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नेपाली बाबा ने कंप्यूटर बाबा को दी सलाह, कहा- राजनीति संतों के लिए नहीं होती - ujjain

आत्मानंद दस महत्यागी उर्फ नेपाली बाबा महाकाल मंदिर पहंचकर महाकाल बाबा का अभिषेक किए. जिसके बाद उन्होंने मीडिया द्वारा कंप्यूटर बाबा को लेकर कहा कि राजनीति संतों के लिए नहीं होती, भगवान का नाम लो और भजन करो.

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नेपाली बाबा महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे
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Published : Nov 12, 2020, 4:55 PM IST

उज्जैन। आत्मानंद दस महत्यागी उर्फ नेपाली बाबा महाकालेश्वर मंदिर में महाकाल के दर्शन करने पहुंचे. दर्शन के बाद नेपाली बाबा ने मंदिर के दर बने कोटेश्वर कुंड महादेव का विधिवत पूर्वक पूजन अभिषेक किया. इस दौरान उन्होंने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि किसी भी आपदा के संकट से अगर आप प्रभावित होते हैं तो शिव की शरण में जाएं.

नेपाली बाबा ने कंप्यूटर बाबा को दी सलाह

नेपाली बाबा ने अपनी इस यात्रा का उद्देश बताया कि वह कोरोना संक्रमण से ग्रस्त जनजीवन की शांति के लिए गंगोत्री और यमुनोत्री का जल लेकर बद्रीनाथ, केदारनाथ, बिहार, झारखंड, रामेश्वर, त्रंबकेश्वर, सोमनाथ, भीमाशंकर, नागेश्वर के बाद अब उज्जैन महाकाल पहुंचे है, यहां महादेव का अभिषेक किया है. अब वह ओमकारेश्वर की ओर जा रहे हैं. बाबा ने कहा कि हमारे ग्रह नक्षत्र के आदि पथ भगवान शिव हैं. इसलिए उन्हें प्रसन्न करने के उद्देश्य से जल चढ़ा रहे हैं. सभी जगह अभिषेक के बाद आखिरी में अयोध्या जाएंगे और सरकार को भी सलाह दी है कि कोरोना की आपदा से बचने के लिए शिव की शरण में आए.

नेपाली बाबा ने कंप्यूटर बाबा को दी सलाह

कंप्यूटर बाबा की गिरफ्तारी को लेकर नेपाली बाबा ने कहा कि मेरा उद्देश्य केवल ईश्वर की भक्ति करना है, राजनीति नहीं. कंप्यूटर बाबा को भी कई बार समझा चुके हैं कि राजनीति के चक्कर में मत रहिए, राजनीति केवल व्यक्ति विशेष के लिए होती है. संतों का काम है राजनीति बढ़ाना ना कि करना, नेता लोग सब तलवार चलाते हैं. कंप्यूटर बाबा को सलाह देते हुए कहा कि संत आशीर्वाद देते हैं, कंप्यूटर बाबा को कहा कि संतों की कैटेगरी से भटको नहीं अभी भी वक्त है. भगवान का नाम लो और भजन करो. सरकार की कार्रवाई को लेकर बाबा ने कहा कि इसमें कोई निंदा का विषय नहीं है, राजा हो या रंक सब अपना काम करते हैं और यही रामराज्य में भी होता था.

यह भी पढ़ें:- इंदौर सेंट्रल जेल में बंद कप्यूटर बाबा, अब माता की कर रहे आराधना

नेपाली बाबा ने कंप्यूटर बाबा को प्रधानमंत्री मोदी का उदाहरण देते हुए कहा कि मोदी तपस्वी थे. एक साधु थे तब जाकर राजा बने. यदि वह धर्म का काम करेंगे तो उन्हें मोक्ष मिलेगा. किसी भी राज्य का बड़ा मंत्री उन्हें कुछ भी कह देता है लेकिन उनमें बिल्कुल भी अहंकार नहीं है. उन्होंने कहा कि मोदी की दाढ़ी पहले छोटी थी लेकिन अब मुझे मोदी के लक्षण 15 साल शासन करने के बाद वापस वैराग्य की ओर लौटते दिख रहे हैं. वह धार्मिक शासक हैं, उनके राज में ही राम मंदिर संभव हुआ है.कई आए और चले गए यह धार्मिक शासक भी 15 साल बाद चला जाएगा वैराग्य की ओर.

उज्जैन। आत्मानंद दस महत्यागी उर्फ नेपाली बाबा महाकालेश्वर मंदिर में महाकाल के दर्शन करने पहुंचे. दर्शन के बाद नेपाली बाबा ने मंदिर के दर बने कोटेश्वर कुंड महादेव का विधिवत पूर्वक पूजन अभिषेक किया. इस दौरान उन्होंने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि किसी भी आपदा के संकट से अगर आप प्रभावित होते हैं तो शिव की शरण में जाएं.

नेपाली बाबा ने कंप्यूटर बाबा को दी सलाह

नेपाली बाबा ने अपनी इस यात्रा का उद्देश बताया कि वह कोरोना संक्रमण से ग्रस्त जनजीवन की शांति के लिए गंगोत्री और यमुनोत्री का जल लेकर बद्रीनाथ, केदारनाथ, बिहार, झारखंड, रामेश्वर, त्रंबकेश्वर, सोमनाथ, भीमाशंकर, नागेश्वर के बाद अब उज्जैन महाकाल पहुंचे है, यहां महादेव का अभिषेक किया है. अब वह ओमकारेश्वर की ओर जा रहे हैं. बाबा ने कहा कि हमारे ग्रह नक्षत्र के आदि पथ भगवान शिव हैं. इसलिए उन्हें प्रसन्न करने के उद्देश्य से जल चढ़ा रहे हैं. सभी जगह अभिषेक के बाद आखिरी में अयोध्या जाएंगे और सरकार को भी सलाह दी है कि कोरोना की आपदा से बचने के लिए शिव की शरण में आए.

नेपाली बाबा ने कंप्यूटर बाबा को दी सलाह

कंप्यूटर बाबा की गिरफ्तारी को लेकर नेपाली बाबा ने कहा कि मेरा उद्देश्य केवल ईश्वर की भक्ति करना है, राजनीति नहीं. कंप्यूटर बाबा को भी कई बार समझा चुके हैं कि राजनीति के चक्कर में मत रहिए, राजनीति केवल व्यक्ति विशेष के लिए होती है. संतों का काम है राजनीति बढ़ाना ना कि करना, नेता लोग सब तलवार चलाते हैं. कंप्यूटर बाबा को सलाह देते हुए कहा कि संत आशीर्वाद देते हैं, कंप्यूटर बाबा को कहा कि संतों की कैटेगरी से भटको नहीं अभी भी वक्त है. भगवान का नाम लो और भजन करो. सरकार की कार्रवाई को लेकर बाबा ने कहा कि इसमें कोई निंदा का विषय नहीं है, राजा हो या रंक सब अपना काम करते हैं और यही रामराज्य में भी होता था.

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नेपाली बाबा ने कंप्यूटर बाबा को प्रधानमंत्री मोदी का उदाहरण देते हुए कहा कि मोदी तपस्वी थे. एक साधु थे तब जाकर राजा बने. यदि वह धर्म का काम करेंगे तो उन्हें मोक्ष मिलेगा. किसी भी राज्य का बड़ा मंत्री उन्हें कुछ भी कह देता है लेकिन उनमें बिल्कुल भी अहंकार नहीं है. उन्होंने कहा कि मोदी की दाढ़ी पहले छोटी थी लेकिन अब मुझे मोदी के लक्षण 15 साल शासन करने के बाद वापस वैराग्य की ओर लौटते दिख रहे हैं. वह धार्मिक शासक हैं, उनके राज में ही राम मंदिर संभव हुआ है.कई आए और चले गए यह धार्मिक शासक भी 15 साल बाद चला जाएगा वैराग्य की ओर.

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