उज्जैन। आज शहर में देश का पहला 'जल स्तंभ' स्थापित किया गया. पत्थरों से बने 13 फीट ऊंचे स्तंभ पर चारों वेदों की ऋचाओं को चांदी की कारीगरी से उकेरा गया है, इसके माध्यम से लोगों को जल संरक्षण का संदेश दिया जाएगा. इस मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मोहन भागवत 'जल स्तंभ' का अनावरण किया. (Sujlam Jal Mahotsav) उन्होने अनावरण से पहले बाबा महाकाल के गर्भगृह में जाकर दर्शन-पूजन किया. इसके बाद वहां विधिवत सारे अनुष्ठान किए. बाद में उन्होने इस जल स्तंभ का अनावरण किया.
जल महोत्सव आज दूसरा दिन: उज्जैन महाकाल मंदिर में सुमंगल सुजलाम जल महोत्सव के दूसरे दिन 05 दिसम्बर से जारी चतुर्वेद पारायण महाअनुष्ठान सम्पन्न हुआ, जिसकी पुर्णाहुति एवं नवनिर्मित जल स्तंभ का अनावरण आज होना था. डॉ मोहन राव भागवत सरसंघचालक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वारा यह उद्घाटन किया गया. (Mohan Bhagwat Ujjain Visit)
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महाकाल मंदिर में चांदी से बनाया गया जल स्तंभ: महाकाल मंदिर में शुद्ध चांदी से निर्मित 'जल स्तंभ' का निर्माण उज्जैन के कारीगरों द्वारा 4 सप्ताह की अथक मेहनत से किया गया है, पंच महाभूतों में से एक 'जल' के महत्व को शुद्ध चांदी से निर्मित्त स्तंभों पर उकेरा पर गया है, जिसमें वेदों में जल के महत्व को रेखांकित किया गया है. एक-एक ऋचा संस्कृत में व उसका सरल हिंदी में अनुवाद अंकित है, जो कि न सिर्फ 'जल' के महत्व को प्रतिपादित करती है. इन स्तंभों को 60 किलो शुद्ध चांदी से 13 फीट ऊंचा और 2 फीट चौड़ा बनाया गया है. (Silver Water Column Installed at Mahakal lok)