उज्जैन (Ujjain)। शहर में जल्द ही विज्ञान केंद्र (Science Center) की सौगात मिलने जा रही है. भारत सरकार (Indian government) द्वारा उज्जैन में उप क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र (Sub Regional Science Center) की स्थापना होने जा रही है. जिसमें शिक्षा से जुड़े लोग लाभान्वित होंगे. दूसरी और जन समुदाय की विज्ञान में रूचि बढ़ेगी. यही नहीं विज्ञान के अनसुलझे रहस्यों के बारे में भी विद्यार्थी जान सकेंगे. प्रदेश की पहली साइंस सिटी के रूप में विकसित हो रहे विज्ञान केंद्र में आधुनिक उपकरण लगेंगे. 15.20 करोड़ की लागत से बनने वाले उप क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र की आधारशीला आगामी 30 सितंबर को प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह (Shivraj singh chouhan) रखेंगे.
21.75 एकड़ में बनेगा विज्ञान केंद्र
उप क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र शहर के बसंत विहार स्थित 21.75 एकड़ में फैले तारा मंडल की जमीन पर आकार लेगा. रविवार को बृहसपति भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव, विधायक पारस जैन, सहित स्मार्ट सिटी के सीओ जितेंद्र सिंह चौहान शामिल हुए. मोहन यादव ने बताया की उज्जैन अब धार्मिक शहर के साथ साथ साइंस सिटी के नाम से भी जाना जायेगा.
15 करोड़ से अधिक की लागत
दरअसल, 15 करोड़ से अधिक की लागत से बनने वाले विज्ञान केंद्र में कई बड़े छोटे उपकरण लगेंगे, जोकि हाईटेक होंगे. इसके साथ-साथ एक इनोवेशन हब, लैब में कई प्रकार के उपकरण पर विद्यार्थी शोध कर सकेंगे. शहर में छात्रों को लेब में मृदा जल एवं खादय पदार्थ के नमूनों का परिक्षण भी सिखाया जाएगा. तारा मंडल वसंत विहार में बनने वाले विज्ञान केंद्र में राज्य शासन 8.65 करोड़ शेष राशि 6.55 करोड़ राष्ट्रिय विज्ञानं संग्रहालय परिषद कोलकाता और संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार दिल्ली द्वारा वहन की जाएगी.
विज्ञान केंद्र में इनोवेशन हब
उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने आगे बताया कि आने वाले समय में उज्जैन का विज्ञान केंद्र साइंस सिटी का रूप लेगा. साथ ही उज्जैन शहर भविष्य में काल गणना का बढ़ा केंद्र होगा. विज्ञान केंद्र में 14 करोड़ में थ्रीडी स्टूडियो भी बनेगा, जिसमें विज्ञान की द्रष्टि से सबसे उन्नत उपकरण लगाए जाएंगे.