उज्जैन। ट्रेनिंग सेंटर में सभी 6 मंडलों के 500 से अधिक अधिकारी और कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण देने की व्यवस्था होगी. इसके लिए रेलवे की जमीन भी उपलब्ध है. इसे बनाने के लिए एजेंसी तय कर ली गई है. अब जल्दी ही इसका काम शुरू हो जाएगा. अभी रेलवे मंडल के अधिकारियों को ट्रेनिंग के लिए भुसावल और उदयपुर जाना पड़ता है. अब उज्जैन में ट्रेनिंग सेंटर बनने से मध्यप्रदेश के रेलवे स्टाफ को आसानी हो जाएगी.
कई कार्यों की ट्रेनिंग मिलेगी : उज्जैन आलोट सांसद अनिल फिरोजिया ने बताया कि पीएम मोदी ने शहर को 100 करोड़ रुपए में बनने वाले रेलवे ट्रेनिंग की सौगात दी है. इसके लिए एजेंसी तय हो गई है. यहां ट्रेनिंग सेंटर बनना जल्द शुरू हो जाएगा. इसके बनने के बाद रेलवे स्टाफ को उज्जैन में ट्रेनिंग मिलनी शुरू हो जाएगी. ट्रेनिंग सेंटर में रेलवे स्टाफ को कई मामलों का प्रशिक्षण दिया जाएगा. ट्रेनों की विविध प्रणाली, तकनीकी, सिग्नल और दूरसंचार, इंजीनियरिंग, लेखा, कार्मिक, भंडार, यातायात की ट्रेनिंग यहां दी जाएगी.
ALSO READ: |
5 साल पहले भेजा प्रस्ताव : प्रशिक्षण संस्थान में देशभर से अधिकारी-कर्मचारी प्रशिक्षण लेने यहां आएंगे. प्रशिक्षणार्थियों को व्हाइट बोर्ड व चॉक-डस्टर की जगह स्क्रीन पर पढ़ाने की व्यवस्था की जाएगी. रेलवे के अफसरो ने ट्रेनिंग सेंटर बनाने का प्रस्ताव करीब 5 वर्ष पहले बोर्ड को भेजा था. बोर्ड ने ट्रेनिंग सेंटर को मंजूरी दी. जमीन पर अतिक्रमण होने की वजह से कई वर्षों तक फ़ाइल उलझी पड़ी रही. रेलवे की जमीन पर जिन लोगों ने कब्जा कर रखा है, वहां से कब्जा खाली कर जमीन को मुक्त कराया जाएगा. इसके लिए उज्जैन जीआरपी द्वारा कब्जाधारियों को नोटिस जारी कर दिए गए हैं.