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मासूम का मददगार ऑटो ड्राइवर ने सुनाई पूरी कहानी, बोला- बच्ची को पहनने वर्दी दी, कुछ दूर छोड़ा, गुनाह ये कि पुलिस को नहीं बताया - Madhya Pradesh Latest News

Ujjain Nirbhaya Case: उज्जैन में नाबालिग बच्ची से दरिंदगी की घटना ने पूरे देश को शर्म से भर दिया है. पूरे मामले में पुलिस ने भी मुस्तैदी दिखाई और आरोपी को सलाखों के पीछे भेज दिया है. वहीं, पूरे घटनाक्रम में पुलिस ने एक ऑटो चालाक को गिरफ्तार किया था, जिसके बयानो के आधार पर पुलिस आरोपी तक पहुंचने में सफल हुई थी.

Ujjain Horror Whole Story
उज्जैन निर्भया कांड की पूरी कहानी, ड्राइवर की जुबानी
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 2, 2023, 10:58 AM IST

Updated : Oct 2, 2023, 12:20 PM IST

उज्जैन निर्भया कांड में गिरफ्तार हुए ड्राइवर राकेश मालवीय को पुलिस ने रिहा कर दिया है

उज्जैन. 25 सितंबर को एक नाबालिग बच्ची के साथ दरिंदगी की घटना ने पूरे देश को शर्म से भर दिया था. इस पूरे मामले में पुलिस की मुस्तैदी भी देखने को मिली, और जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर सलाखों के भीतर डाल दिया था. पुलिस अपने हिसाब से सुराग जुटाने में लगी थी. इसमें उज्जैन शहर के करीब 200 कैमरों को खंगाल कर पुलिस ने 6 ऑटो चालकों को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की थी. इनमें एक ऑटो चालाक राकेश मालवीय को उठायआ था. उसके ऑटो में ही बच्ची के खून के निशान मिले थे. इसके अलावा अन्य पांच से भी पुलिस ने गहन पूछताछ की थी. राकेश मालवीय के खुलासे के बाद पुलिस मुख्य आरोपी तक पहुंची थी. आइए जानते हैं, ऑटो चालक राकेश मालवीय ने पुलिस को क्या कहानी बताई थी.

राकेश ने सुनाई थी घटना की पूरी कहानी: उसने बताया कि वह सुबह के वक्त तिरुपति ड्रीम में अपनी रूटीन सवारी लेने के लिए रोजाना जाता है. उस दिन जीवन खेड़ी पर बच्ची उसके पास आई. बच्ची ने टूटी-फूटी भाषा में बताया कि वो आगे रहती है. साथ ही बताया कि उसके साथ कुछ गलत हुआ है. उसने बच्ची को अपनी वर्दी दे दी, लेकिन उसकी मदद नहीं कर पाया और उसे आगे छोड़कर चला गया. इतना ही गुनाह उसने किया था.

पुलिस ने किया पूरे केस का खुलासा: इन्हीं बयानों को आधार बनाकर पुलिस ने पूरा मामले इन्हें साक्ष्य के आधार पर रखा. केस का खुलासा होने के बाद, ऑटो चालकर राकेश मालवीय को छोड़ दिया गया है.

मीडिया को राकेश ने क्या बताया: राकेश ने जो बात पुलिस को बताई, वही बात राकेश ने थाने से बाहर आकर मीडिया के सामने पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी. राकेश ने बताया, "मुझे लगा की लड़की आसपास की रहने वाले होगी और मुझे सवारी लेने भी तिरुपति ड्रीम में जाना था. मुझे सुबह के वक्त लहलुहान हालत मेंं बच्ची जीवन खेड़ी के गेट के पर मिली थी. बच्ची ने पूछने पर बताया, उसके साथ गलत हुआ है और वह आगे रहती है. मैंने अपनी ऑटो चलाने वाली खाकी कलर की वर्दी उसे पहना दी, क्योंकि उसके शरीर पर कुछ नहीं था. वो काफी डरी हुई थी. मैं बच्ची को तिरुपति ड्रीम के गेट के वहीं छोड़ दिया. मुझे जल्दबाजी में समझ नहीं आया कि मुझे क्या करना चाहिए. इस कारण ऑटो में खून के निशान लग गए थे. अगले दिन टीवी और अखबार से घटना का पता चला, डर के कारण किसी को नहीं बताया. मुझे अफसोस हो रहा है. अगर पुलिस को सूचना दे देता, तो बदनामी से भी बचता और बच्ची की मदद हो जाती.

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गुनाह नहीं किया फिर भी जेल में रहना पड़ा: उज्जैन राकेश मालवीय दुष्कर्म का आरोपी नहीं है. उसे रविवार रात तक थाने बंद रहना पड़ा. हालांकि, घटना की जानकारी पुलिस को नहीं देने पर पॉक्सो अधिनियम धारा 176 के तहत उस पर केस दर्ज कर पुलिस को छोड़ दिया गया. हालांकि, इस धारा में एक साल की सजा का प्रावधान है.

आरोपी को सलाखों के पीछे डाला: इस पूरे घटनाक्रम का मुख्य आरोपी, अब जेल की सलाखों के पीछे पहुंच चुका है. उसने पुलिस से बचने के लिए भागने का प्रयास किया था, इसके कारण वह गंभीर रूप से घायल हो गया था. उसका जेल में ही उपचार चल रहा है.

उज्जैन के समाज पर पर उठे सवाल: इधर, समाज में आज भी मदद के नाम पर कोई भी आगे नहीं आता है. जब पुलिस आरोपी बनाकर उठाकर पूछताछ करती है, तब आदमी की नींद खुलती है. इस पूरे घटनाक्रम में लोगों ने बच्ची की मदद नहीं की, जिस वजह से पूरे उज्जैन शहर के लोगों पर सवाल उठ खड़ा हुआ है.

बच्ची का चल रहा उपचार: इधर, बच्ची का इंदौर अस्पताल में उपचार चल रहा है. बच्ची को गोद लेने की इच्छा जता चुके, टीआई अजय वर्मा भी लगातार नजर बनाए हुए हैं. उनके पास बच्ची की मदद के लिए लगातार फोन आ रहे हैं. कई सामाजिक संगठन बच्ची की मदद के लिए आगे आए हैं.

उज्जैन निर्भया कांड में गिरफ्तार हुए ड्राइवर राकेश मालवीय को पुलिस ने रिहा कर दिया है

उज्जैन. 25 सितंबर को एक नाबालिग बच्ची के साथ दरिंदगी की घटना ने पूरे देश को शर्म से भर दिया था. इस पूरे मामले में पुलिस की मुस्तैदी भी देखने को मिली, और जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर सलाखों के भीतर डाल दिया था. पुलिस अपने हिसाब से सुराग जुटाने में लगी थी. इसमें उज्जैन शहर के करीब 200 कैमरों को खंगाल कर पुलिस ने 6 ऑटो चालकों को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की थी. इनमें एक ऑटो चालाक राकेश मालवीय को उठायआ था. उसके ऑटो में ही बच्ची के खून के निशान मिले थे. इसके अलावा अन्य पांच से भी पुलिस ने गहन पूछताछ की थी. राकेश मालवीय के खुलासे के बाद पुलिस मुख्य आरोपी तक पहुंची थी. आइए जानते हैं, ऑटो चालक राकेश मालवीय ने पुलिस को क्या कहानी बताई थी.

राकेश ने सुनाई थी घटना की पूरी कहानी: उसने बताया कि वह सुबह के वक्त तिरुपति ड्रीम में अपनी रूटीन सवारी लेने के लिए रोजाना जाता है. उस दिन जीवन खेड़ी पर बच्ची उसके पास आई. बच्ची ने टूटी-फूटी भाषा में बताया कि वो आगे रहती है. साथ ही बताया कि उसके साथ कुछ गलत हुआ है. उसने बच्ची को अपनी वर्दी दे दी, लेकिन उसकी मदद नहीं कर पाया और उसे आगे छोड़कर चला गया. इतना ही गुनाह उसने किया था.

पुलिस ने किया पूरे केस का खुलासा: इन्हीं बयानों को आधार बनाकर पुलिस ने पूरा मामले इन्हें साक्ष्य के आधार पर रखा. केस का खुलासा होने के बाद, ऑटो चालकर राकेश मालवीय को छोड़ दिया गया है.

मीडिया को राकेश ने क्या बताया: राकेश ने जो बात पुलिस को बताई, वही बात राकेश ने थाने से बाहर आकर मीडिया के सामने पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी. राकेश ने बताया, "मुझे लगा की लड़की आसपास की रहने वाले होगी और मुझे सवारी लेने भी तिरुपति ड्रीम में जाना था. मुझे सुबह के वक्त लहलुहान हालत मेंं बच्ची जीवन खेड़ी के गेट के पर मिली थी. बच्ची ने पूछने पर बताया, उसके साथ गलत हुआ है और वह आगे रहती है. मैंने अपनी ऑटो चलाने वाली खाकी कलर की वर्दी उसे पहना दी, क्योंकि उसके शरीर पर कुछ नहीं था. वो काफी डरी हुई थी. मैं बच्ची को तिरुपति ड्रीम के गेट के वहीं छोड़ दिया. मुझे जल्दबाजी में समझ नहीं आया कि मुझे क्या करना चाहिए. इस कारण ऑटो में खून के निशान लग गए थे. अगले दिन टीवी और अखबार से घटना का पता चला, डर के कारण किसी को नहीं बताया. मुझे अफसोस हो रहा है. अगर पुलिस को सूचना दे देता, तो बदनामी से भी बचता और बच्ची की मदद हो जाती.

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गुनाह नहीं किया फिर भी जेल में रहना पड़ा: उज्जैन राकेश मालवीय दुष्कर्म का आरोपी नहीं है. उसे रविवार रात तक थाने बंद रहना पड़ा. हालांकि, घटना की जानकारी पुलिस को नहीं देने पर पॉक्सो अधिनियम धारा 176 के तहत उस पर केस दर्ज कर पुलिस को छोड़ दिया गया. हालांकि, इस धारा में एक साल की सजा का प्रावधान है.

आरोपी को सलाखों के पीछे डाला: इस पूरे घटनाक्रम का मुख्य आरोपी, अब जेल की सलाखों के पीछे पहुंच चुका है. उसने पुलिस से बचने के लिए भागने का प्रयास किया था, इसके कारण वह गंभीर रूप से घायल हो गया था. उसका जेल में ही उपचार चल रहा है.

उज्जैन के समाज पर पर उठे सवाल: इधर, समाज में आज भी मदद के नाम पर कोई भी आगे नहीं आता है. जब पुलिस आरोपी बनाकर उठाकर पूछताछ करती है, तब आदमी की नींद खुलती है. इस पूरे घटनाक्रम में लोगों ने बच्ची की मदद नहीं की, जिस वजह से पूरे उज्जैन शहर के लोगों पर सवाल उठ खड़ा हुआ है.

बच्ची का चल रहा उपचार: इधर, बच्ची का इंदौर अस्पताल में उपचार चल रहा है. बच्ची को गोद लेने की इच्छा जता चुके, टीआई अजय वर्मा भी लगातार नजर बनाए हुए हैं. उनके पास बच्ची की मदद के लिए लगातार फोन आ रहे हैं. कई सामाजिक संगठन बच्ची की मदद के लिए आगे आए हैं.

Last Updated : Oct 2, 2023, 12:20 PM IST
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