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आरक्षण का समर्थन करने वाले सांसद विधायक का विरोध, करणी सेना ने फूंके पुतले

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Published : Jul 3, 2020, 4:58 PM IST

उज्जैन सांसद अनिल फिरोजिया , घटिया और तराना विधायक के द्वारा आरक्षण को संविधान की नई सूची में शामिल करने के लिए पीएम और राष्ट्रपति को पत्र लिखा गया था, जिसके विरोध में उज्जैन में करणी सेना ने सांसद और विधायक का पुतला जलाया.

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उज्जैन। शहर में करणी सेना ने सांसद अनिल फिरोजिया और विधायक महेश परमार के साथ ही रामलाल मालवीय का पुतला जलाया. आरक्षण को संविधान की नई सूची में डालने को लेकर तीनों नेताओं के पत्र के वायरल होने के बाद उनके खिलाफ प्रदर्शन किया गया. करणी सेना ने ऐलान किया है कि आगामी 24 सीटों पर होने वाले उप चुनाव में प्रत्याशी द्वारा मंशा साफ करने के बाद ही उनका समर्थन किया जाएगा.

फिलहाल दोनों नेताओं से नाराज होकर उज्जैन के टॉवर चौराहे पर शुक्रवार को करणी सेना ने सांसद अनिल फिरोजिया, उज्जैन के तराना से कांग्रेस विधायक महेश परमार और घटिया से विधायक कांग्रेस के रामलाल मालवीय का पुतला जलाया. करणी सेना का आरोप है कि इन तीनों नेताओं ने एक पत्र प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को लिखा था, जिसमें आरक्षण को संविधान की नवीन अनुसूची में डालने की मांग की गई है. करणी सेना के मुताबिक अगर आरक्षण नई सूची में डाला तो आरक्षण हमेशा के लिए स्थाई हो जाएगा और इस पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई नहीं कर पाएगा.

करणी सेना ने आने वाली 24 विधानसभा सीटों के उप-चुनाव को लेकर कहा कि जो प्रत्याशी रहेगा उन्हें जनता के सामने आरक्षण को लेकर अपना रुख साफ करना पड़ेगा तभी करणी सेना उनका समर्थन करेगी.

उज्जैन। शहर में करणी सेना ने सांसद अनिल फिरोजिया और विधायक महेश परमार के साथ ही रामलाल मालवीय का पुतला जलाया. आरक्षण को संविधान की नई सूची में डालने को लेकर तीनों नेताओं के पत्र के वायरल होने के बाद उनके खिलाफ प्रदर्शन किया गया. करणी सेना ने ऐलान किया है कि आगामी 24 सीटों पर होने वाले उप चुनाव में प्रत्याशी द्वारा मंशा साफ करने के बाद ही उनका समर्थन किया जाएगा.

फिलहाल दोनों नेताओं से नाराज होकर उज्जैन के टॉवर चौराहे पर शुक्रवार को करणी सेना ने सांसद अनिल फिरोजिया, उज्जैन के तराना से कांग्रेस विधायक महेश परमार और घटिया से विधायक कांग्रेस के रामलाल मालवीय का पुतला जलाया. करणी सेना का आरोप है कि इन तीनों नेताओं ने एक पत्र प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को लिखा था, जिसमें आरक्षण को संविधान की नवीन अनुसूची में डालने की मांग की गई है. करणी सेना के मुताबिक अगर आरक्षण नई सूची में डाला तो आरक्षण हमेशा के लिए स्थाई हो जाएगा और इस पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई नहीं कर पाएगा.

करणी सेना ने आने वाली 24 विधानसभा सीटों के उप-चुनाव को लेकर कहा कि जो प्रत्याशी रहेगा उन्हें जनता के सामने आरक्षण को लेकर अपना रुख साफ करना पड़ेगा तभी करणी सेना उनका समर्थन करेगी.

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