उज्जैन । महाकाल की शाही सवारी को लेकर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है. याचिका में मंदिर प्रशासन और कलेक्टर के उस आदेश का विरोध किया गया है, जिसमें सवारी के परम्परागत मार्ग को बदलने के निर्देश दिए गए हैं. 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक बाबा महाकाल की शाही सवारी श्रावण मास में निकाली जाती है. जिसके रूट को कोरोना काल के चलते छोटा किया गया है. जिससे आम लोगों में काफी रोष है.
स्थानीय निवासी और पेशे से वकील प्रबल भार्गव ने याचिका लगाने की वजह बताते हुए कहा कि ये परंपरा बहुत प्राचीन है. कलेक्टर के आदेश के बाद महाकाल की सवारी के रूट में परिवर्तन किया गया है. जो गलत है. कोरोना काल में सभी सुरक्षात्मक उपायों को ध्यान में रखते हुए पुराने रूट से ही महाकाल की सवारी निकाली जानी चाहिए. इसके लिए ही उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
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परम्परागत मार्ग में महाकाल की शाही सवारी महाकाल मंदिर से होते हुए गुदरी चौराहा, कार्तिक चौराहा , शिप्रा नदी ,दानी गेट ,ढाबा रोड , गोपाल मंदिर के बाद महाकाल मंदिर में ही खत्म होती थी. नए मार्ग में ये सवारी महाकाल मंदिर से शुरू होकर बड़ा गणेश, सिद्धा आश्रम , शिप्रा नदी ,हरसिद्धि मंदिर और फिर महाकाल मंदिर में ही खत्म होगी.