इंदौर : शहर की भंवरकुआ पुलिस ने भिक्षावृत्ति करने और उसे बढ़ावा देने के मामले में दो पर मामला दर्ज किया है. बता दें कि इंदौर कलेक्टर ने 1 जनवरी से भिक्षा देने और भिक्षावृत्ति करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही थी. कलेक्टर ने साफ कहा था कि इसमें संलिप्त लोगों और भीख देने वाले लोगों पर मामला दर्ज किया जाएगा. वहीं अब शहर में ऐसी ही कार्रवाई देखने को मिल रही है.
इंदौर को बैगर फ्री बनाने की मुहिम जारी
दअरसल, इंदौर को भिक्षावृत्ति मुक्त बनाने के लिए कलेक्टर ने आदेश जारी किया था. इस आदेश का उल्लंघन करने वालों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है. एक ओर जहां भिक्षा करने वालों को समझाइश देकर उन्हें कई कार्यों में लगाया जा रह है, तो वहीं भिक्षा देने और भिक्षावृत्ति करवाने वालों के खिलाफ मुहिम जारी है. ऐसे लोगों पर जुर्माने के साथ जेल भेजने तक का प्रावधान किया गया है. वहीं भिक्षावृत्ति की सूचना देने वालों को पुरस्कृत किया जा रहा है.
भंवरकुआं पुलिस के पास आया वीडियो, मामला दर्ज
इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया, '' इंदौर के भंवरकुआ क्षेत्र में महिला द्वारा बार-बार भिक्षा लिए जाने का वीडियो सामने आया है. इस वीडियो के आधार पर शपथपत्र देने वाले उसके बेटे के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है. इंदौर में भिक्षावृत्ति को रोकने के लिए लोगों का भी काफी सहयोग मिल रहा है. भिक्षावृत्ति की जानकारी देने वाले 25 से ज्यादा लोगों को 1 हजार रु की सम्मान राशि दी जा रही है. वहीं भिक्षा मांगने वाले गरीब लोगों को कई कार्यों से जोड़ा जा रहा है, और बुजुर्ग भिक्षुकों को ओल्ड ऐज होम्स भेजा जा रहा है, जहां उनकी देखभाल हो सके.''
कलेक्टर ने बताया कि भिक्षावृत्ति करवाने या इसे बढ़ावा देने वाले समझाइश देने के बाद भी नहीं मानते हैं, तो प्रकरण दर्ज कर इनकी गिरफ्तारी भी की जा सकती है.
भिक्षावृत्ति उन्मूलन दल ने की थी शिकायत
एक अन्य मामले को लेकर भंवरकुआं थाना प्रभारी राजकुमार यादव ने बताया, '' भिक्षावृत्ति उन्मूलन दल के अधिकारी ने खंडवा नाका के पास हनुमान मंदिर में एक युवक भिक्षा देते हुए पाया, जिसपर जिला दंडाधिकारी के आदेश के उल्लंघन करने पर धारा 223 बीएनएस के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है. इसी प्रकार भंवरकुआं में भिक्षुक महिला द्वारा भंवरकुआं चौराहे पर भिक्षावृत्ति करने का आवेदन प्रस्तुत किया गया था. भिक्षावृत्ति करते पकड़े जाने पर उसके पुत्र मुकेश ने शपथ पत्र प्रस्तुत किया था लेकिन महिला फिर भिक्षावृत्ति करती पाई गई, जिसके बाद शपथ पत्र जारी करने वाले उसके पुत्र पर मामला दर्ज किया गया है.
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