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Ujjain: 10 हजार परिवारों के बेघर होने का मंडरा रहा संकट, राज्यपाल को सौंपा 5 हजार पेज का ज्ञापन - 10 हजार परिवारों के सिर छत हटने का मंडरा रहा संकट

उज्जैन में रेलवे द्वारा 10 हजार परिवारों को जमीन खाली करने का नोटिस भेजा जा रहा है. इसको लेकर पीड़ित परिवार ने एसडीएम को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा है.

ujjain railway send notice to 10 thousand family
10 हजार परिवारों के सिर से छत हटने का मंडरा रहा संकट
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Published : Feb 13, 2023, 6:49 PM IST

10 हजार परिवारों के सिर से छत हटने का मंडरा रहा संकट

उज्जैन। जिले के नागदा में 10 हजार परिवारों के सिर से छत हटने का संकट मंडरा रहा है. रेलवे इन परिवार वालों को बार-बार नोटिस भेजकर परेशान कर रहा है. इससे तंग आकर पीड़ित परिवार नागदा पुलिस थाने पहुंचा और घेराव कर 5 हजार पेज के ज्ञापन की कॉपी सौंपी है. पीड़ित परिवार ने एसडीएम को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा है. बता दें कि ये भूमि रेलवे की है, जिसकी वजह से पीड़ित परिवार को नोटिस भेजा जा रहा है.

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10 हजार परिवार को रेलवे का नोटिस: पीड़ित परिवार ने ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि, "हम जिस जगह पर रहते हैं, हमें उस जमीन का हक दिया जाए." उन्होंने कहा, "हम सीएम शिवराज से भी कई बार इसको लेकर कह चुकें हैं, उन्होंने कहा है कि किसी का मकान नहीं तोड़ा जाएगा. उसे वहां के पट्टे दिए जाएंगे, इसके बावजूद हमें परेशान किया जा रहा है. एक माह का समय है, हमारी समस्याओं का निराकरण करें वरना उग्र आंदोलन किया जाएगा".

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उग्र आंदोलन की चेतावनी दी: बसंत मालपानी ने बताया कि, नागदा को बसाहट हुए सैकड़ों साल हो गए हैं. 70 सालों से करीब परिवार बिरलाग्राम क्षेत्र में है. इसके बावजूद किसी को उनके आशियाने का मालिकाना हक नहीं मिल पाया है. मालिकाना हक नहीं होने से रेलवे बार-बार नोटिस भेज दे रहा है और कह रहा है कि उक्त भूमि रेलवे की है जगह खाली करें. हमनें जमीन पर मालिकाना हक के लिए एसडीएम को राज्यपाल के नाम 5 हजार पेज का ज्ञापन सौंपा है. उसमें लिखा है कि, "हमको मालिकाना हक दिलवाया जाए. 1 माह का समय अल्टीमेटम हम देते हैं सांसद, कलेक्टर, विधायक सबको अगर उचित निराकरण नहीं हुआ तो उग्र आंदोलन रहवासी करेंगे".

10 हजार परिवारों के सिर से छत हटने का मंडरा रहा संकट

उज्जैन। जिले के नागदा में 10 हजार परिवारों के सिर से छत हटने का संकट मंडरा रहा है. रेलवे इन परिवार वालों को बार-बार नोटिस भेजकर परेशान कर रहा है. इससे तंग आकर पीड़ित परिवार नागदा पुलिस थाने पहुंचा और घेराव कर 5 हजार पेज के ज्ञापन की कॉपी सौंपी है. पीड़ित परिवार ने एसडीएम को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा है. बता दें कि ये भूमि रेलवे की है, जिसकी वजह से पीड़ित परिवार को नोटिस भेजा जा रहा है.

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10 हजार परिवार को रेलवे का नोटिस: पीड़ित परिवार ने ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि, "हम जिस जगह पर रहते हैं, हमें उस जमीन का हक दिया जाए." उन्होंने कहा, "हम सीएम शिवराज से भी कई बार इसको लेकर कह चुकें हैं, उन्होंने कहा है कि किसी का मकान नहीं तोड़ा जाएगा. उसे वहां के पट्टे दिए जाएंगे, इसके बावजूद हमें परेशान किया जा रहा है. एक माह का समय है, हमारी समस्याओं का निराकरण करें वरना उग्र आंदोलन किया जाएगा".

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उग्र आंदोलन की चेतावनी दी: बसंत मालपानी ने बताया कि, नागदा को बसाहट हुए सैकड़ों साल हो गए हैं. 70 सालों से करीब परिवार बिरलाग्राम क्षेत्र में है. इसके बावजूद किसी को उनके आशियाने का मालिकाना हक नहीं मिल पाया है. मालिकाना हक नहीं होने से रेलवे बार-बार नोटिस भेज दे रहा है और कह रहा है कि उक्त भूमि रेलवे की है जगह खाली करें. हमनें जमीन पर मालिकाना हक के लिए एसडीएम को राज्यपाल के नाम 5 हजार पेज का ज्ञापन सौंपा है. उसमें लिखा है कि, "हमको मालिकाना हक दिलवाया जाए. 1 माह का समय अल्टीमेटम हम देते हैं सांसद, कलेक्टर, विधायक सबको अगर उचित निराकरण नहीं हुआ तो उग्र आंदोलन रहवासी करेंगे".

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