उज्जैन। जिले की बड़नगर सीट पर कांग्रेस के भीतर सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. यहां से टिकट कटने के बाद से मुरली मोरवाल ने निर्दलीय लड़ने का फैसला किया है. दरअसल, पार्टी ने भूल सुधार कर कुछ जगहों पर उम्मीदवारों के नाम काटे हैं. दरअसल, राजेंद्र सिंह सोलंकी को कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया है. ऐसे में पार्टी से नाराज होकर मुरली मोरवाल ने भोपाल में धरना प्रदर्शन किया. इसके बाद आखिरकार कांग्रेस ने उन्हें टिकट दे दिया. इस बात से नाराज राजेंद्र सिंह ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया है. जिसके बाद आज उन्होंने नामांकन दाखिल कर दिया. इससे कांग्रेस की मुसीबतें और बढ़ती नजर आ रही हैं.
इससे पहले जन आक्रोश रैली के दौरान उज्जैन पहुंचे पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने गोपाल मंदिर पर एक सभा में सभी कांग्रेस के नेताओं को भगवान महाकाल की कसम खिलाई थी. उन्होंने कहा था कि कोई भी पार्टी के खिलाफ नहीं लड़ेगा, लेकिन जैसे ही पार्टी ने विधायकों के टिकट काटे और नए उम्मीदवारों को उतारा तो विधायक पार्टी के खिलाफ खड़े हो गए. धरना प्रदर्शन देने लगे. जैसे ही बडनगर विधायक को पार्टी ने दोबारा टिकट दिया तो वहीं राजेंद्र सिंह सोलंकी नाराज हो गए और उन्होंने पार्टी से अलग होकर चुनाव लड़ने का फैसला ले लिया.
ये भी पढ़ें... |
राजेंद्र सिंह सोलंकी का नाम सामने आने के बाद वह चुनाव प्रचार में जुट गए थे. 3 दिन बाद जैसे ही पार्टी ने उनका नाम हटाकर मुरली मोरवाल का कर दिया, तो वहां पार्टी से नाराज हो गए और उन्होंने बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला ले लिया. वहीं, आज बड़ी संख्या में राजेंद्र सिंह सोलंकी समर्थकों को लेकर नामांकन दाखिल करने पहुंचे. जहां पर उन्होंने नामांकन दाखिल किया है, लेकिन कांग्रेस की बड़नगर में मुसीबतें बढ़ती नजर आ रही है, क्योंकि अब त्रिकोणी मुकाबला होगा.
उज्जैन प्रभारी शोभा ओझा ने राजेंद्र सिंह से बात की तो उन्होंने बात नहीं मानी. शोभा ओझा का कहना है कि कार्यकर्ताओं का दबाव है, इसलिए नामांकन दाखिल कर रहे हैं. मुझे उम्मीद है कि वह नाम वापसी के समय अपना नाम वापस लेंगे और पार्टी के ही सदस्य रहेंगे, लेकिन अब देखना होगा कि राजेंद्र सिंह सोलंकी चुनाव लड़ते हैं या फिर पार्टी के नेताओं के मानने पर बैठते हैं.