उज्जैन। कोरोना महामारी के चलते शिप्रा नदी किनारे रामघाट पर पिंडदान और अन्य पूजा-पाठ पर कलेक्टर ने प्रतिबंध लगा रखा है. लेकिन इसके बाद भी कुछ पंडे चोरी छिपे पूजा करते देखे गए. जिसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर सभी को रोका और कोरोना गाइडलाइन का पालन करने को कहा. इतना ही नहीं इस दौरान पुलिस पंडितों को खदेड़ते भी नजर आई. जिसका वीडियो भी वायरल हो रहा है. इधर पंडितों ने इसपर ऐतराज जताते हुए सांसद अनिल फिरोजिया को ज्ञापन सौंपा है. और पूजा-पाठ करने देने की अनुमति मांगी है. साथ ही पंडितों ने पुलिस पर भी कार्रवाई की मांग की है.
वीडियो में पंडितों को खदेड़ रही पुलिस
दरअसल जो वीडियो वायरल हो रहा है उसमें देखा जा सकता है कि सीएसपी पल्लवी शुक्ला महाकाल थाना पुलिस के साथ रामघाट पर पहुंची हैं. पुलिस पंडित सहित पूजा कर रहे लोगों को खदेड़ती नजर आ रही है. पुलिस कोरोना महामारी का हवाला देते हुए सभी को पूजा करने से रोक रही है. कई पंडियों पर डंडे भी बरसाए गए. पुलिस का कहना था कि कोरोना संक्रमण के चलते प्रशासन ने घाटों पर पिंडदान और अन्य पूजा-पाठ पर रोक लगाई है. लेकिन यह पंडित मानने को तैयार ही नहीं हैं. वहीं वीडियो सामने आने के बाद अब पुलिस की कार्यप्रणाली पर कई सवाल उठाए जा रहे हैं.
पंडितों ने सांसद फिरोजिया को सौंपा ज्ञापन
घटना के बाद सभी पंडित महाकाल थाना पुलिस का विरोध कर रहे हैं. इस संबंध में सभी ने मिलकर सीएम शिवराज सिंह और धर्मस्व मंत्री उषा ठाकुर के नाम उज्जैन सांसद अनिल फिरोजिया को एक ज्ञापन भी सौंपा है. ज्ञापन में सभी ने पंडितों को पूजा-पाठ करने की अनुमति दी जाने की मांग की है. और पुलिस पर सख्त कार्रवाई की भी बात लिखी है.
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अधिकारियों पर मनमानी के आरोप
बता दें, दो दिन पहले प्रशासन ने भोपाल के एक आला आधिकारी के घर में गमी होने पर पुलिस के साए में रामघाट पर पूजा-पाठ कराई थी. इस घटना के बाद से ही तीर्थ पुरोहित भड़क गए. उनका कहना है कि प्रशासन रसूखदारों को पुलिस के साए में पितृकर्म करा रहा है और आम लोगों पर डंडे बरसा रहा है. पंडितों ने अफसरों पर मनमानी के भी आरोप लगाए हैं.