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बाबा महाकाल की निकाली गई शाही सवारी, भक्तों ने किए भोलेनाथ के दर्शन

उज्जैन में बाबा महाकाल की शाही सवारी निकाली गई, भगवान महाकाल नगर के भ्रमण पर निकले, इस दौरान भक्तों ने अपने आराध्य देव के दर्शन किए.

महाकालेश्वर
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Published : Nov 25, 2019, 9:06 PM IST

Updated : Nov 25, 2019, 9:11 PM IST

उज्जैन। कार्तिक-अगहन मास में निकलने वाली भगवान महाकाल की सवारियों के क्रम में सोमवार को शाही सवारी निकली. ढोल-नगाड़ों और जयकारों के साथ भगवान महाकाल चांदी की पालकी में विराजमान होकर नगर भ्रमण पर निकले, वहीं भक्तों ने अपने आराध्यदेव के दर्शन किए.

महाकाल की शाही सवारी

शाही सवारी निकालने के पहले महाकाल मंदिर के सभा मंडप में विधि- विधान से पूजन-अर्चन किया गया. पूजन के बाद शाम 4 बजे महाकाल मंदिर से सवारी शुरू हुई.

सवारी को मंदिर के मुख्य द्वार पर गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. सवारी महाकाल मंदिर से चली और गुदरी, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी होते हुए रामघाट पहुंची, जहां भगवान की शिप्रा के पावन जल से अभिषेक कर आरती उतारी गई. इसके बाद सवारी आगे के लिए बढ़ी.

उज्जैन। कार्तिक-अगहन मास में निकलने वाली भगवान महाकाल की सवारियों के क्रम में सोमवार को शाही सवारी निकली. ढोल-नगाड़ों और जयकारों के साथ भगवान महाकाल चांदी की पालकी में विराजमान होकर नगर भ्रमण पर निकले, वहीं भक्तों ने अपने आराध्यदेव के दर्शन किए.

महाकाल की शाही सवारी

शाही सवारी निकालने के पहले महाकाल मंदिर के सभा मंडप में विधि- विधान से पूजन-अर्चन किया गया. पूजन के बाद शाम 4 बजे महाकाल मंदिर से सवारी शुरू हुई.

सवारी को मंदिर के मुख्य द्वार पर गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. सवारी महाकाल मंदिर से चली और गुदरी, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी होते हुए रामघाट पहुंची, जहां भगवान की शिप्रा के पावन जल से अभिषेक कर आरती उतारी गई. इसके बाद सवारी आगे के लिए बढ़ी.

Intro:उज्जैन महाकालेश्वर की कार्तिक-अगहन मास की चौथी व शाही सवारी निकली


Body:उज्जैन महाकालेश्वर की कार्तिक-अगहन मास की चौथी व शाही सवारी सोमवार शाम 4 बजे परंपरानुसार निकाली गई। श्रावण-भादौ मास की तरह ही कार्तिक अगहन मास की शाही सवारी निकली, परंतु अगहन मास की सवारी में केवल भगवान महाकाल की पालकी ही निकली, अन्य विग्रह (मुखार विंद) आदि नहीं शामिल हुए। रजत जडि़त पालकी में भगवान चन्द्रमौलेश्वर .......
Conclusion:उज्जैन कार्तिक-अगहन मास में निकलने वाली भगवान महाकाल की सवारियों के क्रम में अगहन मास के सोमवार को शाही सवारी निकली। रास्तेभर भोले के जयकारे और भजन कीर्तन होता रहा। सभामंडप में महाकाल के स्वरूप चांदी के मुघौटे का पूजन किया। पूजन के बाद शाम 4 बजे महाकाल मंदिर से सवारी शुरू हुई।




कार्तिक एवं अगहन मास में प्रतिवर्ष निकाली जाने वाली सवारियों के क्रम में सोमवार को राजाधिराज महाकाल की शाही सवारी धूमधाम से निकली। ढोल-ढमाकों और जयकारों के साथ भगवान महाकाल चांदी की पालकी में विराजमान होकर नगर भ्रमण पर निकले तो भक्तों ने अपने आराध्यदेव के दर्शन किए।



शाही सवारी निकालने के पहले महाकाल मंदिर के सभा मंडप में विधि-विधान से पूजन-अर्चन किया गया। मंदिर के मुख्य द्वार पर गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। सवारी महाकाल मंदिर से चली और गुदरी, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी होते हुए रामघाट पहुंची, जहां तीनों लोकों के नाथ का शिप्रा के पावन जल से अभिषेक कर आरती उतारी गई। इसके बाद सवारी आगे के लिए बढ़ी।





बाइट --- सुजांत सिंह रावत महाकाल मंदिर प्रशासक

Last Updated : Nov 25, 2019, 9:11 PM IST
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