उज्जैन। 11 मई को यहां के एक गांव में लक्ष्मी मीरा नाम की गाय की मृत्यु हो गई थी, जिसका ग्रामीणों ने मिलकर अंतिम यात्रा गाजे बाजे के साथ निकाला था. आज शुक्रवार को गाय के मृत्यु भोज का आयोजन ग्रामीणों ने मिलकर किया. इसके लिए एक निमंत्रण पत्र भी बनाए गए थे, जिसमें गाय मीरा का फोटो लगाकर पूरा विवरण किया गया है. मृत्यु भोज के मौके पर लोगों ने गाय को श्रद्धांजलि दी. इसके पश्चात 3000 ग्रामीणों का भोजन रखा गया, जिसमें 6 प्रकार का पकवान बनाया गया था. ग्रामीणों का कहना है कि गाय की याद में यह काम हर साल किया जाएगा.
गाय की याद में हुआ मृत्यु भोज का आयोजन: उज्जैन के बकानिया गांव में 11 मई को 15 सालों से रह रही लक्ष्मी मीरा नाम की गाय की मृत्यु हो गई थी. ग्रामीणों ने गाय की अंतिम यात्रा बैंड-बाजे के साथ गांव बकानिया में निकाली थी, जिसमें पूरा गांव सम्मिलित हुआ था. हिंदू रीति रिवाज के हिसाब से गाय का अंतिम संस्कार किया गया था. शुक्रवार को गाय की तेरहवीं थी, जिसके लिए गांव वालों ने मृत्यु भोज का आयोजन किया था. इसके लिए ग्रामीणों ने डेढ़ लाख रुपए इकट्ठा किए थे. मृत्यु भोज के लिए आसपास के गांव वालों को आमंत्रण पत्र भेजा गया था. इस भोज में पूरी, सब्जी, दाल, नुगति रायता, मिक्चर बनाया गया था. इसमें बड़ी संख्या में लोग सम्मलित हुए थे.
नम आंखों से दी गई थी बिदाई: ग्रामीण जितेंद्र सोलंकी ने बताया कि गाय मीरा ने कभी किसी का नुकसान नहीं किया. पूरे गांव की वो लाडली बन गई थी. ग्रामीणों ने नम आंखों से गाय को अंतिम विदाई दी थी. बता दें कि मृत्यु भोज से पहले गाय की समाधी पर लोगों द्वारा पुष्प अर्पित किए थे. वहीं ग्रामीणों का कहना है कि गाय की याद में हर साल मृत्यु भोज का आोयजन किया जाएगा.