमंद
बता दें कि अधिक ठंड का कई फसलों पर अनुकूल असर होता है. खासकर गेहूं की फसल के लिए ठंडक होना बेहद जरूरी है. हालांकि सरसों की फसल के लिए कोहरा नुकसानदायक है. नवम्बर में सरसों की बोवनी है और जनवरी में दाना पड़ना शुरू हो जाता है. कोहरे और अधिक ठंड के कारण सरसों की फसल खराब हो सकती है. मौसम विभाग के वैज्ञानिक डॉ. हरविंदर सिंह के अनुसार "अभी कुछ दिनों तक इसी तरह से कोहरा रहेगा."