उज्जैन। भाई-बहन के पर्व रक्षाबंधन की धूम देशभर में देखने को मिल रही है. उज्जैन के बाबा महाकाल को भी राखी बांधी गई . रविवार सुबह सबसे पहले भस्म आरती के दौरान भगवान महाकाल को राखी अर्पित की गई. 11 हजार लड्डुओं का भोग भी चढ़ाया गया. महाकाल मंदिर के पास स्थित बड़े गणेश मंदिर के लिए भी बहनों ने राखियां भेजी हैं. सिंगापुर, अमेरिका, लंदन, मुंबई, भोपाल, कलकत्ता, जयपुर, लखनऊ सहित देश के अलग-अलग कोने से बड़े गणेश मंदिर के लिए राखी पहुंची हैं.
देश-विदेश से भेजी गई राखियां
हिन्दू मान्यता के सभी त्यौहार सबसे पहले विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल मंदिर में मनाए जाते हैं. पंडित आनंद शंकर व्यास ने बताया कि उज्जैन में हर साल की तरह इस बार भी देश-विदेश से राखियां गणेश भगवान के लिए आई हैं. इसके पीछे मंशा ये है कि भगवान शिव और पार्वती को जगत माता-पिता माना जाता है, इसी मान से भगवान गणेश सभी के भाई हुए. इस तरह की मान्यताओं के साथ देशभर की कई बहने बड़े गणेश के लिए राखी भेजती हैं.
रविवार को रक्षाबंधन के दिन बाबा महाकाल को राखी अर्पित की जाएगी, जो कि पुजारी परिवार की महिलाएं महाकाल के लिए बनाती है. इस बार भी सुबह भस्म आरती के दौरान राखी अर्पित की जाएगी. जिसके बाद देशभर में राखी पर्व की शुरुआत होगी. इस मौके पर 11 हजार लड्डुओं का भोग भी महाकाल को लगाया जाएगा. हालांकि प्रतिवर्ष रक्षाबंधन के दिन एक लाख लड्डुओं का भोग लगाने की परम्परा है, लेकिन कोविड के चलते इस बार 11 हजार लड्डुओं का भोग चढ़ाया जाएगा.
-महाकाल मंदिर के पंडित आशीष पुजारी
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51 फीट की राखी बड़े गणेश को होगी अर्पित
मुम्बई निवासी राजकुमारी जैन ने बड़े गणेश के लिए सोने की गिन्नी वाली राखी भेजी थी, जो प्रतिवर्ष भगवान गणेश को रक्षाबंधन वाले दिन अर्पित की जाती है. इसके साथ ही दुनिया की सबसे बड़ी 51 फीट की राखी भी भगवान गणेश को अर्पित की जाएगी. पंडित आनंद शंकर व्यास के मुताबिक, सुबह 9 बजे से 12 बजे तक, दोपहर 1.30 बजे से 3 बजे तक और सूर्यास्त के बाद राखी बांधने के शुभ मुहूर्त हैं.