उज्जैन। महाकालेश्वर मंदिर में शिव नवरात्रि पर्व मनाने की शुरुआत बीती 10 फरवरी से हो चुकी है. इस दौरान यहां पूरे 9 दिन तक भगवान महाकाल का विधि-विधान के साथ पूजन-अभिषेक किया जा रहा है. कोटेश्वर कुंडा में कोटेश्वर महादेव के अभिषेक के बाद महाकाल का पूजन शुरू होता है. 9 दिन तक चलने वाले अनुष्ठान के इस क्रम में महाकाल अपने भक्तों को अलग-अलग रूपों में दर्शन देते हैं और अंत में महाशिवरात्रि मनाई जाती है.
10 लाख से ज्यादा श्रद्धालु आएंगे : इस साल महाशिवरात्रि शनिवार 18 फरवरी को मनाई जा रही है. इस अवसर पर देश-विदेश से 10 लाख से भी ज्यादा श्रद्धालुओं के उज्जैन पहुंचने की संभावना है. भोले के भक्तों के स्वागत में उज्जैन सज चुका है. महाकाल मंदिर समिति ने भक्तों की सुरक्षा सहित दर्शन व्यवस्था के पूरे इंतजाम कर लिए हैं. महाकालेश्वर के दर्शन करने आने वाले लोगों के लिए विशेष रोड मैप तैयार किया गया है.
ऐसी रहेगी व्यवस्था : महाशिवरात्रि पर्व पर श्रद्धालुओं के लिए महाकाल मंदिर समिति ने 16 जगह से आने-जाने की तैयारी की है. इंदौर, देवास, बड़नगर, आगर आदि क्षेत्रों से आने वाले वाहनों के लिए उज्जैन शहर से बाहर 16 कार पार्किंग और सब स्टेशन बनाए गए हैं. ये इस प्रकार है.
- मन्नत गार्डन
- हरिफाटक ब्रिज के नीचे
- वाकणकर ब्रिज टर्निंग के पास
- कर्कराज पार्किंग
- भील समाज पार्किंग
- कार्तिक मेला ग्राउंड पार्किंग
- कर्क राज के पहले महाकाल धाम के सामने
- कर्कराज के आगे कलौता समाज धर्मशाला वाली जगह शक्तिपीठ के पास
- ठाकुर भील समाज के सामने श्री मेवाडा समाज धर्मशाला
- रंजीत हनुमान से गांसा गांव रोड के दोनों तरफ
- हरसिद्धीपाल
- चक्रतीर्थ टर्निंग पार्किंग
- कृषि उपार्जन ग्राउंंड मुल्लापुरा
- इंजीनियरिंग कॉलेज ग्राउंड
- इंजीनियरिंग कॉलेज हाउसिंग बोर्ड
- प्रशांतिधाम (यू.डी.ए. ग्राउंड)
मंदिर तक जाने के लिए 100 बस : यदि श्रद्धालु रुड़की इंजीनियरिंग कॉलेज इलाके में कार पार्क करने के बाद मंदिर आना चाहते हैं तो वहां मंदिर प्रशासन ने 100 निःशुल्क बसें लगाई हैं, जो मंदिर तक छोड़ेंगी. श्रद्धालुओं को जूता स्टैंड होते हुए ही लौटना होगा. तय मार्ग के मुताबिक, 18 फरवरी को महाकाल मंदिर में लोगों को इस रास्ते आना होगा.
- कर्क राज पार्किंग पहुंचेंगे
- लोगों के लिए यहां बनाया गया जूता स्टैंड
- यहीं से दर्शन के लिए कतार शुरू होगी
- चारधाम से होते हुए त्रिवेणी संग्रहालय आएंगे
- इसके बाद महाकाल लोक पहुंचेंगे दर्शनार्थी
- श्रद्धालुओं को करीब ढाई किलोमीटर का मार्ग तय करना होगा
- लोगों को 3 कतार से होते हुए बैरिकेड्स पार करने के बाद मानसरोवर गेट तक लाया जाएगा
- मानसरोवर गेट से मंदिर में प्रवेश होगा
- पूरे मार्ग पर कारपेट बिछाए गए हैं
- मानसरोवर गेट से मंदिर में प्रवेश
- महाकाल टनल से होते हुए 6 नंबर गेट से मंदिर पहुंचेंगे लोग
- अलग-अलग कतार में कार्तिकेय मंडपम और गणेश मंडपम से महाकाल के दर्शन कर पाएंगे श्रद्धालु
रायसेन का यह शिव मंदिर अभी भी है अपूर्ण, महा शिवरात्रि पर लगता है भक्तों का तांता
24 घंटे CCTV निगरानी : बेरिकेटिंग में खड़े रहने के दौरान श्रद्धालुओं के लिए चार जगह शिव भजन मंडलियों द्वारा प्रस्तुति दी जाएगी. श्रद्धालुओं की सुरक्षा और अन्य गतिविधियों पर नजर रखने के लिए अधिकारी 24 घंटे सीसीटीवी से नजर रखेंगे. स्वास्थ्य विभाग की टीम भी इमरजेंसी सेवा के लिए तैयार रहेगी. इसमें करीब 100 डॉक्टर, नर्स, वार्ड बॉय और पेरामैडिकल स्टाफ की डयूटी रहेगी. 8 एएसपी, 25 डीएसपी, 45 टीआई सहित करीब 2000 पुलिसकर्मियों का बल सुरक्षा में तैनात रहेगा.