उज्जैन। धार्मिक नगरी उज्जैन में सावन के पहले सोमवार पर भगवान महाकाल शाही ठाठ से चांदी की पालकी में सवार होकर नगर भ्रमण पर निकले. भगवान महाकाल महेश के रूप में पालकी में सवार होकर अपनी प्रजा का हाल जाना. सबसे पहले सभा मंडप में महाकालेश्वर मंदिर के पंडित पुजारी द्वारा विधि विधान से पूजन पाठ किया गया. इसके बाद मुख्य द्वार पर पुलिस जवानों ने गॉड ऑफ ऑनर दिया. पुलिस बैंड ने 'ओम नमः शिवाय' की धुन बजाई और आगे-आगे घुड़सवार चले. वहीं, शिप्रा के तट पर पालकी का पूजन अभिषेक हुआ, इसके बाद पालकी वापस महाकाल मंदिर पहुंची.
महाकाल की 10 सवारियां निकलेंगी भ्रमण पर: बाबा महाकाल को सबसे पहले महाकालेश्वर मंदिर के पास सभा मंडप में चांदी की पालकी में विराजित किया गया. भगवान महेश के रूप में विराजित हुए. इसके बाद महाकालेश्वर मंदिर के पंडे पुजारियों ने भगवान महाकाल का विधि विधान से पूजन पाठ किया. जिसमें कलेक्टर और एसपी भी शामिल हुए. इसके साथ ही भगवान महाकाल की सवारी मंदिर प्रांगण से रवाना हुई. आगे-आगे पुलिस बैंड, घोड़े और पुलिस बल चला. साथ ही भजन मंडली भी सवारी में शामिल हुई. इस बार लंबा सावन मास होने के कारण भगवान महाकाल की 10 सवारियां नगर भ्रमण पर निकलेंगी.
मंत्री से लेकर एसपी तक हुए पूजा में शामिल: महाकालेश्वर मंदिर की सवारी की पूजा उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव, पूर्व मंत्री पारस जैन, महापौर मुकेश टटवाल, कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम, एसपी सचिन शर्मा ने की. बाबा महाकाल की सवारी महाकालेश्वर मंदिर से निकलकर महाकाल घाटी, गुदरी चौराहा, हरसिद्धि पाल होते हुए शिप्रा के तट पहुंची. यहां पूजन अभिषेक के बाद दोबारा सवारी महाकाल मंदिर पहुंची, यहां पालकी के साथ सवारी का समापन हुआ.