उज्जैन। उज्जैन की सड़कों पर चलने वाली सिटी बस निगम के वार्कशॉप में धूल खा रही है. जिससे आम लोगों को एक जगह से दूसरी जगह जाने में खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं निगम का कहना है कि आचार संहिता के चलते अभी कोई टेंडर पास नहीं कर सकते हैं.
उज्जैन शहर सिटी बस ठेका निरस्त होने बाद स्मार्ट सिटी की करीब तीस बसें निगम के वर्कशॉप में धूल खा रही हैं. ठेका निरस्तीकरण के चलते निगम ने बसों का संचालन अपने हाथ में ले लिया है. निगम कमिश्नर ने आश्ववासन देते हुए कहा कि निगम के वर्कशॉप में कुछ बसें खड़ी हुई है. निगम ने फैसला लिया है कि पुराने ठेकेदारों ने कुछ शर्ताों का पालन नहीं किया है.
जिसके चलते बसों के संचालन में कुछ परेशानियां आ रही है. और लोकसभा चुनाव और आचार संहिता के चलते अभी हम नये टेंडर जारी नहीं कर सकते हैं. निगम खुद ही जनता की सुविधा के लिए बसें चला रहा है. हम आचार संहिता हटने के बाद बसों को सुचारु रुप से नये टेंडर के साथ चलाएंगे.
बस संचालन का ठेका भाजपा के पूर्व नगर अध्यक्ष इकबाल सिंह के भतीजे दिलराज सिंह ने रॉयल बस सर्विस के नाम से लिया था बसों का समय से मेंटेनेंस करने, परमिट लेने में लापरवाही और अन्य शर्तो के लगातार उल्लंघन करने के चलते नगर निगम ने ठेका समाप्त कर अमानत राशि जब्त कर ली थी.