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विदिशा के शिक्षक ने जीते जी कर दी थी देहदान की वसीयत, मेडिकल कॉलेज को पार्थिव शरीर दान - DEAD BODY DONATE MEDICAL COLLEGE

विदिशा के शिक्षक राजेन्द्र कुमार मोदी ने पूरा जीवन शिक्षा के लिए समर्पित कर दिया और मरने के बाद उन्होंने शरीर दान का संकल्प लिया.

DEAD BODY DONATE MEDICAL COLLEGE
विदिशा के अटल बिहारी मेडिकल कॉलेज को पार्थिव शरीर दान (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 26, 2024, 6:31 PM IST

विदिशा: यहां स्वयं की देहदान वसीयत लिखने के बाद मरणोपरांत राजेन्द्र कुमार मोदी का पार्थिव शरीर विदिशा के अटल बिहारी मेडिकल कॉलेज को दान कर दिया गया. बता दें कि राजेंद्र कुमार मोदी ने अपना पूरा जीवन शिक्षा के प्रति समर्पित किया और मृत्यु के बाद भी मेडिकल छात्रों के लिए अपने पार्थिव शरीर को दान कर एक अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया.

बच्चों के लिए समर्पित किया जीवन

अशोक नगर जिले के मुंगावली में जन्मे राजेंद्र कुमार मोदी ने उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद डिप्टी कलेक्टर बनने का अवसर ठुकरा दिया था. उन्होंने अपनी सेवाएं विदिशा के जैन मिडिल स्कूल में प्रधान अध्यापक के रूप में शुरू की और पूरा जीवन बच्चों को शिक्षित करने और समाज को बेहतर बनाने में समर्पित कर दिया. इसके बाद मरणोपरांत उनका शरीर किसी के काम आ सके इस उद्देश्य उन्होंने अपनी देहदान की वसीयत पहले ही लिख दी थी.

मरणोपरांत राजेन्द्र कुमार मोदी का पार्थिव शरीर किया गया दान (ETV Bharat)

2020 में देहदान का लिया था संकल्प

राजेंद्र कुमार मोदी ने 2020 में देहदान का संकल्प पत्र भर दिया था. बता दें कि देहदान और नेत्रदान के संकल्प पत्र भरवाने का मिशन देहदानी विकास पचौरी द्वारा कुछ वर्ष पूर्व शुरू किया गया था. इसी अभियान से प्रेरित होकर राजेन्द्र मोदी ने भी मृत्यु उपरांत देहदान का संकल्प पत्र भरा था. यह दर्शाता है कि जीवन के बाद भी समाज को योगदान देना संभव है.

vidisha teacher Body Donation
विदिशा के शिक्षक ने जीते जी कर दी थी देहदान की वसीयत (ETV Bharat)

परिवार ने पूरी की पिता की अंतिम इच्छा

88 वर्ष की आयु में राजेन्द्र कुमार मोदी के निधन के बाद उनके परिवार ने उनकी अंतिम इच्छा का सम्मान करते हुए उनके पार्थिव शरीर को दान कर दिया. विदिशा स्थित अटल बिहारी मेडिकल कॉलेज को उनका पार्थिव शरीर दान किया गया. अब उनका शरीर मेडिकल छात्रों के शोध और अध्ययन में उपयोगी होगा.

मेडिकल कॉलेज में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन

देहदान के समय मेडिकल कॉलेज में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन हुआ. इस दौरान आयोजित शोकसभा में एनाटॉमी विभाग के स्टाफ, उनके परिवारजन और शहरवासियों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. उनके बेटे ने इस शोकसभा में अपने पिता की वसीयत को सभी को सुनाया. उन्होंने कहा कि यह वसीयत न केवल देहदान और शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने का संदेश देती है, बल्कि समाज को प्रेरणा भी देती है कि मृत्यु के बाद भी हम कैसे उपयोगी बन सकते हैं.

विदिशा: यहां स्वयं की देहदान वसीयत लिखने के बाद मरणोपरांत राजेन्द्र कुमार मोदी का पार्थिव शरीर विदिशा के अटल बिहारी मेडिकल कॉलेज को दान कर दिया गया. बता दें कि राजेंद्र कुमार मोदी ने अपना पूरा जीवन शिक्षा के प्रति समर्पित किया और मृत्यु के बाद भी मेडिकल छात्रों के लिए अपने पार्थिव शरीर को दान कर एक अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया.

बच्चों के लिए समर्पित किया जीवन

अशोक नगर जिले के मुंगावली में जन्मे राजेंद्र कुमार मोदी ने उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद डिप्टी कलेक्टर बनने का अवसर ठुकरा दिया था. उन्होंने अपनी सेवाएं विदिशा के जैन मिडिल स्कूल में प्रधान अध्यापक के रूप में शुरू की और पूरा जीवन बच्चों को शिक्षित करने और समाज को बेहतर बनाने में समर्पित कर दिया. इसके बाद मरणोपरांत उनका शरीर किसी के काम आ सके इस उद्देश्य उन्होंने अपनी देहदान की वसीयत पहले ही लिख दी थी.

मरणोपरांत राजेन्द्र कुमार मोदी का पार्थिव शरीर किया गया दान (ETV Bharat)

2020 में देहदान का लिया था संकल्प

राजेंद्र कुमार मोदी ने 2020 में देहदान का संकल्प पत्र भर दिया था. बता दें कि देहदान और नेत्रदान के संकल्प पत्र भरवाने का मिशन देहदानी विकास पचौरी द्वारा कुछ वर्ष पूर्व शुरू किया गया था. इसी अभियान से प्रेरित होकर राजेन्द्र मोदी ने भी मृत्यु उपरांत देहदान का संकल्प पत्र भरा था. यह दर्शाता है कि जीवन के बाद भी समाज को योगदान देना संभव है.

vidisha teacher Body Donation
विदिशा के शिक्षक ने जीते जी कर दी थी देहदान की वसीयत (ETV Bharat)

परिवार ने पूरी की पिता की अंतिम इच्छा

88 वर्ष की आयु में राजेन्द्र कुमार मोदी के निधन के बाद उनके परिवार ने उनकी अंतिम इच्छा का सम्मान करते हुए उनके पार्थिव शरीर को दान कर दिया. विदिशा स्थित अटल बिहारी मेडिकल कॉलेज को उनका पार्थिव शरीर दान किया गया. अब उनका शरीर मेडिकल छात्रों के शोध और अध्ययन में उपयोगी होगा.

मेडिकल कॉलेज में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन

देहदान के समय मेडिकल कॉलेज में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन हुआ. इस दौरान आयोजित शोकसभा में एनाटॉमी विभाग के स्टाफ, उनके परिवारजन और शहरवासियों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. उनके बेटे ने इस शोकसभा में अपने पिता की वसीयत को सभी को सुनाया. उन्होंने कहा कि यह वसीयत न केवल देहदान और शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने का संदेश देती है, बल्कि समाज को प्रेरणा भी देती है कि मृत्यु के बाद भी हम कैसे उपयोगी बन सकते हैं.

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