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उज्जैन: बाबा महाकाल को गर्मी से राहत दिलाने के लिए शिवलिंग पर बांधी गईं सात गलंतिका

तपती गर्मी से जिले के राजाधिराज महाकाल को राहत दिलाने के लिए वैशाख माह की शुरुआत पर सात गलंतिकाएं बांधी गई. ये गलंतिका ज्येष्ठ माह की शुक्ल पूर्णिमा तक बंधी रहेगी.

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Published : Apr 20, 2019, 7:01 PM IST

महाकालेश्वर मंदिर, उज्जैन

उज्जैन। तपती गर्मी से जिले के राजाधिराज महाकाल को राहत दिलाने के लिए वैशाख माह की शुरुआत पर सात गलंतिकाएं बांधी गई. ये गलंतिका ज्येष्ठ माह की शुक्ल पूर्णिमा तक बंधी रहेगी. जिसमें सतत दो महीने तक मिट्टी के 11 कलश से बाबा महाकाल पर धारा प्रवाहित की जाएगी.

महाकालेश्वर मंदिर, उज्जैन

जिले के विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में भगवान महाकाल को वैशाख और ज्येष्ठ माह की तपती गर्मी में ठंडक प्रदान करने के लिए पुजारी और पुरोहित द्वारा प्रतिवर्ष गलंतिका यानि की मिट्टी के कलश, वैशाख कृष्ण प्रतिपदा से बांधे जाते हैं जो ज्येष्ठ शुल्क पूर्णिमा तक बंधे रहेंगे.
शनिवार को शिवलिंग के ऊपर सतत जलधारा प्रभावित करने के लिए 11 छोटे कलश बांधे गए हैं. इन कलशों पर सतत जलधारा दो माह तक चलेगी. पुजारियों ने बताया की कैलाश निवासी महाकालेश्वर भगवान महाकाल को शीतलता प्रदान करने के लिए इस तरह का प्रयोग गर्मी में किया जाता है. मान्यता है कि इससे तृप्त होकर बाबा महाकाल प्रजा के कल्याण के लिए सुख समृद्धि प्रदान करते हैं.

उज्जैन। तपती गर्मी से जिले के राजाधिराज महाकाल को राहत दिलाने के लिए वैशाख माह की शुरुआत पर सात गलंतिकाएं बांधी गई. ये गलंतिका ज्येष्ठ माह की शुक्ल पूर्णिमा तक बंधी रहेगी. जिसमें सतत दो महीने तक मिट्टी के 11 कलश से बाबा महाकाल पर धारा प्रवाहित की जाएगी.

महाकालेश्वर मंदिर, उज्जैन

जिले के विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में भगवान महाकाल को वैशाख और ज्येष्ठ माह की तपती गर्मी में ठंडक प्रदान करने के लिए पुजारी और पुरोहित द्वारा प्रतिवर्ष गलंतिका यानि की मिट्टी के कलश, वैशाख कृष्ण प्रतिपदा से बांधे जाते हैं जो ज्येष्ठ शुल्क पूर्णिमा तक बंधे रहेंगे.
शनिवार को शिवलिंग के ऊपर सतत जलधारा प्रभावित करने के लिए 11 छोटे कलश बांधे गए हैं. इन कलशों पर सतत जलधारा दो माह तक चलेगी. पुजारियों ने बताया की कैलाश निवासी महाकालेश्वर भगवान महाकाल को शीतलता प्रदान करने के लिए इस तरह का प्रयोग गर्मी में किया जाता है. मान्यता है कि इससे तृप्त होकर बाबा महाकाल प्रजा के कल्याण के लिए सुख समृद्धि प्रदान करते हैं.

Intro:उज्जैन राजाधिराज बाबा महाकाल को राहत दिलाने के लिए वैशाख मास की शुरुआत पर गलंतिका बांधी गई है।


Body:उज्जैन तपती गर्मी से उज्जैन के राजा धीराज महाकाल को राहत दिलाने के लिए वैशाख मास की शुरुआत पर गलंतिका बांधी गई है ये गलंतिका ज्येष्ठ मास की शुक्ल पूर्णिमा तक बंधी रहेगी जिसमें सतत दो महीने तक मिट्टी के 11 कलश से बाबा महाकाल पर धारा प्रवाहित की जाएगी मान्यता है कि इससे तृप्त होकर बाबा महाकाल प्रजा के कल्याण के लिए सुख समृद्धि प्रदान करते हैं।


Conclusion:उज्जैन विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में भगवान महाकाल को बैशाख एवं ज्येष्ठ मास की तपती गर्मी में ठंडक प्रदान करने के लिए पुजारी वह पुरोहित द्वारा प्रतिवर्ष गलंतिका अर्थात मिट्टी के कलश वैशाख कृष्ण प्रतिपदा से बांधे जाते हैं जो ज्येष्ठ शुल्क पूर्णिमा तक बंधे रहेंगे। शानिवार को शिवा की आरती के दौरान गर्भ गृह में शिवलिंग के ऊपर सतत जलधारा प्रभावित करने के लिए 11 छोटे कलश बांधे गए हैं। इन कलशो से सतत जलधर दो माह तक चलेगी पुजारियों ने बताया की कैलाश निवासी महाकालेश्वर भगवान महाकाल को शीतलता प्रदान चटनी के लिए इस तरह का जतन गर्मी में किया जाता है इसी तरह से ठंड के दिनों में भी भगवान को गर्म जल से स्नान कराने की परंपरा निभाई जाती है भीषण गर्मी से राहत के लिए वैशाख कृष्ण प्रतिपदा से मिट्टी के 11 कलश चांदी की जला धारा पर बांधे जाते है। माना जाता है। कि कलश से प्रवाहित जलधारा को गंगा , जमुना , सरस्वती , गोदावरी सहित अन्य नाम लिखकर शीतलता के लिए लगाई जाती है। मान्यता है। कि भगवान महाकाल इससे तृप्त होकर राष्ट्रीय प्रजा के कल्याण के लिए सुख समुध्दि प्रदान करते है ।



बाइट---प्रदीप गुरु महाकाल मंदिर
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