ETV Bharat / state

महाकाल की नगरी में तांत्रिकों का जमघट, अमावस्या की काली रात में श्मशान में हुई तंत्र क्रिया - चक्रतीर्थ श्मशान पर तांत्रिकों की तंत्र क्रिया

देश के अलग-अलग हिस्सों से कई तांत्रिक मध्यप्रदेश के उज्जैन पहुंचे. जहां उन्होंने अमावस्या की काली रात में श्मशान पर तंत्र क्रिया की.

Tantriks Tantra Kriya
महाकाल नगरी में तंत्र क्रिया
author img

By

Published : Apr 20, 2023, 5:06 PM IST

Updated : Apr 20, 2023, 6:34 PM IST

महाकाल की नगरी में तांत्रिकों का जमघट

उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में आम श्रद्धालुओं के साथ हस्तियों का जमावड़ा आए दिन लगा रहता है. जहां वे महाकाल के दर्शन-अभिषेक कर मत्था टेकने आते हैं. इन दिनों महाकाल के दर पर श्रद्धालुओं के अलावा तांत्रिकों का मेला लगा है. बाबा महाकाल की नगरी के साथ मां शिप्रा के तट पर स्थित श्मशान घाट पर रोजाना चिता जलती रहती है. ऐसे में तांत्रिक भी पहुंचकर तंत्र क्रिया करते हैं, लेकिन तांत्रिक तंत्र क्रिया तब करते हैं, जब कोई विशेष महत्व होता है. अमवस्या की काली रात में उज्जैन के श्मशान चक्रतीर्थ पर जलती चिता के बीच तांत्रिकों का जमावड़ा लगा हुआ.

शक्तियों को हासिल करना: अमावस्या और ग्रहण होने के चलते तंत्र साधक बड़ी संख्या में उज्जैन पहुंचते हैं. वहीं शुक्रवार की देर रात तांत्रिको ने तंत्र क्रिया की. इस दौरान जलती चिता पर शव साधना के साथ अन्य तंत्र क्रिया भी की गई. बाबा महाकाल की नगरी होने के साथ-साथ कालों के काल महाकाल का यह क्षेत्र श्मशान क्षेत्र माना जाता है. इसीलिए तांत्रिकों का मानना है कि उज्जैन में तंत्र साधना करना यानी शक्तियों को हासिल करना है.

Tantriks Tantra Kriya
अमावस्या की काली रात में तंत्र क्रिया

तंत्र क्रिया में इन सामग्री का होता है इस्तेमाल: तांत्रिक भय्यू महाराज ने बताया कि यह कालों के काल बाबा महाकाल की नगरी है और मां शिप्रा के तट पर स्थित श्मशान घाट चक्रतीर्थ यहां पर तंत्र साधना के लिए अमावस्या पर्व और ग्रहण की रात का विशेष महत्व होता है. तंत्र क्रिया के दौरान मदिरा, नींबू, मिठाई, मावा, फल, सिंदूर, अबीर, माचिस, कंडे, फूल, दिये सहित अन्य सामान का उपयोग किया जाता है. मध्य रात्रि को क्रिया शुरू की जाती है. करीब डेढ़ से दो घंटे तंत्र साधना चलती है. जिसमें तंत्र, मंत्र, यंत्र, टोटके, कलवा साधना, वीरसाधना, यक्षिण साधना, वीर भट्ट, वेताल साधना और शव साधना शामिल है.

कुछ खबर यहां पढ़ें

Tantriks Tantra Kriya
तंत्र क्रिया करते तांत्रिक

अमावस्या की अर्द्ध रात्रि पर तांत्रिकों की तंत्र क्रिया: देश के अलग-अलग जगह से आए तांत्रिकों ने अमावस्या की आधी रात को तंत्र क्रिया की. तांत्रिकों ने बताया कि देश में अमन-शांति के लिए तांत्रिक क्रिया की गई. गुजरात से आये एक तंत्र साधक ने उज्जैन की शिप्रा नदी के किनारे स्थित श्मशान में तंत्र क्रिया की. श्मशान में भैरव, शमशान काली और कालभैरव और अन्य देवी देवताओं को आहुति दी गई. तांत्रिक ग्रहण पर विशेष अनुष्ठान करते है. बीती रात अमवस्या की अर्द्ध रात्रि में घोर अंधकार के समय, जब शहरवासी गहरी नींद के आगोश में थे, उस समय इन अघोरी-तांत्रिकों ने श्‍मशान में जाकर तंत्र-क्रियाएं और घोर साधनाएं की.

महाकाल की नगरी में तांत्रिकों का जमघट

उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में आम श्रद्धालुओं के साथ हस्तियों का जमावड़ा आए दिन लगा रहता है. जहां वे महाकाल के दर्शन-अभिषेक कर मत्था टेकने आते हैं. इन दिनों महाकाल के दर पर श्रद्धालुओं के अलावा तांत्रिकों का मेला लगा है. बाबा महाकाल की नगरी के साथ मां शिप्रा के तट पर स्थित श्मशान घाट पर रोजाना चिता जलती रहती है. ऐसे में तांत्रिक भी पहुंचकर तंत्र क्रिया करते हैं, लेकिन तांत्रिक तंत्र क्रिया तब करते हैं, जब कोई विशेष महत्व होता है. अमवस्या की काली रात में उज्जैन के श्मशान चक्रतीर्थ पर जलती चिता के बीच तांत्रिकों का जमावड़ा लगा हुआ.

शक्तियों को हासिल करना: अमावस्या और ग्रहण होने के चलते तंत्र साधक बड़ी संख्या में उज्जैन पहुंचते हैं. वहीं शुक्रवार की देर रात तांत्रिको ने तंत्र क्रिया की. इस दौरान जलती चिता पर शव साधना के साथ अन्य तंत्र क्रिया भी की गई. बाबा महाकाल की नगरी होने के साथ-साथ कालों के काल महाकाल का यह क्षेत्र श्मशान क्षेत्र माना जाता है. इसीलिए तांत्रिकों का मानना है कि उज्जैन में तंत्र साधना करना यानी शक्तियों को हासिल करना है.

Tantriks Tantra Kriya
अमावस्या की काली रात में तंत्र क्रिया

तंत्र क्रिया में इन सामग्री का होता है इस्तेमाल: तांत्रिक भय्यू महाराज ने बताया कि यह कालों के काल बाबा महाकाल की नगरी है और मां शिप्रा के तट पर स्थित श्मशान घाट चक्रतीर्थ यहां पर तंत्र साधना के लिए अमावस्या पर्व और ग्रहण की रात का विशेष महत्व होता है. तंत्र क्रिया के दौरान मदिरा, नींबू, मिठाई, मावा, फल, सिंदूर, अबीर, माचिस, कंडे, फूल, दिये सहित अन्य सामान का उपयोग किया जाता है. मध्य रात्रि को क्रिया शुरू की जाती है. करीब डेढ़ से दो घंटे तंत्र साधना चलती है. जिसमें तंत्र, मंत्र, यंत्र, टोटके, कलवा साधना, वीरसाधना, यक्षिण साधना, वीर भट्ट, वेताल साधना और शव साधना शामिल है.

कुछ खबर यहां पढ़ें

Tantriks Tantra Kriya
तंत्र क्रिया करते तांत्रिक

अमावस्या की अर्द्ध रात्रि पर तांत्रिकों की तंत्र क्रिया: देश के अलग-अलग जगह से आए तांत्रिकों ने अमावस्या की आधी रात को तंत्र क्रिया की. तांत्रिकों ने बताया कि देश में अमन-शांति के लिए तांत्रिक क्रिया की गई. गुजरात से आये एक तंत्र साधक ने उज्जैन की शिप्रा नदी के किनारे स्थित श्मशान में तंत्र क्रिया की. श्मशान में भैरव, शमशान काली और कालभैरव और अन्य देवी देवताओं को आहुति दी गई. तांत्रिक ग्रहण पर विशेष अनुष्ठान करते है. बीती रात अमवस्या की अर्द्ध रात्रि में घोर अंधकार के समय, जब शहरवासी गहरी नींद के आगोश में थे, उस समय इन अघोरी-तांत्रिकों ने श्‍मशान में जाकर तंत्र-क्रियाएं और घोर साधनाएं की.

Last Updated : Apr 20, 2023, 6:34 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.