उज्जैन। पौराणिक नगरी स्थित महाकालेश्वर मंदिर में गुरुवार 6 अप्रैल को आयोजित भस्म आरती में महाकाल को हनुमान का रूप दिया गया. भगवान महाकाल का चंदन से लेप करने के बाद अबीर, कुमकुम, गुलाब की माला आदि से श्रृंगार किया गया. उनके मस्तक पर कुंदन जड़ित आभूषण धारण कराए गए. महाकाल और बजरंग बली का एकाकार रूप इतना मनोहारी था कि जिसने देखा, वह देखता ही रह गया. इस दौरान श्रद्धालु महाकाल और हनुमान के जयकारे लगाते रहे.
![Ujjain Mahakaleshwar Bhasmarti](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/18180579_mahakal.jpg)
पंचामृत से अभिषेक, चंदन का उबटन: उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में गुरुवार तड़के करीब 3 बजे भस्म आरती की प्रक्रिया शुरू की गई. सबसे पहले शिवलिंग को सुगंधित जल अर्पित कर स्नान कराया गया. इसके बाद पंडे-पुजारियों ने पंचामृत यानि दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल से भगवान का अभिषेक किया. फिर चंदन का उबटन लगाकर भांग समेत अन्य सामग्री से श्रृंगार किया गया. इसके बाद भगवान महाकाल को भस्मी अर्पित कर आरती की गई. भोले को भोग के रूप में कई फल और अलग-अलग तरह की मिठाइयां चढ़ाई गईं.
![Ujjain Mahakaleshwar Bhasmarti](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/18180579_mahakal2.jpg)
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लगे जयकारे, गूंजा मंदिर: महाकाल की भस्म आरती के लिए श्रद्धालु रात करीब 12 बजे से ही मंदिर के बाहर लाइन लगाकर खड़े हो गए थे. करीब 2:45 पर कपाट खुले और अनुमति पत्र जांचने के बाद इन सभी को मंदिर के अंदर प्रवेश दिया गया. जैसे ही पुजारियों ने शिवलिंग का जलाभिषेक शुरू किया, भक्तों ने ऊं नम: शिवाय का जाप शुरू कर दिया. जब तक भस्म आरती पूरी नहीं हो गई, भक्त महाकाल के जयकारे लगाते रहे.