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मध्य रात्रि लोगों ने किए भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन, साल में एक बार खुलता है मंदिर का कपाट

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Published : Aug 5, 2019, 9:25 AM IST

नाग पंचमी के मौके पर महाकाल मंदिर में स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर का कपाट खोला गया. आज श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के कपाट 24 घंटे के लिए खुले रहेंगे .

नाग पंचमी

उज्जैन। सावन का तीसरा सोमवार और नाग पंचमी का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है. इस अवसर पर महाकालेश्वर मंदिर के शिखर में स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर का कपाट खोला गया. यहां पुजारियों ने पारंपरिक तरीके से शेषनाग पर विराजित भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा-अर्चना की. आज श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के कपाट 24 घंटे के लिए खुले रहेंगे .

नाग पंचमी में खुले नागचंद्रेश्वर के कपाट
विश्वप्रसिद्व महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन के लिए यूं तो हर दिन भक्तों का तांता लगा रहता है, लेकिन नागपंचमी के दिन महाकाल मंदिर के शिखर के मध्य में स्थित नागचंद्रेश्वर के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं को सालभर इंतजार करना पड़ता है. इसका कारण यह है कि यह मंदिर साल में केवल एक बार नागपंचमी के दिन ही खुलता है. इस दिन लाखों लोग भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन कर पूजा-अर्चना करते हैं.

नाग पंचमी के दिन नागचंद्रेश्वर के दर्शन के लिए शाम से ही श्रद्धालु लाइन में लगे रहे. बताया जा रहा है कि नागपंचमी के अवसर पर 5 लाख श्रद्धालु भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं. इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने से सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम किए गए हैं. बता दें कि परमार राजा भोज ने 1050 ईस्वी के लगभग इस मंदिर का निर्माण करवाया था. जिसके बाद इसके बाद सिं‍धिया घराने के महाराज राणोजी सिंधिया ने 1732 में महाकाल मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया था.

उज्जैन। सावन का तीसरा सोमवार और नाग पंचमी का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है. इस अवसर पर महाकालेश्वर मंदिर के शिखर में स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर का कपाट खोला गया. यहां पुजारियों ने पारंपरिक तरीके से शेषनाग पर विराजित भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा-अर्चना की. आज श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के कपाट 24 घंटे के लिए खुले रहेंगे .

नाग पंचमी में खुले नागचंद्रेश्वर के कपाट
विश्वप्रसिद्व महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन के लिए यूं तो हर दिन भक्तों का तांता लगा रहता है, लेकिन नागपंचमी के दिन महाकाल मंदिर के शिखर के मध्य में स्थित नागचंद्रेश्वर के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं को सालभर इंतजार करना पड़ता है. इसका कारण यह है कि यह मंदिर साल में केवल एक बार नागपंचमी के दिन ही खुलता है. इस दिन लाखों लोग भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन कर पूजा-अर्चना करते हैं.

नाग पंचमी के दिन नागचंद्रेश्वर के दर्शन के लिए शाम से ही श्रद्धालु लाइन में लगे रहे. बताया जा रहा है कि नागपंचमी के अवसर पर 5 लाख श्रद्धालु भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं. इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने से सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम किए गए हैं. बता दें कि परमार राजा भोज ने 1050 ईस्वी के लगभग इस मंदिर का निर्माण करवाया था. जिसके बाद इसके बाद सिं‍धिया घराने के महाराज राणोजी सिंधिया ने 1732 में महाकाल मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया था.

Intro:नाग पंचमी पर साल में एक बार खुलने वाले नाग चंद्रेश्वर मंदिर पर लाखो श्रदालु दर्शन करने पंहुचें। सोमवार को नाग पंचमी का सयोंग। 24 घंटे खुला रहेगा मंदिर , Body:विश्व प्रसिद् महाकालेश्वर मंदिर के शिखर स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट साल में एक बार रात 12 बजे खुलते है जो अगले दिन रात 12 बजे तक 24 घण्टे के लिए सतत खुले रहते है । आज सोमवार को नागपंचमी होने के चलते विशेष दिन माना जा रहा है। महाकाल मंदिर में स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर के मंहत प्रकाश पुरी महाराज तथा उनके प्रतिनिधीयों ने पट खुलने के बाद शेषनाग पर विराजित भगवान शिव तथा पार्वती की मूर्ति की पूजा की और करीब एक घंटे तक पूजा के बाद श्रृद्वालुओं के लिए मंदिर में दर्शन शुरू किए गए। Conclusion:विश्वप्रसिद्व महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन के लिए यूं तो हर दिन हजारों भक्तों की भीड उमडती है लेकिन नागपंचमी के दिन महाकाल मंदिर के शिखर के मध्य में स्थित नागचंद्रेश्वरके दर्शनों को करने के लिए श्रृद्वालुओं को सालभर इंतजार करना पडता हैै। इसका कारण यह है कि यह मंदिर साल में केवल एक बार नागपंचमी के दिन ही खुलता है तथा इस दिन लाखों लोग भगवान नागचंदे्रश्वर के दर्शन कर अपने को धन्य समझते है। नागपंचमी के दिन होने वाले दर्शनों के लिए शाम से ही श्रृद्वालु लाइन में लगे थे। भगवान नागचंद्रेश्वर के इस दुर्लभ दर्षन को पाने की चाह में बुढे, बच्चे, महिला-पुरुष सभी कई घण्टो तक इंतजार करते नजर आये , रात 12 बजे जैसे ही मंदिर के महंत प्रकाश पुरी जी महाराज मंदिर के पट खोले खोलने के लिए पहुचते है तो जय महाकाल के उदघोष से पुरा आकाष गुजांयमान हो जाता है। भगवान नागचंदे्रष्वर के जन्मदिन के रुप में मनाया जाने वाला यह पर्व प्रतिवर्ष लाखो श्रद्धालुओं द्वारा इसी आनंद-उमंग और पुर्ण आस्था के साथ मनाया जाता है।



बाईट---मंहत प्रकाश पुरी महाराज (पुजारी महाकाल मंदिर....पहचान सफेद दाडी है )

वी.ओ.- 11 वी शताब्दी के परमार कालीन इस मंदिर के शिखर के मध्य बने नागचंदे्रश्वर के मंदिर में शेष नाग पर विराजित भगवान शिव तथा पार्वती की यह दुर्लभ प्रतिमा है तथा साल में केवल एक बार ही खुलने वाले इस मंदिर के दर्शन के लिए करीब पांच लाख श्रृद्वालु उज्जैन पंहुचंगे। मंदिर में सुरक्षा को देखते हुए बम स्क्वाड , सी सी टी वि कैमरे , मेटल डिटेक्टर के अलावा 1500 पुलिस कर्मी और प्रशाशनिक अमले के आला अधिकारी मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था संभाले हुए है यह मंदिर काफी प्राचीन है. माना जाता है कि परमार राजा भोज ने 1050 ईस्वी के लगभग इस मंदिर का निर्माण करवाया था। इसके बाद सिं‍धिया घराने के महाराज राणोजी सिंधिया ने 1732 में महाकाल मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया था। उस समय इस मंदिर का भी जीर्णोद्धार हुआ था। नागपंचमी पर श्र्धलुओ यही मनोकामना रहती है कि नागराज पर विराजे शिवशंभु की उन्हें एक झलक मिल जाए। लगभग पांच लाख से ज्यादा भक्त एक ही दिन में नागदेव के दर्शन करते हैं।

नागचंद्रेश्वर के दर्शन के लिए एक दिन पहले ही रात 12 बजे मंदिर के पट खोल दिए जाते हैं। दूसरे दिन नागपंचमी को रात 12 बजे मंदिर में फिर आरती होती है और मंदिर के पट पुनः बंद कर दिए जाते हैं। नागचंद्रेश्वर मंदिर की पूजा और व्यवस्था महानिर्वाणी अखाड़े के संन्यासियों द्वारा की जाती है।

बाइट-- श्रद्धालु
बाइट--- श्रद्धालु
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