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Ujjain Mahakaleshwar: भस्मारती में महाकाल का चंदन से श्रृंगार, मस्तक पर सजा शेषनाग, रूद्राक्ष की माला में खूब सजा रूप - ujjain news

पौराणिक नगरी उज्जैयिनी स्थित महाकालेश्वर मंदिर देश ही नहीं, विदेश में भी प्रसिद्ध है. सनातन धर्म को मानने वाले विदेशी भक्त भी अक्सर यहां आते हैं. यहां आने वाले श्रद्धालुओं के बीच भस्मारती को देखने की खासी मान्यता है. लोगों को मानना है कि भस्मारती के दर्शन कर जन्म-मरण के बंधन से मुक्ति मिल जाती है.

Ujjain Bhasmarti
बाबा महाकाल की भस्मारती
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Published : Mar 30, 2023, 11:06 AM IST

उज्जैन। चैत्र नवरात्रि की नवमी तिथि पर गुरुवार को बाबा महाकाल की भस्मारती देखने के लिए देश भर से आए श्रद्धालुओं के साथ विदेशी मेहमान भी पहुंचे. गुरुवार को रामनवमी के मौके पर महाकालेश्वर की भस्मारती में उनका श्रृंगार चंदन के लेप से किया गया. भांग, अबीर, चंदन और कुंकुम से राजा जैसा रूप तैयार कर महाकाल के मस्तक पर शेष नाग, रुद्राक्ष की माला, कुंडल और आभूषण धारण कराए गए. सूखे मेवे और गुलाब के फूलों की माला से सजे भोलेनाथ का रूप देखते ही बनता था.

Ujjain Bhasmarti
चंदन के लेप से श्रृंगार

मंदिर के बाहर लगी कतार: बता दें कि उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में प्रतिदिन नियमानुसार बाबा की भस्मारती तड़के 3 बजे शुरू हो जाती है. इसे देखने के लिए देश-विदेश से आए श्रद्धालु देर रात से ही मंदिर के बाहर कतारों में लग जाते हैं. भस्मारती में सबसे पहले भगवान महाकाल को जल अर्पित कर स्नान कराया जाता है. मंदिर के पुरोहित और पुजारी पंचामृत यानि दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल के मिश्रण से भगवान का अभिषेक करते हैं. इसके बाद शिवलिंग का श्रृंगार किया जाता है. भगवान महाकाल को भस्मी अर्पित कर आरती की जाती है. भस्मारती खत्म होने के बाद भगवान शिव को फल और मिठाइयों का भोग लगाया जाता है.

Ujjain Bhasmarti
पंचामृत से अभिषेक

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Ujjain Bhasmarti
महाकाल मंदिर स्थित नंदीश्वर

दुकानों पर दिखी चहल-पहल: चैत्र नवरात्रि की नवमी के मौके पर बाबा महाकाल का दर्शन करने अच्छी-खासी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे. मंदिर के बाहर सजी पूजन साम्रगी की दुकानों पर चहल-पहल दिखाई दी. तय समय पर अनुमति पत्र जांचने के बाद उनको मंदिर के अंदर जाने दिया गया. अपने आराध्य महाकाल के दर पर पहुंचे लोग बम बम भोले और हर हर गंगे के जयकारे लगा रहे थे.

उज्जैन। चैत्र नवरात्रि की नवमी तिथि पर गुरुवार को बाबा महाकाल की भस्मारती देखने के लिए देश भर से आए श्रद्धालुओं के साथ विदेशी मेहमान भी पहुंचे. गुरुवार को रामनवमी के मौके पर महाकालेश्वर की भस्मारती में उनका श्रृंगार चंदन के लेप से किया गया. भांग, अबीर, चंदन और कुंकुम से राजा जैसा रूप तैयार कर महाकाल के मस्तक पर शेष नाग, रुद्राक्ष की माला, कुंडल और आभूषण धारण कराए गए. सूखे मेवे और गुलाब के फूलों की माला से सजे भोलेनाथ का रूप देखते ही बनता था.

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चंदन के लेप से श्रृंगार

मंदिर के बाहर लगी कतार: बता दें कि उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में प्रतिदिन नियमानुसार बाबा की भस्मारती तड़के 3 बजे शुरू हो जाती है. इसे देखने के लिए देश-विदेश से आए श्रद्धालु देर रात से ही मंदिर के बाहर कतारों में लग जाते हैं. भस्मारती में सबसे पहले भगवान महाकाल को जल अर्पित कर स्नान कराया जाता है. मंदिर के पुरोहित और पुजारी पंचामृत यानि दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल के मिश्रण से भगवान का अभिषेक करते हैं. इसके बाद शिवलिंग का श्रृंगार किया जाता है. भगवान महाकाल को भस्मी अर्पित कर आरती की जाती है. भस्मारती खत्म होने के बाद भगवान शिव को फल और मिठाइयों का भोग लगाया जाता है.

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